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Wednesday 13 May 2020

सर्वनायक -3 मस्ती में खिखिखि अध्याय - युग्म का रहस्य -राज कॉमिक्स की कॉमेडी कहानी-2

सर्वनायक ।।।

मस्ती में खिखिखि अध्याय - युग्म का रहस्य । 

लंच टाइम में गपशप -

नागराज - अच्छा एक बात बताये महाबली । आप अलोप से भोकाल बनने के लिए " भो भो काल " क्यों चिल्लाते है । 

भोकाल - अरे यार ये सब शब्दांकन करने वालो की करतूत है । वे इफ़ेक्ट डालने के लिए " भो भो काल " लिख देते है । गुररर । 

नागराज - हम्म । अच्छा एक और बात बताये । 

भोकाल - पूछो पूछो । 

नागराज - भोकाल से दोबारा अलोप बनने के लिए आप क्या करते है । जरूर " आ आ लोप " बोलते होंगे है ना । हिहिहि । 

भोकाल - कभी ध्यान नही दिया इस बात पे लेकिन तुम ये सब पूछ क्यों रहे हो  कही मेरा मजाक तो नही उड़ा रहे ? 

तभी आवाज आती है । स्कसकसकसक ....... । 

नागराज - मेरे आने से पहले आते है सांप ओर उसके आने से पहले आती है स्कसकसक कि आवाज । 

भोकाल - किसके आने से पहले ? 

नागराज - शक्ति शक्ति शक्तिमान ।

शक्तिमान - वाह अच्छा हुआ दोस्त मैं सीधा तुम्हारे पास पहुचा । 

नागराज - तुम यहाँ कैसे मित्र । 

भोकाल - मुझसे भी मिल लीजिये " शक्ति शक्ति शक्तिमान " । 

शक्तिमान - मैं शक्तिमान हू, शक्ति शक्ति शक्तिमान नही । गुररर । 

भोकाल - पर अभी नागराज तो तुम्हे शक्ति शक्ति शक्तिमान बुला रहा था । 

शक्तिमान - ये क्या हरी खाल में लाल चड्डी । मेरे आने पे मेरा उपहास उड़ाया तुमने । 

नागराज - अरे नही नही मित्र । वो तो तुम्हारा इंट्रो दे रहा था इसलिए एक्साइटमेन्ट में बोल बैठा । 

भोकाल - ऐसे आप बिन बुलाए कैसे पधारे यहां । सर्वनायक में तो आप है ही नही । 

शक्तिमान - आना पड़ा भोकूँ । अभी अभी सप्त ऋषिगण ने मुझे बताया है कि युग्म कोई और नही तमराज किलविष है जो युग्म के भेष में युगों को नष्ट कर हर युग मे अंधेरा फैलाना चाहता है । 

भोकाल - मेरा नाम भोंकु नही है लाल वस्त्र में सूरजमुखी के फूल । 

शक्तिमान - मेरा नाम भी शक्ति शक्ति शक्तिमान नही है स्विमिंग सूट धारक । 

नागराज - अरे गुस्सा न करे आप दोनों । अब जो शक्ति शक्ति शक्तिमान ने युग्म का रहस्य उजागर किया है तो उसका हमे फायदा उठाना चाहिए । 

शक्तिमान - गुररर । तूने फिर से उपहास उड़ाया मेरा । 

भोकाल - खिखिखि । 

शक्तिमान - हस मत तीन पत्नी वाले । 

भोकाल - बहुत जोर की खिखिखि । 

शक्तिमान - बहुत जोर से की हुई क्रोध में गुर्रर्ररर । 

नागराज ओर भोकाल गिरते पड़ते - खिखिखि । 

तभी वहां शक्ति आती गई । 

शक्ति - क्या हो रहा है यहां । 

भोकाल - ये लो । पहले शक्ति शक्ति शक्तिमान आया और अब आयी   सुईईईईईई शक्ति । 

शक्ति - मैं सिर्फ शक्ति हू, सुईईईईईई शक्ति नही । और ये सुईईईईईई क्यों जोड़ा मेरे नाम से । 

नागराज - वो क्या है न की तुम प्रकाश की गति से उड़ती हो ना तो तुम जहा भी जाती हो और कही से भी आती हो तो सुईईईईईई की आवाज आती है । 

इत्ता कहते ही नागराज और भोकाल फिर से खिखियाने लगे । खिखिखि 

दोनो की खिखिखि शक्ति के दोनों को जोर का चांटा  ( चटाक ) जमाने के साथ बन्द हुई । 

शक्तिमान - खिखिखि । 

शक्तिमान के हसते ही एक जोर का चांटा उसे भी शक्ति से पड़ा  ( चटाक )

शक्ति के चांटे के पड़ते ही तीनो एक लाइन से गांधी जी के बंदर तीन के तरह खड़े हो जाते है ।  

क्रमशः 

आगे की कहानी कल । कल होगा इस कथा का अंत । क्योंकि किलविष उर्फ युग्म का कल होगा अंत .......

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