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Thursday 19 August 2021

सोमिल आर्य की कलम से -4

 : सुपरमैन वर्सेज ध्रुव :-


एक मोस्ट वांटेड अपराधी की तलाश में सुपरमैन राजनगर में आता है और उसके आते ही राजनगर के पक्षियों से ध्रुव को सूचना मिल जाती है कि कोई पराशक्ति वाला परग्रही यहां आया है।

फिर वो सुपरमैन से मिलने निकल पड़ता है और आखिरकार उसे ढूंढ़ ही लेता है।

ध्रुव : कौन हो तुम ?

सुपरमैन : मै सुपरमैन हूं यहां एक मोस्ट वांटेड अपराधी की तलाश में आया हूं और उसे मारे बिना नहीं जाऊंगा।

वैसे तुम कौन हो ?




ध्रुव : मै सुपर कमांडो ध्रुव हूं,  यह क्षेत्र मेरे संरक्षण में है और मेरे रहते यहां कोई किसी का बाल भी बांका नहीं कर सकता चाहे वो बाल किसी अपराधी का ही क्यों ना हो।

इसी प्रकार उन दोनों में बहस बढ़ते - बढ़ते विवाद बन जाता है और ये विवाद एक महायुद्ध का रूप ले लेता है।

सर्वप्रथम सुपरमैन ने ध्रुव को अपनी हीट विजन से निशाना बनाया।

ध्रुव उछल कूद कर बच जाता है सुपरमैन के हीट विजन का कोई भी वार ध्रुव को छू तक नहीं पाता है।

तत्पश्चात ध्रुव अपनी स्टार ब्लेड से सुपरमैन के ऊपर ताबड़तोड़ हमला करता है और सुपरमैन का शरीर घायल हो जाता है मगर फिर सुपरमैन भी ध्रुव को एक मुक्का मारता है जिससे ध्रुव बहुत दूर जाकर गिरता है।

फिर सुपरमैन ध्रुव के पास उड़ता हुआ आता है और उसे मारने की कोशिश करता है मगर ध्रुव उसके वार को बचा लेता है और पकड़ के सुपरमैन को एक किक मारता है जिससे सुपरमैन जमीन के नीचे आ जाता है।

फिर उसके बाद ध्रुव सुपरमैन को स्टार लाइन से बांध कर एक मुक्का मारता है तो सुपरमैन से मुंह से खून  की बौछार निकालने लगती है।

मगर जल्दी ही सुपरमैन स्टार लाइन तोड़ के आजाद हो जाता है और ध्रुव को हीट विजन का निशाना बना देता है। हीट विजन ध्रुव के बाएं कंधे से छू के निकल जाती है।

तब ध्रुव समझ जाता है कि इसे रोकना ज़रूरी है वरना ये कोई बड़ी तबाही फैला सकता है।

ध्रुव ने तुरंत ही पास में पड़ा एक लोहे का रॉड उठाके सुपरमैन के सिर में मारता है।

लोहे की रॉड पड़ते ही सुपरमैन तड़पने लगता है

और सुपरमैन का सिर फट जाता है खून निकल आता है।

फिर भी सुपरमैन ध्रुव से लड़ता रहता है।

ना जाने कितने घंटो तक दोनों यूं ही एक दूसरे से द्वंद्व करते रहे मगर ध्रुव भी हार मानने वालों में से नहीं था और फिर आखिरकार ध्रुव की मजबूत बाहों से सुपरमैन की गर्दन जा फंसी।

सुपरमैन ने बहुत कोशिश करी छुड़ाने की मगर असफल रहा। 

फिर भी ध्रुव समझ चुका था कि सुपरमैन ऐसे नहीं हार मानने वालो में से नहीं है।

और मन ही मन में ध्रुव ये भी सोच रहा था कि " ऐसे तो ये द्वंद्व अनिश्चितकाल तक चलता ही रहेगा, कुछ तो करना ही पड़ेगा जिससे मै इस सुपरमैन को हरा सकू।

ओह एक आइडिया आ तो रहा है शायद काम कर जाए "

तब उसने कमांडो फोर्स से सुपरमैन के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि सुपरमैन को सिर्फ क्रिप्टो नाइट से ही मारा जा सकता है जो सिर्फ सुपरमैन के दुश्मन बैटमैन के पास है।

तब ध्रुव बैटमैन से मानसिक संपर्क स्थापित करके उसे अपने स्टार कॉप्टर द्वारा यहां बुलवा लेता है और इस बीच ध्रुव ने पूरे 3 घंटे तक सुपरमैन की गर्दन को अपने मजबूत हाथो से जकड़ रखा था....और जब बैटमैन आ जाता है तो उससे क्रिप्तो नाइट ले के सुपरमैन को मार देता है।

         :- समाप्त -:

सोमिल आर्य की कलम से -3

 सबम नायक :-

एक युग...................ध्रुव का युद्ध।


सबम नायक प्रतियोगिता के अन्तर्गत ध्रुव को थानोस के पास और जोजो को अपोकलिप्स ग्रह के शासक ' DARKSEID ' के पास भेजा जाता है उनसे लडने के लिए।

नियम ये था कि जो सबसे पहले विजयी होकर लौटेगा वोह इस स्पर्धा का विजेता होगा।

सर्वप्रथम, जोजो जब अपोकालिप्स के शासक DARKSEID से लडने जाता है तो DARKSEID की टेढ़ी - मेढ़ी हीट विजन जोजो को अपना निशाना बनाती है जिससे असावधान जोजो तुरंत ही बैकुंठ धाम की यात्रा पर चला जाता है।

DARKSEID भी मन ही मन कहता है कि " कैसे - कैसे मच्छर मुझे मारने पड़ रहे हैं। "

दूसरा भाग - अब जब ध्रुव thanos के सामने पहुंचता है तो Thanos पूछता है कि " तुम कौन हो प्राणी और कहां से आए हो।"

तब ध्रुव कहता है कि मै हूं सुपर कमांडो ध्रुव।

तुम्हारे जैसे परग्रही दैत्यों का काल।

अभी - अभी कुछ दिन पहले ही तेरे ही जैसे एक परग्रही की गर्दन 3 घंटे तक दबोच के रखी थी मैंने आज तेरा नंबर है।" 

इतना कहने के बाद ध्रुव Thanos के ऊपर ताबड़तोड़ स्टार ब्लेड्स से हमला कर देता है लेकिन स्टार ब्लेड्स Thanos तक पहुंच पाते इससे पहले ही Thanos तक वहां से teleport होकर ध्रुव के पीछे पहुंच जाता है और ध्रुव को एक जोरदार किक मारता है।

ध्रुव का सिर चकरा जाता है लेकिन उसकी इच्छाशक्ति ने उसे बेहोश ना होने दिया।

इस बार जब ध्रुव उठा तो Thanos को सोचने तक को मौका ना दिया और अपने कलारीपायात्तू के दांव पेंच से Thanos के कंसबल ढीले कर दिए और आखिर में ध्रुव का मुक्का खाकर Thanos तक ज़मीन चाटने लगा।

Thanos को हारता देख उसकी सारी सेना का मनोबल बुरी तरह से टूट गया और सब भाग गए।

और तब ज़मीन के नीचे पड़े हुए Thanos ने ज्यो ही उठने की कोशिश करी।

ध्रुव का भारी भरकम पैर Thanos के सिर को दबाता हुआ वापस ज़मीन से सटा देता है और लाख कोशिश करने के बावजूद ध्रुव के पैर के नीचे से अपने आपको निकाल नहीं पाता है। 

तब Thanos ने अपने आराध्य देव ' DARKSEID को याद किया और उनसे सहायता मांगी।

DARKSEID जोकि एक देवता ( अंधेरे का ) या लगभग एक भगवान् समान था अपने ग्रह अपोकलीप्स का, वोह तुरंत ही अपने बेटे Kalibak के साथ Thanos की मदद को पहुंचे।

मगर यह क्या, Thanos की इतनी बुरी दुर्दशा देखकर DARKSEID अत्यंत क्रोधित होते हुए अपने बेटे Kalibak को ध्रुव को मसलने का आदेश देते है।

शायद वे ध्रुव को एक मच्छर समझ रहे थे और अब वे मच्छर मारने के मूड में लग नहीं रहे थे।

तो उनके सूवर जैसे बेटे Kalibak ने ध्रुव के ऊपर छलांग लगा दी मगर ध्रुव कलाबाजियां खाकर बच जाता है और Kalibak की टांग को अपने हाथ से पकड़कर, अपनी पूरी इच्छाशक्ति झोंकते हुए उसने Kalibak के शरीर के दो टुकड़े कर दिए।

DARKSEID आश्चर्य के सागर में गोते लगाने लगा।

उसका मुंह बंद और गुस्से से आंखे सुर्ख लाल हो रही थी।

नथुने फूल - पिचक रहे थे।

मन में बस यही एकमात्र अरमान रह गया था कि ' अब इस इंसान रूपी मच्छर को मै ही मसलूंगा, वो भी अपने खुले हाथो से।'

मगर उसने अभी सुपर कमांडो ध्रुव के जज्बे और हिम्मत और इच्छाशक्ति को पहचाना कहां था।

जिसकी इच्छाशक्ति के आगे बड़े से बड़े खलनायकों ने भी अपने घुटने टेक दिए, उसकी इच्छाशक्ति को अभी ललकारा कहां था।

मगर DARKSEID भी अंधेरे का देवता था। इतनी जल्दी पराजित होनी वाली शक्सियत नहीं थी।

ये वोह ज़ालिम देवता है जिसने कई ग्रहों को तोड़ा , फोड़ा और उजाड़ा था सिर्फ शासन करने के लिए।

और उसके लिए ध्रुव एक मच्छर से ज्यादा कुछ भी नहीं था।

अब DARKSEID ने गुस्से से भरी उन लाल सुर्ख आंखो से टेढ़ी मेंढ़ी हीट विजन से ध्रुव के ऊपर हमला करता है।

ध्रुव की उछलकूद फिर से चालू हो जाती हैं।

बिजली की गति से ध्रुव लगातार अपने आपको उस टेढ़ी मेढी हीट विजन का निशाना बनने से बच रहा था मगर जहां जहां ध्रुव कुलाटी मारे वहां वहां वह टेढ़ी मेढी हीट विजन ध्रुव को निशाना बनाने के लिए पहुंच जाए।

और ध्रुव सोचने के लिए मजबूर हो जाता है कि " ऐसे तो ये हीट विजन देर सबेर मुझे अपना निशाना बना ही लेगी, कुछ तो करना पड़ेगा ध्रुव वरना मै, प्राण, प्रतियोगिता और अपना युग तीनों को हार जाऊंगा।

मगर इस बिफरे हुए सांड से निपटू कैसे।

अरे वाह ! एक आइडिया आ तो रहा है ट्राई करके देखता हूं। "

तब ध्रुव ने अपनी यूटिलिटी बेल्ट में रखा हुआ पोर्टेबल आइना निकाला और उसे उस हीट विजन के सामने कर दिया।

फलस्वरूप हीट विजन पलट के DARKSEID को ही लग जाती है और DARKSEID ज़मीन में गिर जाता है।

और ध्रुव DARKSEID के ऊपर स्टार ब्लेड्स से हमला करना शुरू कर देता है जिससे DARKSEID घायल होने लगता है। क्रोधवश DARKSEID ने अपनी हीट विजन से ध्रुव के दोनों ब्रेसलेट तोड़ डाले।

अब ध्रुव के पास कोई हथियार नहीं बचा था जिससे कि वो DARKSEID का मुकाबला कर सके।

तब उसने अपने शारीरिक बल और इच्छाशक्ति द्वारा ही DARKSEID को मारने की ठान ली और उछल कर DARKSEID के पीछे जाकर उसकी गर्दन को अपने मजबूत शिकंजे में फंसा लेता है और DARKSEID का गला घुटने लगता है। वोह लाख छुड़ाने की कोशिश करता है लेकिन ध्रुव की इच्छाशक्ति के आगे उसकी सारी कोशिशें नाकाम सिद्ध होती है और अब उसकी आंखे बाहर की ओर निकालने को तत्पर होने लगती है तभी उसने अपनी टेढ़ी मेढी हीट विजन से ध्रुव को पीछे से ही सही पर निशाना बना देता है।

ध्रुव घायल हो जाता है और DARKSEID उसकी पकड़ से आजाद हो जाता है।

अब ध्रुव को अपना और अपने युग का अंत अपने सामने नज़र आ रहा था।

तब ध्रुव ने अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाके अपनी इच्छाशक्ति की तरंगों को मदद के लिए फैला देता है और उसकी इच्छाशक्ति की तरंगों कई यूनिवर्स पार करके एसगार्ड नामक ग्रह पर जा पहुंचती है और वहां के राजकुमार एवम् महान योद्धा Thor को ढूंढ निकालती है और उसके मोजीर ( हथोड़े ) को थोर सहित अपोकिलिप्स ग्रह पर जा फेंकती है और थोर का हथौड़ा उसके हाथो से छूटकर ध्रुव के हाथ में जा पहुंचता है।





ये ध्रुव की मजबूत इच्छाशक्ति का ही कमाल था कि वो मोजिर Thor के हाथो से छूटकर ध्रुव के हाथ में जा पहुंचता है।

मगर तब तक Thanos भी संभल चुका होता है और ध्रुव के ऊपर कूदने के लिए छलांग लगा देता है मगर कमांडो अपनी अपनी इच्छाशक्ति का अद्भुत प्रदर्शन करते है वहां से हट जाता है और एक हथौड़ा Thanos के कमर में मार देता है और Thanos की कमर टूट जाती है तब ध्रुव Thanos की छाती पे बैठ के Thanos का गला दबा के उसे मौत की नींद सुला देता है।

और अब DARKSEID को मारने के लिए हथौड़ा उठाया और दौड़ते हुए ध्रुव उसी हथोड़े से DARKSEID का सिर एक झटके में पके टमाटर की भांति फोड़ देता है और उसका भेजा बाहर निकाल देता है।

        :- समाप्त -:

सोमिल आर्य की कलम से -2

 : कप्तान कूल वर्सेज डेडपूल :-

लेखक - सोमिल आर्या

परिकल्पना - Pratham A 





आज राजनगर का वोह हिस्सा काफी शांत सा, वीराने जैसा लग रहा था।

जगह - राजनगर के डंप यार्ड के पीछे वाला गोरा कब्रिस्तान के पीछे वाली गली।

इटली और अमेरिका के ड्रग माफिया ' बास्तेटो ' और चार्ल्स ' आज उस जगह, राजनगर के ड्रग लॉर्ड ' चिन्नास्वामी ' से मीटिंग करने आए हुए थे।

इस बात से बेखबर कि कोई काला कौवा उन्हें लगातार देख रहा है।

और राजनगर में सारे पक्षी सिर्फ एक ही इंसान की जासूसी करती है। किसकी ? 

बताने की ज़रूरत नहीं।

चार्ल्स - चिन्नासामी, तुम्हे फक्का यखीन है ना कि इधर कोई धिक्कत नहीं होगी हम लोगो को मीठिंग करने में ?

चिन्नास्वामी - डोंट वरी, मिस्टर चार्ल्स, हम यहां पर है इस बात का पता तो रॉ, सी.आई.ए. भी नहीं लगा सकती और किसी की तो दूर की बात है।

बास्टेतो - हमें रॉ, सी.आई.ए. का डर नहीं, हम तो उस शैतान का अवतार से डारा हुआ है।

एक शैतान तुम्हारे देश में तो एक हमारे देश में हम लोगो की जान का धुस्मन बना हुआ है। इसीलिए वहां का रिस्क ना लेके हम लोग इधर को मीटिंग किया।

इधर वोह तुम्हारा शैतान का अवतार आ भी गया तो हम लोगो की फौज से बच के नहीं जा पाएगा। आखिर है तो इंसान ही ना।

मगर हमारे देश में जो है वो तो साक्षात् शैतान ही है। उसपे तो गोली, बम, चाकू, तमाम हथियार उसके ऊपर बेकार है।" 

काले कौवे ने, दूसरे काले कौवे को, दूसरे काले कौवे ने तीसरे काले कौवे को जानकारी दी कि कब्रिस्तान के पीछे वाली गली में कुछ अज्ञात लोग मौजूद हैं।

और कौवे के द्वारा जल्द ही यह जानकारी सुपर कमांडो ध्रुव के पास पहुंचा दी गई।

ध्रुव ने सुपर बाइक पे सवार होकर निकल पड़ा।

( कब्रिस्तान में ) ठो फिर हम लोगो की ढील फक्की ना ? 

चार्ल्स बोला।

चिन्नास्वामी - ऑफकोर्स चार्ल्स जी ऑफकोर्स, डील तो पक्की हो गई है तो आप लोग क्यों ना मेरी मेहमान नवाजी का आनंद उठाइए, मेरे अड्डे पे चलके।

वहां पर आप लोगो के जश्न का पूरा इंतजाम किया गया है और जश्न के बाद आप दोनों की थकावट उतारने वाली का भी इंतजाम किया गया है।

मगर आप लोग ज़रा ये बताइए कि आप लोग वहां इटली और अमेरिका में किसके आतंक से इतना डरे हुए है? ऐसा कौन सा माई का लाल पैदा हो गया जिससे आप लोग भी घबरा गए ?

चार्ल्स - डेड....

उसका नाम भी मत लो चार्ल्स। ( बास्टेटो ने चार्ल्स को बीच में ही टोकते हुए कहा )

उस मनहूस तलवारबाज़ ने तो हमारा जीना हराम कर रखा है। ( बास्तेतो ने दांत पीसते हुए कहा )

तभी चिन्नास्वामी ने दोनों से कहा " अब यहां समय बर्बाद करने से कोई फायदा नहीं होने वाला, अड्डे चलके थोड़ा मूड फ्रेश कर लीजिएगा।

तीनों गाड़ी में बैठने ही वाले थे कि एक जबरदस्त हवा का झोंका आया और चार्ल्स का सिर अपने धड़ से गायब हो गया था।

सभी लोगो ने अपनी बंदूके, पिस्तौल लोड करके हाथो में पकड़ ली, यहां - वहां नजर मारी पर कोई दिखाई ना पड़ा।

तभी एक सुर्ख लाल पोशाक पहने एक व्यक्ति, जिसके दोनों हाथो में कटाना (तलवार) थी। वोह ऊपर से पके आम की भांति टपका और अपनी सरसराती कटाना से 2 दर्जन गुंडों के हाथ पैर सिर 22 सेकेंड में काट कर ज़मीन में बारिश की बूंदों की तरह बिखरा दिए और अपनी गन निकाल के 8 लोगो का भेजा फाड़ देता है और कहता है कि " ये मेरा हेल्लो कहने का स्टाइल है " और उनकी पैंट उतार - उतार कर कुछ चेक करने लगा और बोला - कुछ लोगो ने मेरे घर में आकर मेरे सारे सामान का सत्यानाश कर दिया। तब मै घर पे नहीं था।

मै तब भी उन्हें छोड़ देता मगर तुम सालो ने मेरा फेवरेट चढ्ढा भी गायब कर दिया जिसे मै दिलोजान से प्यार करता था। इसीलिए अब तो मै नहीं छोडूंगा तुम लोगो को क्योंकि मुझे पता चला है कि वोह तुम ही लोगो का गैंग था जो मेरे घर में आए और मेरा चढ्ढा गायब कर दिया। ज़रा देखू तो तुममें से किसी ने मेरा चढ्ढा तो नहीं पहना है 


चिन्नास्वामी और बास्तेटों ने गाड़ी में बैठ कर उस नकाबपोश को उड़ाने की सोची मगर वोह नकाबपोश फूर्ति से उछलकर गाड़ी के ऊपर आया और अपनी दोनों कटाना चिन्नास्वामी और बास्टेतो की सिर में गाड़ी के ऊपर से ही पेवस्त कर दिया।

सभी को निपटाने के बाद वोह नकाबपोश जा ही रहा था कि स्टार लाइन ने उसके पैरो में लिपट कर उसे गिरा दिया।

नकाबपोश - किस सूवर की मौत आई है जो डेडपूल को रोक कर अपने पंचनामे के कागज पर खुद हस्ताक्षर कर रहा है ?

मुझे सुपर कमांडो ध्रुव कहते है और ये नगर मेरे संरक्षण में है और कोई भी व्यक्ति यहां कानून व्यवस्था को धता बताकर मेरे हाथो की पकड़ से नहीं बच सकता।

क्योंकि कानून के तो सिर्फ हाथ ही लंबे है मगर मेरा ये भी लंबा है।

Deadpool - क्या ?

ध्रुव - अबे, स्टार लाइन की बात कर रहा हूं।

डेडपूल - अबे, तेरी स्टार लाइन की तो ऐसी की तैसी, 

तेरे संरक्षण में चाहे ये नगर हो या हो नगर निगम।

डेडपूल को जहां भी गंदगी नजर आएगी, वहां थोक के भाव में फिनायल डाल के साफ करेगा।

ध्रुव - जो भी हो। अब तुम्हे यहां अपने आपको कानून के हवाले करना होगा। उसके बाद तुम्हारा क्या करना है वो हमारी न्याय पालिका समझ लेगी।

अब बेहतर यही है कि तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे साथ चलोगे वरना मुझे दूसरे रास्ते अपनाने पड़ेंगे।

डेडपूल - अबे जा, मै जा रहा हूं और अगर अपने ओवर स्मार्ट से भरी हुई बुद्धि वाले सिर को अपने धड़ पे देखना नहीं चाहते हो तभी रोकियों मुझे।

इतना कहकर डेड पूल जाने लगा तो ध्रुव ने अपनी स्टार लाइन से उसे बांध दिया। डेडपूल ने भी अपनी कटाना से स्टार लाइन काट डाली और उछलकर ध्रुव के जबड़े पे लात रसीद कर दी।

अचानक पड़ी लात से ध्रुव का सिर चकरा गया।

होश संभालते हुए उठा और कलाबाज़ी खाते हुए डेड पूल को एक जोरदार किक मारी जिससे डेडपूल भी थोड़ी दूर जाकर गिरता है।

डेडपूल के गिरते ही ध्रुव उसके ऊपर स्टार ब्लेड्स की बौछार कर देता है। 

डेडपूल थोड़ा घायल हो जाता है मगर उसके घाव भी जल्द ही भर जाते है।

उधर डेडपूल ने भी अपनी गन निकाल के ध्रुव के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।

मगर कप्तान तो आखिर कप्तान है।

कोई भी ध्रुव को छू भी ना सकी और डेडपूल की गन की मैगजीन खाली हो जाती है।

अब ध्रुव ने अपना मुक्का डेड पूल के थोबड़े पे मारा तो डेडपूल के चार दांत टूट जाते है मगर तुरंत ही उसकी जगह नए दांत भी आ जाते है।

ध्रुव भी हैरत में पड़ गया कि ये कमबख्त है क्या चीज़। क्या इसके शरीर में रेजेनरेशन की शक्ति मौजूद है या फिर ये कोई चमत्कार है। अगर ये चमत्कार है तो मुझे भी अपना चमत्कार इसे दिखाना ही पड़ेगा।

तब ध्रुव अपनी इच्छाशक्ति के द्वारा एक मोटा बरगद का पेड़ उखाड़कर डेड पूल के ऊपर दे मारता है मगर डेडपूल ऐन वक्त पर अपनी कटाना से वोह पेड़ काट डालता है और खड़ा हो जाता है।

ध्रुव - तुम्हारे लिए अच्छा यही है कि अपने आपको कानून के हवाले सौंप दो वरना तुम देख ही चुके हो कि मै अपनी इच्छाशक्ति से क्या क्या कर सकता हूं।

डेडपूल - " अबे तेरी, इच्छाशक्ति की बत्ती बनाके मै तेरे कान में डालूंगा, हट जा मेरे रास्ते से वरना जान से मार डालूंगा।"

दोनों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं थे और इसीलिए उन दोनों में फिर से द्वंद्व शुरू हो जाता है।

कभी ध्रुव भारी पड़ता तो कभी डेडपूल। दोनों बहुत देर तक एक दूसरे से लड़ते रहे

और फिर ध्रुव ने अपनी इच्छाशक्ति से भरी हुई जोरदार किक डेडपूल के सीने में मार दी और डेडपूल, डेडबॉडी बन जाता है।

ध्रुव डेडबॉडी का निरीक्षण

करने उसके पास जाता है।

मगर तभी डेडपूल झटके से उछल कर ध्रुव के पीछे खड़ा हो जाता है और अपनी कटाना से ध्रुव की कमर पे वार करता है जिससे ध्रुव की यूटिलिटी बेल्ट टूट जाती हैं और ध्रुव की पैंट नीचे की ओर खिसकने लगती है।

और ध्रुव का ध्यान भटकने लगता है जिस कारण डेडपूल की कटाना का एक वार ध्रुव की बाह को छू के निकल जाता है।

तभी वहां पे रिचा उर्फ ब्लैक कैट की एंट्री होती है और वो ध्रुव से कहती है कि " तुम फिक्र मत करो ध्रुव, मै आ गई हूं, तुम्हारी मदद करने को। "

ध्रुव - कोई बात नहीं ब्लैक कैट, मै अपनी इच्छाशक्ति से अपनी पैंट संभाल लूंगा, मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत नहीं। तुम जाओ यहां से।

ब्लैक कैट - तुम लड़को की यही प्रॉब्लम है, मर जाएंगे मगर एक लड़की की सहायता नहीं लेंगे। अपना ये झूठा आत्मसम्मान अपने पास रखो और चुपचाप मेरी मदद ले लो।" 

तब ब्लैक कैट ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक टेलिस्कोपिक पूछ को बढ़ा कर ध्रुव की कमर में बांध देती है जिससे कि उसकी पैंट ना सरक जाए। मगर अगले ही पल डेडपूल अपनी कटाना से ब्लैक कैट की पूछ को काट डालता है जिससे ब्लैक कैट को गुस्सा आ जाता है और वोह अपने धारदार पंजों से डेड पूल के ऊपर हमला करती है मगर डेड पूल की किक ब्लैक कैट को पीछे की ओर धकेल देती है।

तब डेड पूल कहता है कि " क्यों री छमिया, ये नीला - पीला तेरा खसम लगता है क्या ? जो इसके लिए अपनी जान देने पे तुली है। वैसे है तो तू मेरी कटाना जितनी ही तेज तर्रार और मुझे काली बिल्लियां बहुत पसंद है  मेरे साथ डेट पे चलेगी क्या ? 

तुझे हर सुख दूंगा मै, बस एक बार तू मेरी हो जा।

ये नीला पीला तो तुझे भाव भी नहीं देता और देगा भी कैसे, इसने कभी हथियार ना उठाने की कसम जो खाई हुई है। इसीलिए ये तुझे खुश नहीं कर सकता मतलब नहीं रख सकता है।

तब डेडपूल अपना दिल निकाल कर ब्लैक कैट के सामने रख देता है और बोलता है कि ये सिर्फ तुम्हारे लिए ही धड़क रहा है ब्लैक कैट, आई एम् इन लव विथ यू ब्लैक कैट।

ये दृश्य देखकर ब्लैक कैट सकते में आ जाती है कि ये इंसान है या कोई मुर्दा, जो अपना सीना चीर दिल निकाल लेता है वोह भी अपने हाथो से। 

अभी तक ध्रुव अपनी पैंट संभालने में ही लगा हुआ था और तब डेड पूल कहता है कि " क्यों बे कप्तान, बड़ा उछल कूद मचा रिया तू, ज़रा पैंट उतार अपनी, देखू तो कहीं तू ही तो मेरा चढ्ढा पहन के उसे गंदा तो नहीं कर रहा।"

तब ब्लैक कैट ध्रुव को हौसला देते हुए कहती है कि, इसे मार डालो ध्रुव, ये इंसान नहीं है और भूलो मत तुम जुपिटर के सितारे हो।

तब डेड पूल बोलता है कि " जुपिटर का सितारा ? 

मगर जुपिटर तो मरा हुआ तारा है ना, डेड स्टार।

खैर मुझे क्या, तू कहीं का भी सितारा हो मगर अभी तो तू एक बेल्ट का मारा है ना ?

अब मुझे बस ब्लैक कैट मिल जाए तो मै टेम्स नदी में जाके डुबकी लगा आऊ।

यह सब सुनकर ध्रुव को क्रोध आ जाता है और

वोह अपनी इच्छाशक्ति से अपनी पैंट संभालते हुए डेड पूल के जबड़े पे लात जड़ दी और डेडपूल साइड में जा गिरता है।

तब डेडपूल कहता है कि " अबे बुझे हुए सितारे, क्यों अपनी मौत को दावत दे रहा है, मरना तो तुझे है ही अपनी मौत को कष्टदायक क्यों बनाना चाहता है।

अब तो तुझे बताना ही पड़ेगा कि डेडपूल क्या चीज है।" और अपनी कटाना निकाल के फुर्ती से ध्रुव का दाया हाथ उसके कंधे से जुदा कर देता है और ध्रुव के मुंह से दर्दनाक चीख निकल जाती है।

ब्लैक कैट भी उछल के आती है डेडपूल पे हमला करने के लिए मगर उसी क्षण उसके ऊपर उसकी रहस्यमई बीमारी का दौरा पड़ता है और ब्लैक कैट बेहोश हो जाती है।

तब ध्रुव उठता है और कहता है कि कोई बात नहीं, तुझे परास्त करने के लिए मेरा एक हाथ ही काफी है" और ध्रुव अपनी इच्छाशक्ति लगा के खड़ा हो जाता है और लड़ने लगता है।

तभी डेडपूल ध्रुव का बाया पैर भी धड़ से काट डालता है और ध्रुव फिर गिर जाता है। फिर ध्रुव कहता है कि मुझमें अभी भी इतनी इच्छाशक्ति है कि तुझसे लड़ सकु " और ध्रुव अपनी इच्छाशक्ति लगा के खड़ा हो जाता और बाएं हाथ से स्टार ब्लेड्स मारता है। 

सारे स्टार ब्लेड्स डेड पूल की कटाना से टकराने लगे और इधर उधर जाने लगे।

तब डेड पूल ने ध्रुव का बायां हाथ भी काट डालता है।

अब ध्रुव का साथ सिर्फ उसका दायां पैर ही दे रहा था और डेडपूल ने उसे भी काट डाला।

शरीर के दोनों हाथ पैर काटने के बाद भी उस लहूलुहान जिस्म में इच्छाशक्ति बहुत बाकी थी।

अपनी बची खुची इच्छाशक्ति लगा कर ध्रुव उछल उछल कर डेडपूल को अपने सिर से मार रहा था मगर डेडपूल की कटाना ने एक अंतिम वार किया और कप्तान का सिर धड़ से अलग कर देता है और इसी के साथ अपने कप्तान की इहलीला समाप्त हो जाती है। 

और जाते - जाते डेडपूल कहता है। " एक बात मत भूल, बेस्ट किलर इज डेडपूल।

        -: सेवा समाप्त :-

सोमिल आर्य की कलम से -1

  कष्टहर्ता :- 💜

            💚



अफगानिस्तान के गंभीर हालात देखकर ध्रुव वहां जाने का निर्णय लेता है।

करीम - कैप्टन, क्या वहां जाना सही रहेगा क्योंकि अब तक किसी भी देश ने उनकी तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है। "

ध्रुव - कोई देश मदद को आगे आए ना आए, यह मेरा कर्तव्य है कि वहां जाकर मानवता की रक्षा करू, क्योंकि हमारा कर्म हमारे धर्म से बड़ा होता है।

और मेरा कर्म यही कहता है कि जो मुसीबत में हो उसकी रक्षा करना सर्वोपरि है तभी हम लोग सही मायने में मानव कहलाएंगे।"

रेणु - ठीक है कैप्टन, अगर आपने जाने की ठान ही ली है तो हमें भी अपने साथ ले चलिए।"

ध्रुव - नहीं रेणु, मै वहां तुम लोगो की जान खतरे में नहीं डाल सकता। इस विपदा से मुझे स्वयं निपटना होगा।"

शीघ्र ही ध्रुव अपने स्टार कॉप्टर में बैठकर अफगानिस्तान के लिए रवाना हो जाता है। अफगानिस्तान पहुंचते ही ध्रुव का मुसीबतों से सामना होना शुरू हो गया था।

अपना स्टार कॉप्टर काबुल में उतारते ही तालिबानी लड़ाके उसके ऊपर टूट लड़ते है और फायरिंग करनी शुरू कर देते है।

ध्रुव की किसी मानव की जान ना लेने की कसम आज उसे भारी पड़ने वाली थी।

मगर आज ध्रुव किसी को भी बख्शने के मूड में बिल्कुल नहीं था।

उसके मन में तालिबानों के प्रति नफरत इतनी प्रचंड थी कि आज सभी उस आग में झुलसने वाले थे।

करीब 400 लड़ाके ध्रुव के ऊपर टूट पड़े।

उनकी बंदूके तो ध्रुव का कुछ बिगाड़ नहीं पाई तो उन्होंने उसे जिंदा पकड़ने की ठान ली ताकि उसे अपने तालिबानी आका ' अबू बकर अल असद' के सामने पेश कर सके।

परन्तु जिस तरह आज ध्रुव के हाथ पैर तालिबानों के अंगो का नक्शा बिगाड़ रहे थे उससे लगता नहीं था कि ध्रुव उनके काबू में आएगा।

हालांकि ध्रुव में इच्छाशक्ति और साहस की कोई कमी तो ना थी,

परन्तु था तो वो सिर्फ एक मानव ही ना।

उससे जितना हो सका वोह लड़ा, उनके लिए जो खुद अपने लिए नहीं लड़ सके।

कुछ ही देर में ध्रुव अपनी इच्छाशक्ति, साहस और एकमात्र हथियार स्टार ब्लेड्स की मदद से उस स्थान को तालिबानों की लाशों से भर देता है। परंतु इतना लड़ते लड़ते अब उसकी इच्छाशक्ति भी जवाब दे रही थी, हालांकि उसके अंदर इस चीज की कोई कमी तो ना थी मगर उसके जख्मों से गिरते हुए खून ने उसे अत्याधिक कमजोर कर दिया था।

मैदान साफ हो चुका था। ऐसा ध्रुव को लगा इसीलिए वोह थोड़ा निश्चिंत हो गया था।

मगर तभी 2500 तालिबानों की फौज ने अचानक से धावा बोल दिया और ध्रुव को धोखे से बंदी बना लिया।

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 स्थान - पुल - ए - खिस्ती बाजार, कुंदुज, अफगानिस्तान।

"जहां एक समय इस बाज़ार में अफ़ग़ानिस्तान की लगभग सभी वस्तुएं मिला करती थी आज वहां गुलाम औरतों की खरीद फरोख्त चल रही है।

अफ़ग़ानिस्तान के लगभग सभी पुरुष अपने बीवी और बच्चों को यही छोड़कर देश से निकलने की फिराक में लगे हुए है। कैसे मतलबी लोग है जो अपने ही परिवार को काल व अपमान का ग्रास बनने के लिए छोड़ गए।

मै कभी ना आता ऐसे लोगो की मदद के लिए जो इतने स्वार्थी हो पर मुझसे वो टीस भी नहीं देखी गई जो यहां की औरतों और बच्चो के दिल से सिसक सिसक कर उठ रही थी।

निर्बलों पे होने वाले अत्याचार को रोकने और अत्याचारियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ही तो सूरज डोगा बना है।"

 डोगा एक लबादा ओढ़े बाज़ार में प्रविष्ट होता है और तालिबानी इससे बेखबर थे।

वे तो बस इस समय लुफ्त उठाने में मग्न थे, अपनी अमानवीय कृत्यों का जो वो वंहा की महिलाओं को दे रहे थे।

"अफ़ग़ानिस्तान से भागते हुए सभी पुरुष दिख रहे हैं जो अपनी स्त्रियों और बच्चों को तालिबानी लड़ाकों के लिए छोड़ कर भाग रहे हैं। 

अपनी छोटी छोटी बच्चियों को उन दरिंदों को सौंप कर अपनी जान बचा कर भाग रहे हैं । 

सोच कर कलेजा मुँह को आ जाता है।  

यह कृत्य एकमात्र उनके संकीर्ण विचारधारा की देन है जिसमें स्त्रियों को एक 'सेक्स ऑब्जेक्ट '  के अलावा कुछ नहीं माना जाता। ये लोग लड़कियों और औरतों को अपनी हवस का शिकार बनाकर कई दिनों तक अमानवीय यातनाएं देने के बाद सेक्स स्लेव बनाकर बेच देते है। लानत है ऐसे लोगो पे जो सिर्फ अपने बारे में सोचते है और इन लोगो पे भी जो स्त्रियों को सिर्फ भोग - क्षुदा शांत करने के लायक समझते है।

एक हमारा इतिहास उठा लीजिए , हमारे सिर कट गए हैं लेकिन हमने अपनी स्त्रियों की मर्यादा की रक्षा के लिए महाभारत कर दिया था और समुद्र तक पर पुल बाँध दिया था ।

लाखों क्षत्रियों ने सिर्फ अपनी ही नहीं , हर वर्ग की स्त्रियों की रक्षा के लिए धड़ाधड़ शीश काट दिए या तो कटा लिए लेकिन अपनी स्त्रियों की रक्षा से कोई समझौता नहीं किया।

और आज डोगा भी यहां समझौता करने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है।"

 डोगा एक कोठी के सामने जा पहुंचता है और कोठी के दरवाजे को जोर से लात मारकर तोड़ देता है।

अंदर औरतों व नाबालिग बच्चियों के साथ हो रहे हैवानियत का मंजर देखकर डोगा की आंखो में खून उतर आता है।

तुरंत अपनी AK96 उतार कर आतंकियों को भूनने में लग जाता है डोगा और कहता है कि " तुम हैवानों ने हैवानियत की सारी हदें लांघ दी है। आज डोगा तुम लोगो को सिर्फ तुम्हारी हदों का अहसास ही नहीं करवाएगा बल्कि तुम लोगो को मौत का वोह नंगा नाच दिखाएगा कि तुम लोगो की जन्नत में 72 हूरो से मिलने की तमन्ना भी दया की भीख मांगेगी।"

डोगा की लगातार बरसती गोलियां, आतंकियों से सिर से उनके भेजे को फाड़ते हुए निकल रही थी।

डोगा - "आज ये कुत्ता तुम सियारो का, शेर होने के भ्रम का स्तंभ उखाड़ फेंकेगा और फाड़ खाएगा तुम्हारी चर्बियों को और नेस्तनाबूद कर देगा तुम्हारे अस्तित्व को।"

आज वाकई में डोगा के क्रोध का लावा, ज्वालामुखी बन कर फूंट पड़ा था।

गोलियों से, चाकू से, तलवारों से, हाथों से।

आज डोगा हर हथियार का प्रयोग कर रहा है।

वोह एक अपराध विनाशक होने साथ साथ एक कुशल लड़ाका भी है। आज उसकी इसी डेडली फाइटिंग स्किल्स से कई आतंकियों को 72 हूरे नसीब हो चुकी थी।

कोठी के समस्त आतंकियों को निपटाने के बाद, डोगा ने वहां की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि " हर बार आप लोगो को मुसीबतों से बचाने कोई नहीं आएगा। अपने हक की लड़ाई आपको खुद ही लड़नी होगी। पुरुषों के भरोसे रहना या अपने आपको उनसे कम समझना बेवकूफी है। माना कि आप लोगो में उन दरिंदो जैसी शारीरिक शक्ति ना सही परन्तु साहस उनसे ज्यादा दिखाना पड़ेगा। एक बात याद रखो, हाथ नहीं हथियार सही। बस अंदर हिम्मत का ज्वालामुखी होना चाहिए।"

इसी के साथ डोगा वहां से बाहर निकल आता है मगर बाहर भी करीब 1500 आतंक के रहनुमा उसका इंतज़ार कर रहे थे।

तालिबानी - "ख़तम कर दो इस कुत्ते सी सूरत वाले काफिर को। आज अल्लाह मेहरबान है जो काफिरों की मौत हमारे हाथों लिखी है"

डोगा - "मुझे ख़तम करने में तेरी पुश्ते फना हो जाएंगी फिर भी ये कुत्ता तुम जैसे गीदड़ो को भमभोड़ने के लिए खड़ा रहेगा।"

तत्पश्चात डोगा अपने बेल्ट से ग्रेनेड निकाल कर आतंकवादियों की और फेकने लगता है और जगह जगह से तालिबानों के चीथड़े उड़ने शुरू हो जाते है। चारो तरफ से गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हो जाती है। अधिकतर गोलियों का निशाना डोगा ही था परन्तु वोह महारथी ही क्या जो अर्जुन की तरह चक्रव्यूह को भेद ना पाए।

डोगा उन सभी गोलियों को फूर्ति से डौज कर रहा था और बंदूकों और ग्रेनेड से आतंकवादियों को खत्म करता जा रहा था।

यकीनन आज वोह उस जगह से आतंकवाद का वजूद ही ख़तम कर देता परन्तु होनी को कुछ और ही मंजूर था। 

डोगा एक रॉकेट लॉन्चर के रॉकेट के विस्फोट की चपेट में आ जाने से पल भर के लिए ही सही, मूर्छित हो गया।

तालिबानी भीड़ ( चिल्लाते हुए ) - कत्ल कर डालो इसे....."

"रुको" एक आतंकी हाथ उठाकर उन्हें रोकता है और कहता है कि " इस काफिर ने हमारे कई भाइयों को बेदर्दी से मौत दी है। इसे इतनी आसान मौत नहीं मिलनी चाहिए। बंदी बना लो इसे भी। इसे और उस कमांडो वाले छोकरे को एक साथ पूरी दुनिया के सामने मीडिया की लाइव कवरेज में कत्ल करेंगे, ताकि कभी किसी और काफिर की हिम्मत ना हो हमारे नेक इरादों के रास्तों में रोड़ा बनने की" 

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जगह - गाजी अमानुल्लाह इंटरनैशनल क्रिकेट स्टेडियम , जलालाबाद।

समय - शाम से 5:30 pm 

आज न्यूज - ए - तालिबान की मीडिया पूरी तरह से तैयार थी डोगा और ध्रुव की मौत का लाइव कवरेज कवर करने के लिए और तैयार था खुद आका - ए - तालिबान ' अबू बकर अल असद ज़ैदी'

उन्हें मौत देने के लिए।

करीब 14000 तालिबानी आतंकियों से लबरेज़ थी वोह जगह और मैदान में थे ध्रुव, डोगा और आका - ए - तालिबान।

असद ज़ैदी - "तुम दोनों काफिर कौन हो अच्छी तरह से जानता हूं मगर तुम लोग यहां चले आओगे इसकी उम्मीद ना थी हमें।

तुम काफिर कितने ही बड़े तुर्रम खां क्यों ना हो, हमें हमारे जिहाद की राह से डिगा नहीं पाओगे।

अरे जिहाद तो अल्लाह का फरमान है और हमारी चाहत बस उस फरमान को पूरा करने में है।

और जो भी काफिर हमारे नेक रास्ते में आएगा, फना हो जायेगा। 

अरे अभी तो हम जिहादियों को ' खुरासान ' से निकलकर पूरा हिन्द फतह करना है।

इंशाअल्लाह वो दिन भी जल्द ही आएगा जब पूरी दुनिया पे हुकूमत सिर्फ हमारी होगी।

तुम दोनों काफिरों की मौत की मिसाल कायम करेंगे हम, मगर उससे पहले कुछ दिखाना ज़रूर चाहेंगे हम तुम दोनों को।

फजर, ले आओ उन बांदियो को, जिन्हें देख ये यहां उन्हें बचाने आए थे। आज इन्हीं के सामने बेआबरू करूंगा सभी बांदियों को।

तालिबानी आतंकी सभी हदें पार करते हुए औरतों को खींचते हुए सरे राह उन्हें बेआबरू करने लगे।

उन लोगो ने आतंकियों से रहम की भीख मांगी मगर उन दरिंदो की आखों में बस दरिंदगी ही नजर आ रही थी। हैवानियत का मैल उनके कानों में जम सा गया था जिसके आगे उन मासूम लड़कियों और औरतों की करुण वेदनाएं भी उनकी अंतरात्मा को झकझोड़ नहीं पा रही थी। 

डोगा और ध्रुव भी बेबसी के मारे अपने होठों को भींचे हुए थे और आंखो में उन्हें इस अमानवीय कृत्य से ना बचा पाने का अपराधबोध आंसू बन के निकल रहा था।

शायद उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था।

या शायद था ?

अचानक से उस स्टेडियम में धमाका हुआ।

असद ज़ैदी चौंका कि ये क्या हुआ ? किसने किया ?

नज़रे उठा के देखी तो एक शख्स स्याह बादलों को चीरता हुआ मजलूमों की उम्मीद बनके चला आ रहा था।

उसकी आंखो से विष ज्वाला की लपटे निकल रही थी और मुंह से स्याह हरा धुआं आतंकवाद को खाक में मिलाने के लिए निकल रहा था।

हां आतंकहर्ता ही था वो जो उनकी पुकार को नकार ना सका।

और उस काल को हरने महाकाल आ गया था।

अब तांडव होना तय था।

"अरे, ये तो नागराज है, हमारे नेक इरादों का सबसे बड़ा दुश्मन। मगर ये तो मर गया था, खबीस की औलाद है ये फिर से जिंदा कैसे हो गया। मगर जिंदा हो भी गया है तो दोबारा मरेगा।

हमारी इस अकूत फौज के आगे नहीं टिकेगा एक अकेला शैतान।

मार डालो इसे।"

नागराज - "असद ज़ैदी, नागराज कोई अबला नहीं, जिसे तेरे तालिबानी दरिंदे अपनी बर्बरता का शिकार बना ले,

नागराज को फना करने का ख्वाब देखने वाले, तेरी हस्ती फना हो जाएगी, मेरी हस्ती को मिटाते - मिटाते।

नागराज की कलाइयों से अनगिनत सांप निकालने लगे और सर्प रस्सी बनकर स्टेडियम के उन मेटल ग्रिल से लिपट गए जो स्टेडियम को सहारा दिए हुए थे।

और नागराज ने वक़्त ना बर्बाद करते हुए तुरंत अपनी सर्प रस्सी खींच डाली जिसके फलस्वरूप पूरा स्टेडियम भड़भड़ा कर ढह गया और उसमेए बैठे हज़ारों के हिसाब से आतंकवादी मारे गए।

असद ज़ैदी - ( चिल्लाते हुए ) "या अल्लाह, यह काफिर तो कहर ढा रहा है।"

नागराज - "आज तुम लोगो को आतंकहर्ता का वो कहर दिखाऊंगा जिसे देखकर तुम लोगो की रूहे भी सरसरा जाएंगी

बर्बरता का वो नज़ारा दिखाऊंगा, जिसे देखकर तुम लोगो की सम्मिलित बर्बरता भी अदनी सी मालूम चलेगी।"

और वाकई में, आज आतंकहर्ता ने आतंकवाद को समूल नाश करने की जिद ठान ली थी।

नागराज के हाथ से ध्वंसक सर्प निकाल हर जगह तालिबानों में तबाही मचा रहे थे।

आज मौत का वो तांडव हो रहा था जिसे देखकर अगर यमराज भी आते तो उन्हें भी मौत का भय हो जाता और अपने कदम पीछे खींच लेते।

बर्बरता का जो मंजर उस हुजूम को दिखाया जा रहा था कि सभी में एक देहशत सी भर गई।

नागराज के तीव्र विष से आतंकियों के शरीर कोढ़ के जैसे गल रहे थे और कुछ को तो अपने नंगे हाथों से फाड़े दे रहा था वो आतंकहर्ता।

ना जाने कितने ही आतंकियों को नागफनी सर्पो से मक्खन के जैसे काटता चला गया वह।

यकीनन उसने जो किया वो तांडव ही था, मौत का तांडव।

उसके आगमन ने डोगा और ध्रुव के अंदर के हौसले को जगा दिया था अतः उन दोनों ने भी अपने बंधन तोड़ डाले और लड़ाई में नागराज का साथ देने लगे।

शीघ्र ही तीनों ने उस जगह को तालिबानों की लाशों से भर दिया और अबू बकर अल असद ज़ैदी भी नागराज के हाथों मारा गया।

      :- समाप्त -: