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Tuesday 29 March 2022

जितेश तलवानी की कलम से

 #Controversies_of_the_week


समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम।


तो दोस्तों आइए देखें कैसा बीता ये हफ्ता कॉमिक्स जनता का:

1. RCMG द्वारा सुपर कमांडो ध्रुव की ब्रांड-न्यू 3 पार्ट 1 शॉट कॉमिक्स शक्तिरुपा रिलीज की गयी। हालांकि नयी कॉमिक्स के इस अकाल काल में ऐसी कॉमिक्स का रिलीज होना अपने आप में किसी उत्सव की तैयारी करने वाली खबर से कम नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन शक्तिरुपा की खबर आते ही विवादों में ऐसे घिरी जैसे दमपिशाचों के बीच में हैरी पॉटर... क्यूंकि पूरी होते हुए भी शक्तिरूपा अधूरी है। इसके बावजूद हर्षोल्लास से शक्तिरूपा का स्वागत हुआ और भोली जनता में उम्मीद फिर से जगी कि शायद इसी तरह बाकी की रुकी हुई सीरीज़ पूरी हो सकें हालांकि जानकारों की मानें तो अब मुद्दा और उलझेगा।


2. इस हफ्ते का दूसरा बड़ा बवाल भी शक्तिरूपा की वजह से ही हुआ। प्रचार हुआ कि शक्तिरूपा की बिक्री ने कॉमिक्स जगत में सबसे तेजी से OOS होके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और नटराज फिर चैम्पियन! कैडेट मण्डली भी ऐसे बौराई और उछलना शुरू हुई जैसे कॉमिक्स की बिक्री का कुछ हिस्सा इनको भी जा रहा हो.. लेकिन कॉमिक्स जगत में जब भी कुछ ऐसा होता है तो एक आवाज़ आती है: रुको ज़रा, सबर करो! और इस बार भी ऐसा ही हुआ क्यूंकि बार बार पूछे जाने पर भी RCMG वालों ने ये नहीं बताया कि उन्होंने असल में छापी कितनी कॉपियां थीं और इस जानकारी के अभाव में उनका ये दावा संदिग्ध हो गया! रही सही कसर तब पूरी हो गयी जब RCMG वालों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शक्तिरूपा  की सबसे तेज गति से OOS हो जाने वाली कॉमिक्स की एंट्री नहीं भेजी। खैर, देखते हैं भविष्य में इस पर क्या नई जानकारी आती है!


3. RCMG द्वारा शक्तिरूपा रिलीज किए जाने का अगर सबसे बड़ा धक्का अगर किसी को लगा तो वो लगा RCSG को... उनको तो ऐसा लगा कि उनके साथ थारा भाई जोगिंदर वाला प्रैंक हुआ है... यो जोगिंदर, थारा भाई जोगिंदर, ऐसे यथारूप वाली कॉमिक्स निकाल देगा, किसी ने सोच्ची ना होगी... और इसी मलाल में RCSG की तरफ से खूब व्यंग्य के बाण चले और कॉमिक्स जनता, जो कि महँगी कॉमिक्स से त्रस्त है, ने इस फ्री शो के खूब मजे लिए। कई लोगों ने नाम ना बताने की शर्त पर ये तक कह दिया कि ऐसा उच्च स्तरीय मनोरंजन उन कॉमिक्स में क्यूँ नहीं देते दोनों भाई, जो लोग इतने महंगे दाम देके खरीद रहे हैं!


4. कॉमिक्स जगत में एक बहुत बड़ा मुद्दा ये रहा है कि आर्टिस्टों को उनके किए हुए काम का यथोचित क्रेडिट और सम्मान नहीं मिलता और शक्तिरूपा में भी ऐसा ही हुआ, जब कलरिस्टों के नाम की जगह राज कॉमिक्स टीम लिखा गया, जिस पर कई लोगों को आपत्ति हुई लेकिन उन लोगों को इतना समझना चाहिए कि जब RC के पुराने काम को ही अपना बता दिया गया तो कलरिस्टों के नाम ना लिखना कौन सी बड़ी बात हो गई!


5. नागायण CE के लॉन्चोत्सव से शुरू हुआ बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है और हर दिन कुछ नया निकल आ रहा है। इस बार भी RCSG वालों की तरफ से तो पहले ऐसे रुझान दिए गए कि यूनीक नंबर  सिर्फ पहले 200 CE तक दिया जाएगा और जब इस बात पर लानत मलानत हुई ये कहकर कि कोई सेन्स है इस बात की?.. तब खंडन किया गया लेकिन जिन बवालियों ने ना पहले लेनी थी, ना अब.. उनको इस स्पष्टीकरण से भला क्या लेना-देना!


6. नागपर्व का एनीमेटेड ट्रेलर बहुत ही लम्बे इंतजार के बाद RCSG द्वारा रिलीज किया गया। हालांकि आम कोमिक्स जनता को काफी पसन्द आयाऔर लगभग सबने अपने चहेते सुपरहीरोज के नए नवेले लुक को सराहा लेकिन एक सुपरहीरो के तथाकथित पंखे एकदम कबीर सिंह मूड बनाकर बोले: किसने ध्रुव के लुक को चेंज किया मदरबोर्ड हालांकि ऐसा करते हुए वो शादी-पार्टी में मुँह फुलाए घूमते मौसा-फूफा ज़्यादा लगे... चीखते ही रहे वो मासूम! 


7. और आखिर में, इस हफ्ते दो नयी कॉमिक्सों की घोषणा हुई  जो वैसे तो बहुत ही खुशी की बात है क्यूंकि उसमें से एक है सर्पसत्र सीरीज का तीसरा भाग सर्पयज्ञ.. लेकिन जैसे ही डिटेल्स आयीं, कॉमिक्स जनता का दिमाग वैसे ही घूम गया जैसे सर्पद्वंद पढ़कर किसी पाठक का घूम जाता है क्यूंकि कॉमिक्स की बढ़ी कीमतों और लम्बी खिंचती हुई सीरीज के माहौल में, जिन जनूनियों ने RCMG के नाम की जीने मरने की कसमें खा ली थीं, उसी ने नयी कॉमिक्स के पेज 48 से घटाकर 32 किए (33% गिरावट) लेकिन कीमत 200 से घटाकर केवल 180 किया(10% घटोतरी)!

जनूनियों ने सोचा था कि RCMG से करेंगे नयी सस्ती कॉमिक्स की आस, पर वहां भी उनका भाजी-पाला निकला...

जनूनियों की समझ में नहीं आ रहा कि अब वो प्रति पेज कॉस्ट कैसे निकालें... 180/32 वाले फॉर्मूले से या 20/16 वाले!

रही सही कसर कॉमिक्स इंडिया वालों ने 100/32 का नया फार्मूला देकर पूरी कर दी!

जनूनी बी लाईक: आखिर हम करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या?


सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें...

मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!

Friday 18 March 2022

जितेश तलवानी की कलम से

 साल:2022

समय: रात के करीब 8 बज रहे हैं

स्थान: दिल्ली एयरपोर्ट

एक आदमी अपनी इंग्लैंड जाने वाली फ्लाइट के लिए चेक-इन और इमिग्रेशन आदि की औपचारिकताओं से फारिग हो चुका है और उसके पास लगभग 20-25 मिनट का समय है फ़्लाइट बोर्ड करने के लिए...

वो सोचता है कि सफ़र के लिए कोई किताब ले ली जाए और वो एयरपोर्ट के बुक स्टोर में चला जाता है। वहां उसको भिन्न-2 प्रकार की किताबें दिखती हैं लेकिन उसका मन किसी भी किताब को लेने के लिए बन नहीं पा रहा। वक़्त गुज़रता जा रहा है, सफ़र लम्बा है और उसको अब एक किताब बहुत ही जल्द चुननी ही होगी, अगर पूरे रास्ते बोर नहीं होना। वो सोच ही रहा था कि अचानक उसकी नजर एक शेल्फ पर पड़ी.. पहले तो उसको अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ लेकिन जब उसने करीब जाके देखा तो उसका दिल कुलांचे मार उठा! ये... ये तो कॉमिक्स है.. अरे वाह.. वही कॉमिक्स जिसे पढ़कर उसका बचपन गुज़रा.. बचपन में जिसे खरीदे बिना वो ट्रेन में नहीं चढ़ता था और पूरे सफ़र में उस एक कॉमिक्स को ना जाने कितनी बार पढ़ता था जब तक वो सारे चित्र उसकी आँखों के जरिए दिल तक ना उतर जायें... चाचा चौधरी, नागराज, ध्रुव, बिल्लू, पिंकी, राम रहीम... इन सब की कई पढ़ी हुई कॉमिक्स की याद अब तक उसके ज़हन में थी।

उसने देखा कि उस कॉमिक्स का नाम था शक्तिरुपा, सुपर कमांडो ध्रुव की थी वो कॉमिक्स... उस आदमी ने कुछ पन्ने पलटे और ऐसा लगा कि जैसे गुज़रा वक़्त वापिस आ गया है क्यूंकि स्कूल के बाद कॉमिक्स से उसका नाता टूट गया था और उसको तो यही लगता था कि शायद अब कॉमिक्स आना ही बंद हो गयी क्यूंकि अब वो दिखती नहीं थी उसको कहीं... लेकिन आज ये कॉमिक्स हाथ में लेकर उसकी खुशी का ठिकाना ना था। उसने इस नयी कॉमिक्स को ही खरीदने का निश्चय किया, पेज भी अच्छे खासे थे तो उसका सफ़र आराम से कट जाता। कॉमिक्स लेकर जब वो बिलिंग काउन्टर पर पहुंचा तो कॉमिक्स की कीमत सुनकर ही उसको एक जोर का झटका लगा... 1100 रुपयों की कॉमिक्स? इतनी महँगी? उसको तो कोहराम कॉमिक्स की कीमत याद थी 40 रुपये, जिनको इकट्ठा करने के लिए उसने एक हफ्ता स्कूल में कुछ नहीं खाया था और अपना पेट काटकर उन बचाए हुए पैसों से वो कॉमिक्स खरीदी थी और जब घर पर पता चला कि 40 रुपये की कॉमिक्स खरीदी है तो खूब डांट भी पड़ी थी.. ये शक्तिरूपा कॉमिक्स उससे दुगनी मोटी लग रही थी, लेकिन कीमत में कई गुना ज़्यादा थी!

खैर, अब ज़िन्दगी में एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया था कि कुछ खरीदते हुए कम से कम रुपये-पैसे की तो दिक्कत नहीं थी, इसलिए उस आदमी ने शक्तिरूपा खरीद ली और अपने बैग में डाल ली और फ्लाइट बोर्ड करने चल दिया।

बोर्डिंग समयानुसार हुई और उड़ान भी समय पर थी... फ्लाइट टेक ऑफ हुई और विमान हवा में उड़ चला हीथ्रो एयरपोर्ट की तरफ...

आदमी ने कमर की पेटी खोली और बड़े ही इत्मिनान से अपने बैग से कॉमिक्स निकालकर पढ़ना शुरू कर दिया। उसको बहुत मज़ा आ रहा था, हालांकि उसको ये भी लग रहा था कि कई चीजें हैं कहानी में, जो उन कॉमिक्सों से सम्बन्धित हैं, जो उसको पता भी नहीं थी कि आयी हैं... फ्लाइट और कहानी काफी तेजी से बढ़ रहे थे हालांकि उस आदमी को हिन्दी पढ़ने में थोड़ी असुविधा हो रही थी क्यूंकि कई सालों से उसने हिन्दी में कुछ भी नहीं पढ़ा था लेकिन वो एक चीज़ समझ पा रहा था कि इस कॉमिक्स की हिन्दी का स्तर उतना उच्च नहीं था जितना उसके बचपन में पढ़ी हुई कॉमिक्स में होता था।

खैर, उसने देखा कि कहानी पार्ट्स में है और वो एक पार्ट खत्म करके दूसरा पार्ट पढ़ रहा था... अब जैसे ही उसने दूसरा पार्ट खत्म करके तीसरा पार्ट शुरू करने के लिए पन्ना पलटा, उसको समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है.. किधर गए रंग? उसको लगा शायद इस पेज में कोई तकनीकी दिक्कत हुई होगी तो रंग नहीं भरा गया होगा, इसलिए उसने आगे के पन्ने पलटे.. लेकिन वो आगे के पन्ने भी बेरंग निकले... वो आदमी एकदम हैरान परेशान हक्का-बक्का सा रह गया... उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि कहानी के तीसरे हिस्से में रंग क्यूँ नहीं हैं? कहीं उसके हिस्से में डिफेक्टिव कॉमिक्स तो नहीं आ गयी? ऐसा कैसे हो सकता है..? अचानक उसके दिमाग में ख्याल आया, कहीं ये तीसरा पार्ट 3-D कॉमिक्स तो नहीं है, जिसको 3-D चश्मा लगाकर पढ़ना पड़ता हो, जैसे उसने बचपन में जंगल की रानी नाम की कॉमिक्स पढ़ी थी?शायद तभी कॉमिक्स इतनी महँगी थी, लेकिन फिर बुक स्टोर वाले ने उसको वो 3-D चश्मा दिया क्यूँ नहीं? उसने कॉमिक्स के कवर को ध्यान से देखा कि शायद कहीं 3-D चश्मे के बारे में लिखा हो लेकिन ऐसा भी नहीं था!

सवाल कई थे, लेकिन जवाब एक भी नहीं.. और फ्लाइट में उसके पास इसके बारे में पता लगाने का कोई साधन भी नहीं था....

लन्दन करीब आ रहा था, लेकिन कॉमिक्स की कहानी अब कहीं पीछे छूट चुकी थी और अब दिमाग में थे तो बस सवाल.....

#ShaktiRoopa

#KuchBhi