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Saturday 5 November 2022

कॉमिक्स की दुनिया में जोड़ियों की सफलता का अध्य्यन

आपने काफी कॉमिक्स पब्लिकेशन में जोड़ियों का नाम तो सुना ही  होगा,जिनमे राम-रहीम , अग्निपुत्र - अभय,मोटू-पतलू, लम्बू-मोटू ,छोटू - लम्बू,मोटू - छोटू,अंडेराम - डंडेराम,आल्तुराम - फाल्तुराम,मंगलू मदारी - बंदर बिहारी,मामा - भांजा,राजन - इकबाल,चाचा -भतीजा ,क्रुक बांड -मोटू ,नागराज -सुपर कमांडो  ध्रुव ,ताऊजी-रुमझुम,कोबी - भेड़िया,फाइटर टोड्स,हंटर शार्क फोर्स,अमर - अकबर,अकडू जी - झगडू जी,अकडू जी - झगडू जी,अमर - रहीम - टिंगू,मशीनी लाल - अफीमी लाल,मनकू - झनकू, सागर - सलीम, विनोद - हामिद ,राम - बलराम,राजा - जानी,विनोद - हनीफ,शंकर -अली  आदि। 

या यु कहिए कि हर एक कॉमिक्स करैक्टर के साथ उसका सहायक रहता था,जो हीरो के बराबर या कम  होता था,जब कही हीरो फस जाता था तो उसका सहायक ही उसको वहां से निकालने  में मदद करता था.

Saturday 15 October 2022

नागराज के सभी versions के बारे में जानकारी-पोस्ट संदीप अगरवाल की कलम से

 जो भी मित्र राज कॉमिक्स से काफी लम्बे अंतराल के बाद जुड़े हैं वे अक्सर ग्रुप में नागराज के बारे में कई सवाल करते हैं। शायद नागराज के अलग अलग version होने के कारण आपको कहानियों को समझने में समस्या होती होगी। आप सब की सुविधा के लिए मैं यहाँ नागराज के सभी versions के बारे में जानकारी दे रहा हूँ।


अभी राज कॉमिक्स में मुख्यतः तीन अलग अलग नागराज हैं:


- विश्वरक्षक नागराज

- आतंकहर्ता नागराज

- नरक नाशक नागराज


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विश्वरक्षक नागराज और आतंकहर्ता नागराज


नागराज की शुरुवाती कॉमिक्स में हम पढ़ चुके हैं कि नागमणी से आज़ाद होने के बाद नागराज विश्व भ्रमण पर रहता था (पढ़ें नागराज की प्रथम कॉमिक्स “नागराज“ से लेकर "नागराज और पापराज")। राज कॉमिक्स द्वारा हाल ही में प्रकाशित की जा रही "नाग प्रलय" और "प्रलय का देवता" कॉमिक्स भी नागराज की इन्ही शुरुवाती कहानियों का हिस्सा है। इसे कई लोग क्लासिक नागराज भी कहते हैं।


इनके बाद आती है "विजेता नागराज" और "विसर्पी की शादी" की कहानी जहाँ नागराज और विसर्पी की शादी होते होते रह जाती है। लेकिन इसके साथ एक और घटना भी होती है। इस कहानी के बाद समयधारा दो टुकड़ों में बट जाती है।


एक समयधारा में नागराज अपने अतीत की तलाश करता है और फिर महानगर में बस जाता है। यह नागराज "विश्वरक्षक नागराज" के नाम से जाना जाता है।


इस विश्वरक्षक नागराज की कई कॉमिक्स हम 90s से पढ़ते आ रहें हैं - "क्राइम किंग" से लेकर "ड्रैगन किंग" तक। इन में कई फेमस मल्टीस्टारर कॉमिक्स भी शामिल हैं जैसे "प्रलय", "विनाश", "कोहराम", "जलजला" इत्यादि।


दूसरी समयधारा में नागराज आतंक के खात्मे के लिए अपना विश्वभ्रमण जारी रखता है। यह नागराज "आतंकहर्ता" नागराज के नाम से जाना गया। पाठकों की डिमांड पर इस नागराज को वर्ष 2007 में "हरी मौत" कॉमिक्स से री-इंट्रोड्यूस किया गया। आप यह मान सकते हैं की इस समयधारा में "विसर्पी की शादी" कॉमिक्स के बाद इस नागराज की अगली कॉमिक्स "हरी मौत" थी।


इसके बाद आतंकहर्ता नागराज की कई कॉमिक्स आ चुकी हैं (पूरी लिस्ट पोस्ट के अंत में दी गयी है।)


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समयधारा के दो टुकड़े क्यूँ  हुए और दो अलग अलग नागराज क्यूँ बने - इस कहानी को समझने के लिए यह सीरीज पढ़ें:


नागराज इन जर्मनी (RCSG द्वारा हाल ही में रीप्रिंट की गयी है):

- ऑर्डर ऑफ बेबल

- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर

- वर्ल्ड वॉर

- वीरगती


क्षतिपूर्ति सीरीज:

- क्षतिपूर्ति

- मौत का बाज़ीगर

- विषपरस्त

- विषहर्ता (yet to be released)


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नरक नाशक नागराज


यह एक अलग आयाम का नागराज है जिसकी कहानी मुख्य नागराज से थोड़ी मिलती जुलती है लेकिन इस आयाम में कई किरदार और घटनाएँ काफी अलग हैं। उदाहरण के लिए - इस आयाम में सौडांगी, शीतनाग और नागु नहीं हैं। लेकिन नागराज का साथ देने के लिए तीन नागिन अग्निका, शीतिका और तक्षिका मौजूद हैं। साथ ही नागराज के पास सर्पट नाम का उड़ने वाला सर्प है जिसे वह सवारी के लिए भी काम में लेता है। साथ ही इस नागराज का लुक भी थोड़ा अलग है - यह जैकेट और पेंट पहनता है।


नरक नाशक नागराज के बारे में अधिक जानकारी के लिये निम्न कॉमिक्स पढ़ें जो हाल ही में RCSG द्वारा रीप्रिंट की गयी हैं (नरक नाशक नागराज के कॉमिक्स की पूरी लिस्ट पोस्ट के अंत में दी गयी है)।:






तक्षक सीरीज:

- मकबरा

- तक्षक


नरक नाशक नागराज उत्पत्ति सीरीज:

- नरक नाशक

- नरक दंश

- नरक नियती

- नरक आहुति



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आतंकहर्ता नागराज - कॉमिक्स की लिस्ट:


(लगभग सभी कॉमिक्स हाल ही में RCSG द्वारा रीप्रिंट की गयी हैं)


- हरी मौत (मेक्सिको)

- जहरीला बारूद (अमेरिका)


- माम्बर (स्पेन सीरीज)

- न्यूमेरो अनो (स्पेन सीरीज)


- ऑपरेशन सर्जरी (इंग्लैंड सीरीज)

- मिशन क्रिटिकल (इंग्लैंड सीरीज)


- तीन सिक्के (इटली सीरीज)

- जंग मौत तक (इटली सीरीज)

- नागराज अंडर अरेस्ट (इटली सीरीज)

- ओमर्टा  (इटली सीरीज)

- आँख मिचौली (इटली सीरीज)

- पाँचवा शिकार (इटली सीरीज)


- 26-11 (नागराज और डोगा)


- रोनिन (जापान सीरीज) 

- कामिकाजे (जापान सीरीज)

- टोमो (जापान सीरीज)

- शिकाता गा नई (जापान सीरीज)


- I SPY (नागराज और तिरंगा)


- ऑर्डर ऑफ बेबल (जर्मनी सीरीज)

- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर (जर्मनी सीरीज)

- वर्ल्ड वॉर (जर्मनी सीरीज)

- वीरगती (जर्मनी सीरीज)


- क्षतिपूर्ति (क्षतिपूर्ति सीरीज)

- मौत का बाज़ीगर (क्षतिपूर्ति सीरीज)

- विषपरस्त (क्षतिपूर्ति सीरीज)

- विषहर्ता (क्षतिपूर्ति सीरीज - yet to be released)


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नरक नाशक नागराज - कॉमिक्स की लिस्ट:


(सभी कॉमिक्स हाल ही में RCSG द्वारा रीप्रिंट / प्रकाशित की गयी हैं)


- हल्ला बोल

- अभिशप्त

- आदमखोर 


- इन्फेक्टेड (मृत्युजीवी सीरीज)

- मृत्युजीवी (मृत्युजीवी सीरीज)


- मकबरा (तक्षक सीरीज)

- तक्षक (तक्षक सीरीज)


- नरक नाशक (उत्पत्ति सीरीज)

- नरक दंश (उत्पत्ति सीरीज)

- नरक नियती (उत्पत्ति सीरीज)

- नरक आहुति (उत्पत्ति सीरीज)


- आदि पर्व (नागग्रंथ सीरीज – new comics – on pre order)

- नाग पर्व (नागग्रंथ सीरीज – upcoming)

Sunday 2 October 2022

हिमांशु जोशी की कलम से

 


  

बाएं से दाएं कार्टूनिस्ट परिचय! 


प्रथम पंक्ति:- 


(1) स्व.श्री प्राण कुमार शर्मा जी! 


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- "कार्टूनिस्ट प्राण!"


चित्रित प्रमुख किरदार :- चाचा चौधरी, बिल्लु, पिंकी, रमन! 


अन्य किरदार:- श्रीमती जी, पल्टू, दाबू, अंकुर, जाब़ व अन्य! 


(2) स्व.श्री राम वाईरकर जी! 


 कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- राम वाईरकर!


प्रमुख किरदार :-  सुपंडी, कालिया कौआ!


अन्य किरदार:- गंगाराम टल्ली, अन्य मनोज चित्रकथा, अमर चित्रकथा, तुलसी व अनेकों भारतीय चित्रकथाओं में अद्वितीय योगदान! 


(3) नीरद जी!


 कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- नीरद! 


प्रमुख किरदार:- नटखट नीटू, मीकू! 


अन्य किरदार:- डायमंड कॉमिक्स में, राजन इकबाल की आनेक किरदारों की अनेक चित्रकथाओं में चित्रांकन!


द्वितीय पंक्ति:- 


बांए से दाएं 


(1) हरविंद्र मांकड़ जी! 


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- हरविंद्र मांकड़!


मुख्य किरदार :- लोटपोट के लिए मोटु-पतलू, घसीटा व डॉ. झटका की अनेक चित्कथाओं की पटकथा व चित्रांकन इन्हीं के द्वारा किया गया! 


अन्य किरदार:- जुडो़ क्वीन राधा व तुलसी, मनोज एवं अन्य कईं भारतीय कॉमिक्स जगत की कईं नामचीन चित्रकथाओं व पत्रिकाओं में अपनी पटकथा व चित्रांकन द्वारा एक अभूतपूर्व योगदान! 


(2) स्व.श्री प्रदीप साठे जी! 


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- प्रदीप साठे! 


मुख्य किरदार:- कालिया कौआ, अंगारा! व वन्य प्राणी व पशु-पक्षी के बेजोड़ चित्रांकन में माहिर! 


अन्य किरदार:- गमराज की कुछ चित्रकथाओं के लिए चित्रांकन! 


(3):- विनोद भाटिया जी! 


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- विनोद भाटिया! 


मुख्य किरदार:- मोटु-छोटू (डायमंड कॉमिक्स) चैरी बॉबी व टफी! ( राज किड्स कॉमिक्स)! 


अन्य किरदार :- राजन इकबाल की कई चित्रकथाओं में चित्रांकन! व अन्य कई नामचीन चित्रकथाओं व पत्रकाओं में अनेक चित्रकथाओं द्वारा अद्वितीय योगदान! 


तृतीय पंक्ति:- 


बाएं से दाएं, कार्टूनिस्ट परिचय! 


(1):- आबिद सुरती जी! 


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- "सुरती"!


मुख्य किरदार:- ढब्बू जी(डायमंड कॉमिक्स)!

अन्य किरदार:- डायमंड कॉमिक्स व अन्य नमचीन पत्रकाओं में कईं रचनाएं! 


(2) हरीश एम. सूदन जी! 


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- हरिश एम. सूदन! 


मुख्य किरदार :- डैडी जी! ( मधु मुस्कान), अंकल चार्ली (मनोज कॉमिक्स)!


अन्य किरदार:- मधु मुस्कान जैसी नामचीन पत्रिका में कईं रचनाए! व भूरी भैंस, यरकू यादव जैसे कईं गुदगुदाते किरदार के रचनाकार व "मर जावां कुक्कड़ खाकें व गोंद कतीरा लपेट के" आदि कईं गुदगदाते डॉयलॉग!


(3):- स्व.श्री कृपाशंकर भारद्वाज जी! (तस्वीर उपलब्ध नहीं हैं)


कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- भारद्वाज! 


मुख्य किरदार :- मोटू-पतलू, डॉ़ झटका व घसीटाराम जैसे प्रसिद्ध भारतीय किरदार के रचनाकार व उनकी कईं कहानियों का चित्रांकन व उनके पटकथा लेखक! 


अन्य किरदार:- सुखीराम-दुखीराम, पिद्दी पहलवान! व अनेक नामचीन प्रकाशन जैसे:- पवन, नूतन, पिटारा इत्यादि में अपने अनेक गुदगदाते किरदार व रचनाएं! 


किसी मित्र के पास भारतीय कॉमिक्स जगत के इन निम्न कार्टूनिस्टों में से किन्हीं भी कार्टूनिस्टों का कोई, व्यक्ति विशेष लेख हो तो उसे इनबॉक्स या इसी ग्रुप में साझा करें! 


     फोटो के अतिरिक्त भी कईं महान कार्टूनिस्ट हैं जैसे:- सुखवंत कलसी जी, व शेहाब जी व अन्य कोई भी जो आपको याद हो उनके भी पात्र परिचय अगली पोस्ट में जरूऱ होगा!..... 


   इन भारतीय कॉमिक्स जगत के महान कार्टूनिस्टों का मैं फोटो कॉलेज में फोटो एड करना भूल गया या 9 कार्टूनिस्ट पूरे होने की वजह से उनको Photo Collage में Add नहीं कर पाया! उन में से भी किसी भी कार्टूनिस्ट का व्यक्ति विशेष लेख हो तो मुझे Inbox या ग्रुप में पोस्ट करें! धन्यवाद!💐

Thursday 15 September 2022

#मूंछें हों तो मुच्छड़ मनहूस जैसी हों, वर्ना न हों!

 #मूंछें हों तो मुच्छड़ मनहूस जैसी हों, वर्ना न हों! 


बाँके भैया सबके प्यारे, सबके दुलारे हैं, नो डाउट! मेरे भी रोल मॉडल हैं (मक्कारी में 😁) ! पर क्या कभी उनकी कॉमिक्स के एक अन्य बेहद महत्वपूर्ण लेकिन प्रायः थोड़े उपेक्षित से पात्र पर आपने ज़रा ध्यान दिया है? बाँके के लिए उसके सात जन्मों का दुश्मन, मोटी सूरत, मनहूसियत की मूरत, मुच्छड़ मरजाणा, छाती का अजगर....जी हाँ, वही विशालगढ़ का मोटा मनहूस राजा विक्रमसिंह!


लेकिन ज़रा थोड़ा सा बाँके का चिपकाया हुआ चश्मा उतारकर मेरी नज़र से देखिए एक बार! एक भोला-भाला, सीधा-सादा, नेक दिल, दयालु, प्रजा-पालक, सबका हितैषी, शूरवीर, संकटों के मुँह में निडर प्रवेश कर जाने वाला, और सबसे बड़ा गुण अपने प्यारे बाँकेलाल पर जान छिड़कने वाला बहुत ही आदर्श राजा। इससे ज़्यादा क्या लोगे भाई? ऐसे नालायक सलाहकार पर आँख मूँदकर भरोसा करता है, जो हर कहानी में उसकी अर्थी उठवाने की ताज़ातरीन तिकड़म लेकर ही आता है। गौर कीजियेगा कि कई कॉमिक्स में उन्हें बाँके की करतूतों पर संदेह भी हुआ है, पर ऐसा कोमल दिल की ज़रा सी झूठी कहानी बनाते ही मोम(बत्ती) की भाँति फ़िर पिघल जाए! और फ़िर वही....'ओह्ह! मेरा प्यारा बांकेलाल! हम जानते थे तुम कभी गलत हो ही नहीं सकते। दे पुच्ची!' 😄😄 बस हो गयी कहानी पट! 😣 भला इतना भी भोला होता है कोई! 🙄🙄


और फ़िर उनके शानदार व्यक्तित्व की और झलकियाँ भी देखिए...राज्य पर किसी नए संकट (राक्षस, चुड़ैल, डायन, डाकू, आक्रमणकारी राजा) के आ धमकने की सूचना पाते ही बिजली की तरह सिंहासन से उठकर ललकार लगाते हैं....दुष्ट, तेरा ये दुस्साहस! हमारी निर्दोष प्रजा को कष्ट देता है। हम अभी तुझे यमलोक पठाते हैं! हम महावीर हैं! (कॉनफिडेंस देखिए) 😆😆😂


और स्वभाव से ऐसे मदमस्त(हाथी😋) और खुशमिजाज़ के छोटी-छोटी बातों पर जश्न मना लेते हैं। सैकड़ों तरह के पकवान, पूड़ी, छोले, अचार, शाही मिष्ठान्न खुद भी छक कर खाते हैं, बाकियों को भी खिलाते हैं! देखा है ऐसा उदार और प्रसन्नचित्त राजा कहीं? और तो और कभी उदास भी नहीं दिखते, चहरे पर हमेशा एक क्यूट सी मुस्कान सुहाती रहती है, माने जो दीदार कर ले उसका भी दिल गार्डन-गार्डन हो जाये!(मेरा तो होता ही है 😍) रानी स्वर्णलता से जलन होती है!☹️ (वो कुरूपलता ही ठीक थी!😠🙄😔) 


और फ़िर सदके तो जांवाँ उनकी वीरता पर। 😍💕💕 मतलब बाँके बोल दे कि महाराज ये रहा वो आततायी राक्षस, इसका शीघ्र वध कर दीजिए। तो बिन एक पल भी सोचे समझे एकदम टूट पड़ते हैं तलवार म्यान से खींचकर! अपनी (सख़्त😀)जान की ज़रा परवाह नहीं कर्तव्य के आगे! ऐसी कर्तव्यपरायणता पर क्यों न नतमस्तक हों हम! 😄😄🙏 बड़े खुशकिस्मत हैं विशालगढ़वासी। बाँके ने तो अबतक सब को बेच खाया होता! 😁😁 😆


खैर, कँह लगि करौं बखान प्रभो! 😂😂 

गुणों का सागर हैं, खुशियाँ छलकाती गागर हैं, प्रेमरत्न की खान हैं, धीर-वीर बलवान हैं, स्वभाव से एकदम गैया हैं, बाँके की किस्मत पर बैठी ढैय्या हैं, प्रजापाल-व्रतधारी हैं, हँसमुख हीहीकारी हैं, हृष्ट-पुष्ट बलवान हैं, सबके दयानिधान हैं, दानवीर उदार हैं, बाँके की छाती का भार हैं, मन से रंग-रंगीले हैं, अद्भुत छैल-छबीले हैं! (हीहीही) 😀😀😀🙏🙏💕 ऐसे हैं अपने प्यारे राजा विक्रमसिंह! 😊😊


मित्रो, ये क़िरदार हमारे हास्य-सम्राट बांकेलाल की कॉमिक्स का बेहद अहम पात्र हैं, जिसके बिना बांकेलाल की कॉमिक्स में हास्य और मनोरंजन का वो पिटारा नहीं हो सकता था जो केवल उनकी मौजूदगी से है! सही मायने में अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है कि इन दोनों में कौन नायक है और कौन खलनायक! बस इतना तय मानिए की ये दोनों किरदार एक दूसरे के पूरक हैं, और दोनों की जोड़ी से ही राज कॉमिक्स का हास्य जगत इतना लोटपोट है! 😊😊💐




आदरणीय बेदी जी द्वारा चित्रित बांकेलाल मेरा सर्वाधिक प्रिय है। और उन्होंने जो रूपरंग राजा विक्रमसिंह के किरदार को प्रदान किया है, वो भी उतना ही लाज़वाब है। एकदम राजसी शान झलकती है। मैंने एक कॉमिक(नाम याद नहीं) के पीछे शायद ग्रीन पेज पर देखा और पढ़ा था कि राजा विक्रमसिंह का रूपरंग काफ़ी कुछ बेदी जी ने अपने सुपुत्र से मिलता-जुलता बनाया था। उनकी वास्तविक तस्वीर भी कॉमिक्स में दी हुई थी, जिसे देखकर मुझे हैरानी हुई थी कि ये तो सचमुच वैसे ही दिखते हैं। बस मुच्छड़ मनहूस का टाइटल देने के लिए उन्हें मूंछें चिपका दी गईं। अब सच है या इत्तेफ़ाक़ ये तो बेदी जी जानें! 🤣🤣

किसी मित्र के पास उस कॉमिक का वह ग्रीन पेज और तस्वीर हो तो कृपया कॉमेंट्स में साझा करें। बड़ी कृपा होगी! 😊😊🙏


हंसते रहिये, और दूसरों को रुलाते रहिये! टेंशन न लीजिये क्योंकि कर बुरा, हो भला! जय भोले शंकर! 😊🙏💕

बांकेलाल VS नागराज

 बांकेलाल vs नागराज



1. बांकेलाल का जन्म देवों के देव महादेव के आशीर्वाद से हुआ। नागराज का जन्म एक छूटभैये देवता कालजयी के आशीर्वाद से हुआ। 

2. दोनों की मां ईष्ट देव की बड़ी भक्तन थी।

3. दोनों को ईष्ट देव के क्रोध का भाजन बनना पड़ा जिसका प्रभाव बाद में कम कर दिया गया।




4. नागराज को स्वर्ग में कोई नहीं जानता था, नागराज तो  छोड़ो कालजयी को भी देवता ठीक से नहीं जानते, न ही  उन्हें कोई विभाग मिला है। बांकेलाल की मदद लेने के लिए देवऋषि खुद इन्द्र को सलाह देते हैं। 

5. नागराज को राजा का पुत्र होने की वजह से खजाना मिला है, बांकेलाल पुरुषार्थ में यकीन करता है, कितनी ही बार खजाना मिला और दान कर दिया।

6. नागराज की लाइफ सेट है फिर भी गंभीर रहता है, बांकेलाल की किस्मत फूटी है फिर भी ही ही करता है।

7. दोनों के गैर परंपरागत विधि से पुत्र हुए हैं, जो अपनी मां के साथ ही रहते हैं।

8. थोड़ी सी अतिरिक्त शक्ति धारण करने के लिए नागराज 4 फ्रेम का ड्रामा करता है। बांकेलाल भगवान विष्णु की शक्तियां तक धारण कर चुका है।

मेरी जर्नी का शुरुआती चरण-3

अपनी पिछली पोस्ट मे मैने बताया था कि कामिक्सो से मेरा परिचय कैसे हुआ। इस पोस्ट मे बात करेंगे कामिक्सो के साथ मेरे सफर के शुरुआती दौर की।

Manoj Comics, Hindi Comics, Old Hindi Comicsजब मुझे कामिक्से अच्छी लगने लगी तो मैं उसी दुकान से कामिक्से किराये पर लेकर पढने लग गया। और कुछ ही समय मे मैंने वहाँ की सारी कामिक्से पढ डाली। उस दुकान पर ज्यादातर Raj Comics ही थी। कुछ एक ही Manoj Comics थी। वही मैने अपनी पहली Manoj Comics “तूफान की मौत भी पढी। ये कामिक्स मुझे बहुत पसंद आई और अभी भी मेरे पास है। उस दुकान पर सारी पुरानी कामिक्से ही थी। नई कामिक्से वो नही लाता था। ना ही मुझे नई कामिक्सो और नए सैट के बारे मे कुछ मालूम था

Raj Comics
जब उस दुकान पर पढने के लिए कोई कामिक नही बची तो मैंने अपने पापा से कामिक लाने के लिए कहा। और लोगो के parents की तरह मेरे पापा कामिक को बुरी चीज नही मानते थे। लेकिन वो काफी दिनो तक मुझे गोली ही देते रहे। कल ला दूँगा, भूल गया, स्टेशन पर थी नही, इत्यादि। लेकिन एक रोज मैंने बहुत जिद्द करी तो उन्होने मुझे दो कामिक्से ला कर दी । उनमे से एक थी बौना राक्षस 
और दूसरी थी… Guess it again Guys. 
दूसरी कामिक थी नागराज। मेरी पहली नागराज की कामिक शायद नागराज ही थी। इस बारे मे ठीक से याद नही है कि मैने पहले Nagraj aur Bem Bem Bigalow पढी या Nagrajअगर बेम बेम बिगेलो मेरी पहली Nagraj की कामिक थी तो भी नागराज मेरीNagraj की पहली खरीदी हुई कामिक थी।

अब मेरा कामिक पढने का शौक तेजी से परवान पर चढ रहा था। ये बात 1995 की है तब मैं 5th class मे चला गया था। मेरे प्राइमरी स्कूल के पास ही एक दुकान थी जो जो नए सैट लाता था लेकिन मुझे मालूम नही था कि कामिक्से सैट के हिसाब से आती है। उस के पास से मैने Super Commando Dhruva की सर्कस, हत्यारी राशिया पढी थी। उस समय तक भी विशेषांक का किराया 1रुपया ही था। इसके अलावा मैंने वहाँ से Bhokal की शुरुआत की कुछ कामिक्से भी पढी।

How Super Commando Dhruva became my Favorite:
Indian Comics, Raj Comics

एक बार मैंने कहा कि राज कामिक्स मे सबसे तगडा हीरो डोगा है। तो इस पर मेरे भाई ने कहा कि सबसे जबरदस्त हीरो है SuperCommando Dhruvaडोगा तो अपने पास इतने सारे हथियार रखता है लेकिन ध्रुव तो खाली हाथ रहता है। नागराज के पास भी नाग है लेकिन ध्रुव के पास कोई हथियार नही है फिर भी वो गुंडो को पीट देता है। इसलिए ध्रुव सबसे अच्छा है। मेरे भाई ने तो मेरी आँखें खोल दी। तभी से ध्रुव मेरा फेवरिट है। कभी-कभी हम दोस्त आपस मे ये बाते भी करते थे कि नागराज और ध्रुव की लडाई मे कौन जीतेगा। मेरा एक दोस्त कहता था कि नागराज ध्रुव के मुँह मे सांप डाल देगा और सांप उसके पेट की आंते खा जाएगा। मैं कहता कि ध्रुव फुर्ती से बच जाएगा और नागराज को पेल देगा। हा हा हा।

अब तक मेरे मोहल्ले मे और मेरे सभी दोस्तो को पता लग गया थी कि मैं comics का शौकीन हूँ। ऐसे ही एक बार एक बडे लडके ने मुझ से कहा कि तूने ध्रुव की वोcomics पढी है जिसमे ध्रुव मर जाता है। मैं ये सुनकर एकदम से सदमे मे आ गया। मुझे लगा कि इसके बाद तो ध्रुव की कामिक्से ही नही आई होगी। मैने उस से कामिक का नाम पूछा तो उसने बतायामैंने मारा ध्रुव को। फिर तो इस कामिक की खोज बीन शुरु हो गई। काफी ढूंढने के बाद एक दुकान का पता चला जो मेरे घर से काफी दूर थी। रेलवे लाईन क्रास कर के। और वो इलाका गुंडो बदमाशो से भरा हुआ था। घरवाले उस तरफ कभी भी नही जाने देते थे। लेकिन मैं चला ही गया वहाँ कामिक की खातिर। वहाँ मैने मेरे मारा ध्रुव को के अलावा Nagraj की भी कुछ कामिक्से पढी। नागराज और कांजा, नागराज का अंत, शाकूरा का चक्रव्यूह्। मैने मारा ध्रुव को पढने के बाद थोडे समय बाद मैने हत्यारा कौन भी पढ डाली और जब सच्चाई का पता चला तो जान मे जान आई कि चलो अभी और कामिक्से भी पढने को मिलेगी।

ध्रुव की कुछ और कामिक्से भी थी जिनके लिए मैं काफी उत्साहित रहा। डाक्टर वायरस और वैम्पायर। डाक्टर वायरस का तो नाम ही काफी थी मुझे excited करने के लिए। और वैम्पायर के बारे मे मुझे एक लडके ने बताया था कि इसमे ध्रुव का मुकाबला बगैर खोपडी वाले इंसानो से होता है। वो तो कामिक पढ कर पता चला कि वो बगैर खोपडी नही बगैर दिमाग वाले आतंकवादी थे।
                                      
वैसे मैं आप लोगो को एक बहुत ही मजेदार बात बताता हूँ। शुरुआत मे मुझे ये लगता था कि ये नागराज, ध्रुव, बांकेलाल असली मे थे। पुराने समय मे। और अब Raj Comics वाले इनके ऊपर कामिक्से निकाल रहे है। ही ही ही।
Raj Comics, Dhruva Comics

पिछले पोस्ट के बारे मे एक दोस्त ने कहा था कि पोस्ट छोटी थी और जब मजा आने लगा तो वो खत्म हो गई। इस बार काफी बडी पोस्ट लिखी है उम्मीद है आप लोगो को पसंद आएगी। अगली पोस्ट मे बात करेंगे late 1995 से लेकर 2000 तक की। Raj Comics के सबसे सुनहारे दौर की। (मेरे और मेरे हमउम्र लोगो के लिए)। पोस्ट पर आपके comments का इंतजार रहेगा। इस ब्लाग को दूसरे सोशल नेटवर्क पर भी फैलाए। facebook, twitter and google+ पर शेयर करिए। 

Wednesday 27 July 2022

सुपर कप्तान धरु की कलम से

 #Controversies_of_the_week

#COTW

समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ इस हफ्ते जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम!

हो... मैंने तुझे देखा.. कॉमिक्स ग्रुप्स की बातों में, जनता की मुक्का-लातों में, .. 

जितनी तू मचती जाए, उतनी लगे थोड़ी-थोड़ी... जी हां, यहां बात हो रही है साप्ताहिक भसड़ों की, जो इस हफ्ते दिल्ली की बारिश की वजह से कम हुए तापमान की तरह ज़रा कम रहीं..फिर भी इस हफ्ते जो हुआ, वो लाया हूं आपके लिए बटोर कर। 

परंतु शुरू करने से पहले आप लोगों से एक शिकायत कर लूं.. आप लोग बता नहीं सकते थे मुझे कि इस कॉलम का नाम कॉपी पेस्ट है, एक अंधियारे कॉमिक्स ग्रुप के एक सेग्मेंट के नाम से, जिसका नाम होता था... पोस्ट ऑफ द वीक माने POTW, जो पहिये के बाद दुनिया की सबसे बड़ी खोज था क्यूंकि इतना अद्वितीय आइडिया संसार में पहले किसी को आया ही नहीं था?

अब वो बात अलग है कि भले वो सेग्मेंट एक उत्कृष्ट उदाहरण था हिन्दी की एक कहावत का जो कुछ ऐसी थी कि "अंधा बांटे रेवड़ी, अपनों को ही देवे" और भले ही उसको लिखना उतनी ही मेहनत का काम हो, जितनी किसी ऑफिस में HR वाले अपने स्टाफ से दिवाली पर रंगोली बनवाने की अधिसूचना जारी करने के नोटिस बनाने पर करते हों, पर फिर भी यार... एक बार बता तो देते कि POTW की नकल है COTW, क्यूंकि दोनों के नाम में OTW आता है। कहीं रॉयल्टी ही ना मांग लें POTW वाले.. हालांकि अगर ऐसा हुआ तो मैं भी कह दूँगा कि जो मेरा पैसा वॉलेट में रखा हुआ है, उसमें से 3 रुपये काट लो और बाकी वापसी कर दो! 

खैर, ये तो जब होगा तब होगा, आइए देखते हैं कि इस हफ्ते हुआ क्या:

1. दिल्ली में होने वाले आगामी कॉमिक-कॉन के सबसे बड़े इवेंट की घोषणा हो चुकी है.. जी नहीं, ये किसी नई कॉमिक्स के लॉन्च की घोषणा नहीं है.. ये घोषणा है रॉबिन हुड और डाक्टर साब के बीच होने वाले मुक्केबाजी के मुकाबले की (जो पाठकगण इस घटनाक्रम से अनभिज्ञ हैं, वो पिछले हफ्ते का COTW पढ़ें)। जानकारों की मानें तो राबिन हुड के नहीं आने की पूरी संभावना है क्यूंकि उसको उसकी गधा मजूरी वाली 12 घण्टे की नौकरी वाले मालिक छुट्टी ही नहीं देंगे और अगर वो दे भी रहे होंगे तो वो खुद अपनी छुट्टी कैंसिल करवाएगा। इस हफ्ते बाकायदा फाइट से पहले उसका पोस्टर निकाला गया है और फाइट की टिकटों का प्री-ऑर्डर अगले कुछ दिनों में सभी बड़े सेलरों के पास लग जाएगा! 

कहीं टिकटें आउट ऑफ स्टॉक ना हो जायें, इसलिए फटाफट प्री-ऑर्डर कर दीजियेगा और हाँ, खरीदी हुई टिकट की ई-कॉपी से प्रवेश मान्य होगा! इन्तजार रहेगा इस महामुकाबले का..... 


2. जहां RCMG की सर्वग्रहण पाठकों के पास काफी वक़्त पहले पहुँच चुकी है और उनकी सर्वआयुध की भी तैयारी है, वहीं RCSG की सर्वग्रहण में इतनी देरी हो रही थी कि जिन्होंने उसका ऑर्डर किया था, वो सभी एकदम "कब खून खौलेगा रे तेरा" वाले मूड में सवाल पूछ रहे थे! उन्हीं सवालों को शांत करने के लिए RCSG ने उनकी सर्वग्रहण कॉमिक्स का एक खूबसूरत पेज शेयर किया, जिसमें गोजो और जुडोका मक्खियाँ उड़ा रहे थे। लेकिन जब RCMG की सर्वग्रहण खरीदने वालों ने वो पेज अपनी कॉमिक्स में देखा, तो पाया कि वहाँ तो तीसरी आँख बना हुआ था, जबकि लिखा जुडोका ही था! ये कैसा गोरखधंधा है? क्या RCMG की सर्वग्रहण में तीसरी आँख जुडोका की प्रॉक्सी लगा रहा था? क्या गोजो को अपने ही शरीर में रहने वाली शक्तियों की शक्ल नहीं पता? कुछ तो लोचा हुआ है.... 


3. इस हफ्ते RCMCG ने की एक और तड़कते-भड़कते प्री-ऑर्डर की घोषणा, जो था अमर प्रेम CE, जो कि कॉमिक्स जनता की एक बेहद पसन्दीदा सीरीज रही है। जैसे ही प्री-ऑर्डर लगा, कॉमिक्स जनता ने जितने अंगूठे, उसकी आधी सलाहें देने का काम शुरू कर दिया कि CE ऐसा हो, वैसा हो, उसपे हीरे का वर्क लगा हो, 1500 GSM का कागज़ लगा हो, 18 कॉमिक्स के हिसाब से CE में 36 गत्ते लगे हों, नॉवल्टी में नागराज की फिल्म की CD हो वगैरा-2! 

उन सलाहों को देखते हुए RCMCG ने अपने आधिकारिक पेज पर अमर प्रेम CE के सर्वाधिक वांछित स्वरूप के लिए एक पोल रखवाया, जिसके फलस्वरूप अमर प्रेम CE को 2 अलग-2 प्रारूपों में निकालने की घोषणा की गयी, ताकि कॉमिक्स जनता अपनी जेब के हिसाब से CE ले सके। हालांकि कॉमिक्स जनता की इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया आयी, मैं जान नहीं पाया क्यूंकि मुझे दिन होते-2 वहाँ से ब्लॉक किया जा चुका था.. हमसे का भूल हुई, जो ई सज़ा हमका मिली.. 

लेकिन बाकी ग्रुप्स पर हुई बातों को देखकर ये पता चला कि कुछ भ्रम की स्थिति तो बनी हुई है क्यूंकि जहाँ एक तरफ श्री मनीष गुप्ता ने अपने पोस्ट में बताया कि उनके दोनों CE में ही सोने का पानी चढ़ाया जाएगा जबकि उन्हीं के ग्रुप के अन्य मॉडरेटर, श्री रवि कुमार तंवर, जो कि कॉमिक हवेली के सम्राट हैं, ने एक अपडेट में बताया कि सिर्फ महंगे वाले CE में ही सोने का पानी चढ़ाया जाएगा। और नॉवल्टी के नाम पर क्या मिलेगा, इसका जवाब तो खैर अभी तक नहीं मिल पाया है.. देखते हैं आगे क्या सूचना आती है..हाँ मैं नहीं देख पाउंगा, ब्लॉक किए जाने की वजह से, लेकिन आप लोग देखकर बता दीजियेगा प्लीज़! 


4.देश में बेरोजगारी की भीषण समस्या है, इस बात से कोई अनभिज्ञ नहीं होगा और अगर है, तो एक हफ्ता कॉमिक्स ग्रुप्स में गुजारे, तो उसको वहां हो रहे खलिहरपने से पता चल जाएगा कि कॉमिक्स जनता के लोग किस कदर वेले हैं। 

इस बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलाने के लिए RCMCG के सर्वेसर्वा श्री मनीष गुप्ता ने अपने यहां कलरिस्टों की भर्ती की घोषणा की और इच्छुक कलाकारों से आवेदन मंगाये.. पहले तो कॉमिक्स जनता खुश हुई कि चलो, अब RCMCG के खेमे से भी नई कॉमिक्स आने का मार्ग प्रशस्त होगा लेकिन फिर कुछ लोगों ने जब सवाल उठाया कि नयी कॉमिक्स के लिए सिर्फ कलरिस्ट की ही जरूरत थोड़े ना होती है, तब RCMCG का पुनरूत्थान वाला सेट प्री-ऑर्डर करकर बाकी प्रकाशकों की शंखनाद प्रकाशित होती देखकर जलने वालों की बेरंग दुनिया में रंग भर गए, क्यूंकि अब उनको यकीन हो गया कि अब तो उनकी ऑर्डर की गई कॉमिक्स पर काम शुरू हो ही जाएगा और फटाफ़ट 4-5 महीनों में पुनरुत्थान उनके हाथ में आ जाएगी और तब तक बाकी प्रकाशकों द्वारा अगले भाग भी निकाले जा चुके होंगे तो वो सारी सीरीज एक साथ पढ़ पाने का लुत्फ उठा पाएंगे। 


5. इस हफ्ते RCSG ने कॉमिक्स जनता के साथ एक छोटा सा प्रैंक किया, जिसको उन्होंने नाम दिया फ्लैश सेल का। पूर्व घोषणा होते ही उम्मीदें तो कॉमिक्स जनता ने ऐसे लगा ली थीं, जैसे नागायण CE 99% डिस्काउंट पर मिलने वाली हो और कॉमिक्स जनता तो चलो मासूम है, RCMG तक ने तू डाल-2, मैं पात-पात की तर्ज पर अपनी साइट पर सभी कॉमिक्स पर 18% डिस्काउंट वाली फ्लैश सेल की घोषणा कर दी, जिसका कई पाठकों ने लाभ भी उठाया, लेकिन जब RCSG की फ्लैश सेल का मजमून आया, तो वही कहावत चरितार्थ हुई कि खोदा पहाड़, निकली चुहिया और वो भी मरी हुई। 

और सेल तो जो थी सो थी, कुछ देर के लिए RCSG की वेबसाईट ही चलना बंद हो गयी थी.. क्या 23 विज़िटर भी एक साथ हैडल नहीं कर सकती वो वेबसाइट? 

मतलब कोई सेन्स थी इस सेल की? क्या मिला कॉमिक्स जनता के लोगों को गिनी पिग बनाकर? RCSG ने महंगी कॉमिक्स बेचीं, कुछ कॉमिक्स में निम्न स्तर का आर्टवर्क दिया, उनकी सोशल मीडिया टीम ने जनता को गरियाया और ब्लॉक कर दिया, इंटरनेशनल क्वालिटी की गंगा बोलकर लो-क्वालिटी की कॉमिक्स रूपी नाले में कुदवा दिया, प्रलय का देवता के दो भागों को 4 भाग कर दिया, नियो सीरीज को ठंडे बस्ते में डाल दिया, भेड़िया को निब्बा सरीखा बना दिया... कॉमिक्स जनता ने दिल पर पत्थर रखकर सब सह लिया... लेकिन ये... ये एक्सैप्टेबल नहीं है साहब! गुप्ता साहब, जनूनियों के दिल में दर्द बहुत है, उसे बढ़ाना बंद करें आप... 


6. जब कॉमिक्स इंडिया वालों ने घोषणा की थी कि वो तुलसी कॉमिक्स के साथ साथ कुछ और पुराने लुप्तप्राय कॉमिक्स ब्रांडों की कॉमिक्स भी रीप्रिंट करेंगे, कॉमिक्स दुनिया के एक तबके में परम आनंद की लहर दौड़ गई, जिसकी यादों की बारात के रास्ते थोड़े अलहदा हैं, जिसको लगता है कि कई पुरानी कॉमिक्स कम्पनियों के बंद हो जाने का कारण ही यही था कि उनके बचपन में पढ़ते तो वो उन्हीं कॉमिक्सों को थे, पर खरीदने के वक़्त वो दोस्तों में खिल्ली उड़ने के डर से राज और डायमंड खरीद लेते थे। उसी आत्मग्लानि से मुक्ति पाने के लिए आज वो लुप्तप्राय कॉमिक्सों के रीप्रिंट्स को हाथोंहाथ खरीद लेते हैं .. पिछले हफ्ते राधा कॉमिक्स के रीप्रिंट्स आने की बात पर एक उभरते हुए प्रकाशक ने तो यहां तक कह दिया कि राधा रानी का नाम जुड़ना ही कॉमिक्स की सफ़लता की गारंटी है, हालांकि शायद वो इस बात में नहीं मानते होंगे कि "नाम में क्या रखा है" ना ही उन्हें ये ध्यान रहा होगा कि राधा कॉमिक्स पहले असफल रही थी, तभी बंद हुई थी, वो भी पाईरेसी काल आने से कहीं पहले.. लेकिन कोई बात नहीं, कई बार बैट्समैन पहली बारी में 0 पर आउट होकर भी दूसरी पारी में शतक लगा देता है। 

राधे-राधे बोलो, जय कन्हैया लाल की... 


7. पिछले कुछ दिनों से चीज़बर्गर कॉमिक्स ने बिना खर्चा किए चर्चा में रहने की जो नज़ीर पेश की है, उम्मीद है कि नए प्रकाशक भी भविष्य में अपने नए प्रोजेक्टों की पब्लिसिटी के लिए उससे कुछ सीख लेंगे, लेकिन चीज़बर्गर कॉमिक्स वालों ने एक बार फिर दिखाया है कि वो कॉमिक्स बेचने के लिए बड़े और पुराने खिलाड़ियों की नीतियों का ही अनुसरण कर रहे हैं, इसलिए तभी उन्होंने पेपरबैक कॉमिक्स लोगों तक पहुँचने का इंतजार किया और उसके एकदम बाद उन्होंने उसका CE निकालने की घोषणा की, बिल्कुल शक्तिरुपा स्टाइल में.. अब कॉमिक्स दुनिया के जिन बाशिंदों ने पहले पेपरबैक कॉमिक्स खरीद ली, वो CE की घोषणा होने से हमेशा की तरह ठगा सा महसूस कर रहे हैं, लेकिन जब दूध का जला चीज़बर्गर फूंक फूंक कर खाने के लिए राजी ही नहीं है तो इसमें कोई और क्या करे भला? 


8. 2020 से भारतीय कॉमिक्स जगत में जो एक नयी रवानी आयी है, उसका फायदा उन सुपरहीरोज़ को भी मिला है, जिनको पहले ज्यादातर कॉमिक्स प्रेमी पूछते तक नहीं थे.. नहीं नहीं, यहां सुपर इंडियन की बात नहीं हो रही क्यूंकि उससे तो नफरत है लोगों को.. मैं बात कर रहा हूं इंस्पेक्टर स्टील और तिरंगा की, जिनकी मांग इतनी बढ़ गयी कि पहले तो इनकी शुरुआती 4-4 कॉमिक्स के रीप्रिंट्स की 3-3000 कॉपियां बिकीं (बकौल श्री मनीष गुप्ता), फिर रजत नायक के नाम से इनकी शुरुआती 4-4 कॉमिक्सों का CE आया और अब बाकायदा इनकी शुरुआती 4-4 कॉमिक्सों के डाइजेस्ट निकाले गए हैं RCMG द्वारा... 

वो अलग मुद्दा है कि इंस्पेक्टर स्टील की शुरुआती कॉमिक्सें 4 नहीं बल्कि 5 हैं और पाठकगण क्षुब्ध हैं कि बार-2 बताने के बाद भी RCMG हर बार वही गलती कैसे कर सकती है और क्या उन्हें उनकी गलती  सुधारने की प्रेरणा तभी मिलेगी, जब RCSG वाले भी इंस्पेक्टर स्टील की कॉमिक्स निकाल देंगे और इंस्पेक्टर स्टील की पांचवी कॉमिक्स भी शुरुआती कॉमिक्सों के सेट में लगाएंगे, कुछ वैसे ही जैसे अब मरेगा परमाणु सेट में हुआ था?

जब RCMG से इस बारे में जानने की कोशिश की गई तो एक शख्स ने इस सवाल पर बहुत हैरानी जताई और जवाब देने के बजाय हम पर ही पलटकर सवाल दाग दिया कि क्या मतलब सिर्फ कॉमिक्स में नाम बदलने को ही एडिटिंग नहीं कहते क्या?


9. RCSG के सर्वेसर्वा श्री संजय गुप्ता इस हफ्ते भी इस ग्रुप से हुई डील का मान रखते हुए शनिवार का बोलकर, शुक्रवार को ही लाइव आए और उन्होंने दिखाई अपनी नई कॉमिक्सें, शंखनाद और सर्वग्रहण! और सर्वग्रहण का बड़ा साइज़ देखते ही कुछ लोग बहुत खुश हुए वहीं कुछ लोगों के अनुसार ये बड़ा साइज़, ये एडिटिंग और एक अतिरिक्त पेज सिर्फ अपनी महंगी कॉमिक्स के ज़्यादा मूल्य को न्यायोचित ठहराने की कवायद है, वहीं कुछ लोग इस बात से परेशान दिखे कि आखिर जरूरत ही क्या थी RCSG को अपनी कॉमिक्स में ये सब करके लाने की, कम से कम उन्हें ये वाली सर्वग्रहण ना लेने पर कोई पीड़ा/जलन तो ना होती... बहुत दुख पहुँचा रहे हैं RCSG वाले कॉमिक्स जनता को! 

सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें...

मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!

Saturday 2 July 2022

जितेश तलवानी की कलम से

 

समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ इस हफ्ते जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम!

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि COTW कॉमिक्स दुनिया का हंसी ठिठोली का फेवरिट अड्डा बन गया है। COTW से आप लोगों का प्यार इतना है कि उसमें प्रयोग की गई चीजों को लोग सामान्य बोलचाल में प्रयोग करने लगे हैं। 

उदाहरण के तौर पर, जिस हफ्ते कॉमिक्स जगत के खेमों में बंटने की बात की गई, उस दिन के बाद खेमा शब्द सब लोगों का पसन्दीदा शब्द हो गया है और लोग आपसी बोलचाल में खुलकर सामने वाले को खेमेबाज कहने लगे हैं।

हालांकि कुछ लोगों को भले लगता हो कि COTW कोई नहीं पढ़ता, लेकिन अब ऐसे आलमे-वहम का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं था! 

इसलिए हंसते खेलते रहिए, भसड़ करते रहिए और COTW को इसी तरह प्यार देते रहिए। 

तो आइये, देखें क्या हुआ इस हफ्ते अलग-2 खेमों में:


1. अंततः RCMCG की तरफ से उनके द्वारा लिए गए प्री-ऑर्डर की अपडेट आयी जब उनके सर्वेसर्वा श्री मनीष गुप्ता जी ने बताया कि कॉमिक्स छपने में समय इसलिए लग रहा है क्यूंकि वो पुरानी कॉमिक्सों में हो चुकी गलतियां, जिनमें से कई कॉमिक्स के संपादक तो वो खुद ही थे उनकी रिलीज के वक़्त, सुधार रहे हैं और अपनी इस बात को संबल देने के लिए उन्होंने कुछ "बिफोर- आफ्टर" वाली तस्वीरें भी साझा कीं, जिन्हें देखकर कॉमिक्स जनता को लगा कि उनके साथ "ढूंढो तो जानें" वाला खेला हुआ है।

बड़ी मुश्किल से एक बदलाव समझ आया वो ये कि एक कॉमिक्स के हर फ्रेम में अदरक चाचा की चड्डी का रंग अब एक जैसा ही था, जबकि पहले वाली कॉमिक्स में उस चड्डी का रंग फ्रेम दर फ्रेम बदल रहा था! 

हालांकि कुछ लोग खुश थे कि अब की बार वो कॉमिक्स पढ़ते हुए उन्हें उस चड्डी के रंग बदलने से होने वाली कुंठा नहीं होगी, लेकिन उन लोगों का क्या जिनको रीप्रिंट्स खरीदने ही इसलिए होते हैं क्यूंकि उन्हें सब कुछ पहले जैसा चाहिये होता है, भले वो अदरक चाचा की चड्डी का बदलता हुआ रंग ही क्यूँ ना हो?


2. COTW का प्रभाव ऐसा हो चुका है कि उसमें लिखे हुए को वो सब नोटिस करते हैं जिनके बारे में लिखा जाता है। 

अब जैसे पिछले हफ्ते ही COTW में इस ओर इशारा किया गया था कि RCMCG में सारा काम का दबाव उनके सर्वेसर्वा श्री मनीष गुप्ता के कँधों पर ही आ गया है और उनकी एड्मिन टीम कुछ खास काम नहीं करती और अक्सर उनकी अपडेट्स गलत ही साबित होती हैं, जिसके फलस्वरूप कॉमिक्स जनता परेशान होती है और देखिए, इस हफ्ते मनीष जी ने RCMCG के फेसबुक ग्रुप से सभी निष्क्रिय एड्मिन को बाहर कर दिया है और नयी एड्मिन टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके लिए कॉमिक्स जनता से भी आवदेन मांगे गए हैं। आशा है कि पुराने रीप्रिंट्स के ऑर्डरों की डिलीवरी से पहले RCMCG की नयी सोशल मीडिया टीम का गठन हो जाएगा!


3. इस हफ्ते रिलीज हुई RCSG की दो नयी कॉमिक्स, नागप्रलोप और मृत्युरथी और जैसे ही कॉमिक्स दुनिया के बाशिंदों के पास मृत्युरथी पहुंची, चाहे हार्ड कॉपी या ई-कॉपी, उनका भोकाल की सालों बाद आयी नयी कॉमिक्स को लेकर जो उत्साह था, वो कॉमिक्स के आर्टवर्क को देखकर हो गया आलोप और सबने एक ही सुर में कहा, ई का बवासीर बना दिए हो? 

खूब लानत-मलानत हुई आर्टिस्ट की, संपादक की, RCSG की और RCSG की गुणवत्ता के दावे की सरेआम धज्जियाँ उड़ गयीं और किसी मुद्दे पर इतनी एकता कॉमिक्स जगत में काफी वक़्त बाद दिखी थी! 

लेकिन जब आलोचना करने वाले कुछ लोगों ने कॉमिक्स की आड़ में आर्टिस्ट और प्रकाशक पर अनर्गल व्यक्तिगत आक्षेप लगाने शुरू किए और आर्टिस्ट की व्यक्तिगत समस्या के बारे में बताए जाने के बावजूद यहॉं तक कह दिया कि जब बस का नहीं है तो फिर छोड़ दें आर्ट बनाना, तब कॉमिक्स जनता के कुछ लोगों को बहुत गलत लगा और कॉमिक्स जनता फिर से दो खेमों में बंट गयी और बात कॉमिक्स के खराब होने से हटकर कॉमिक्स जनता के बाशिंदों के बीच आपसी सर-फुटव्वल में तब्दील हो गई और लोगों ने एक दूसरे को भावुकता के आवेश में खूब सारी अशोभनीय बातें कहीं! 

देश की सरकारें शुक्र मनायें कि इतने भावुक लोग अपना सारा आवेश कॉमिक्स दुनिया के मुद्दों में ही निकाल देते हैं वर्ना कहीं अगर ये लोग अपनी सरकारों के काम की समीक्षा इस तरह करना शुरू हो जायें तो क्या होगा उनका? 


4. मृत्युरथी के आर्टवर्क पर मचे इस हंगामे के बाद RCSG के सर्वेसर्वा श्री संजय गुप्ता जी ने किया एक फ़ेसबुक लाइव और शुरू करते ही मुझे सबके सामने ये वादा किया कि वो मुझे अपने इस कॉलम के लिए कुछ मसाला देके जाएंगे लेकिन जैसे प्रलय का देवता 2 भाग में नहीं आयी, वैसे ही उनसे मसाला नहीं आ पाया! 

उस फेसबुक लाइव में उन्होंने मृत्युरथी कॉमिक्स दिखाकर ये बताया कि वो उस सीरीज की आगे आने वाली कॉमिक्सें भी उसके आर्टिस्ट ललित जी से ही बनवाएंगे क्यूंकि उनके उनपर पूरा ऐतबार है और साथ ही साथ कॉमिक्स जनता को एक संदेश भी दे दिया कि ललित जी के आर्टवर्क वाली मृत्युरथी के अगले भाग लेने हैं तो लेना, वर्ना मत लेना! 

हालांकि जो मृत्युरथी की कॉपी उन्होंने दिखाई उसके पन्ने निकल रहे थे और इससे पहले कि कॉमिक्स जनता "ऊंची दुकान, फीका पकवान" के नारे लगाना शुरू करती, संजय जी ने साफ कर दिया कि उनके पास वो डमी कॉपी थी, जिससे एक सवाल और उठ खड़ा हुआ.. क्या मृत्युरथी भी शक्तिरूपा की तर्ज पर RCSG से आउट ऑफ स्टॉक हो चुकी है? 


5. इस हफ्ते घोषणा हुई सर्वनायक सीरीज के अगले भाग सर्वआयुध की RCMG की तरफ से जिसके बाद उन्हें सलाह दी गई कि इससे अच्छा नाम सर्व"आयुष" होता, हालांकि वो माने नहीं लेकिन क्या मालूम कि आगे आने वाले किसी भाग का नाम सच में सर्व"आयुष" ही हो? 

खैर, जब RCMG ने सर्वआयुध लाने की घोषणा कर दी तो RCSG ने भी कर दी (पता नहीं कब खून खौलेगा रे तेरा RCMCG) और RCSG ने दिखाया सर्व आयुध का एक नया कवर डिजाइन, जिसे देखकर संपोले लहालोट हो उठे और कैडेट मंडली के सीने पर साँप लोट उठे क्यूंकि कवर पर हर तरफ सिर्फ नागराज की परछाई उसका सुपुत्र नागीश ही था और कहीं भी कुछ भी नीला पीला नजर नहीं आया! 

लेकिन असली मार तब हुई जब कुछ छद्म कैडेटों ने ये अफवाह फैलाई कि वो कवर भी स्पाइडरमैन की किसी कॉमिक्स के कवर से चोरी किया गया है लेकिन फिर जब कैडेट्स को समझाया गया कि जिनके खुद के घर शीशे के हों, उन्हें हमेशा लाइट बंद करके कपड़े बदलने चाहिए, तब वो जाके थोड़ा शांत हुए! 

लेकिन असली खामियाजा भुगतना पड़ा भाई Amit Kumar को, जिन्होंने इस मुद्दे को एक व्यंग्य के जरिए रखने की कोशिश की ब्रह्मांड के सबसे बड़े कॉमिक्स ग्रुप पर जिसके अनुसार RCSG ने सर्व आयुध के कवर के लिए मार्वल वालों से बाकायदा अनुमति ली है लेकिन क्यूंकि वहां के सेलेब्रिटी एड्मिन को व्यंग्य समझ नहीं आते( जो कि अच्छी बात ही है उनके नजरिए से) तो उन्होंने Amit Kumar जी को अल्टीमेटम दे दिया कि या तो वो RCSG और मार्वल वालों के बीच उस कवर डिजाइन को प्रयोग करने हेतु हुए अनुबन्ध की कॉपी लाएँ अन्यथा उनको निकाल दिया जाएगा.. अब क्यूंकि आज वहाँ Amit Kumar भाई नहीं हैं इसलिए अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि क्या हुआ होगा!

ये बातें देखकर बस यही लोकोक्ति याद आती है कि सीख ना दीजै बांदरा, घर बया को जाय।।


6. आप में से कई लोग इस बात को जानते होंगे कि भारत में कॉर्पोरेट सेक्टर में एक कार्यसंस्कृति काफी पायी जाती है, जिसमें कुछ कर्मचारी काम कम करते हैं लेकिन दिखावा ज़्यादा करते हैं और 2 घण्टे का काम भले 10 घण्टे में खत्म करेंगे, लेकिन ईमेल डालेंगे देर रात को, ताकि अपना प्रभाव दिखा सकें कि कितनी देर तक काम करते हैं! 

लगभग वैसा ही कुछ कुछ किया इस हफ्ते RCMG ने, जब 4 महीने से अधिक अन्तराल गुजर जाने के बाद उन्होंने सर्व नायक के रीप्रिंट्स और कुछ और रुके हुए रीप्रिंट्स की डिलीवरी भेजना शुरू की और अपनी पीठ थपथपाई कि देखो हमने 50 से ज़्यादा कॉमिक्स इकट्ठी निकाल दीं, बिना ये सोचे कि प्री-ऑर्डर लगाने वाले लोग उन रीप्रिंट्स का कब से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे!

RCMCG वाले तो चलो फिर भी रीप्रिंट्स वाली कॉमिक्सों में कच्छों का रंग बदल रहे हैं इस वजह से उनको देरी हो रही है लेकिन RCMG ने तो ये काम भी नहीं करना था, उनको इतनी देरी क्यूँ लग गई? 

कॉमिक्स जनता में इस बात पर भी भारी आक्रोश है कि जिस प्रेमग्रंथ के वादे के नाम पर शक्तिरुपा जैसी आधी अधूरी कॉमिक्स उनको चिपकाई गई थी, आज आधा 2022 गुजरने के बाद भी उसका कुछ अता-पता नहीं है.. अरे कम से कम प्रेमग्रंथ का प्री-ऑर्डर ही लगा लेते, तो कैडेट समाज उम्मीद के सहारे ही जी लेता! 

लेकिन प्रेमग्रंथ के लिए हल्ला काटने वालों से मेरा यही कहना है कि थोड़ा सब्र और करें क्यूंकि लेखक महोदय को अब RCMG खेमे वाली सर्वनायक भी पूरी करवानी है और इसके लिए उनको "बहुत कुछ पढ़ना" होगा , इसलिए थोड़ा सब्र रखें! 

 

7. जैसा कि हम जानते हैं कि कॉमिक्स जगत की वीरान गली यानी हैलो बुक माइन के फेसबुक ग्रुप में कोई भी कॉमिक्स जगत का अनुभवी बाशिंदा जाकर राजी नहीं है क्यूंकि जिस सेलर के पास कोई कॉमिक्स ही नहीं है बेचने को, उस ग्रुप में कॉमिक्स प्रेमी जाकर लूडो खेलने के लिए थोड़े ना जुड़ेगा लेकिन इस हफ्ते इस ग्रुप में जुड़े एक नए सदस्य, जो कि कुछ समय पहले ही कॉमिक्स की दुनिया में वापसी आए हैं और जानकारी के लिए अलग-2 ग्रुप्स में जा रहे हैं, ने घुसने की कोशिश की हैलो बुक माइन के फेसबुक ग्रुप पर, तो उनको ये कहकर घुसने नहीं दिया गया कि उस ग्रुप में केवल पुरानी और असली ID से ही एंट्री मिलेगी! 

अब यहां 2-3 सवाल हैं... कि ID पुरानी है या नहीं, ये किस आधार पर निर्धारित होगा? दूसरा, ये कॉमिक्स ग्रुप चला रहे हैं या मैरिज ब्यूरो? और तीसरा एवं सबसे महत्वपूर्ण सवाल, कौनसी गलतफहमी है इनको अपने बारे में जिसका इनको ऐसा दम्भ है? 

क्या मतलब लोगों का पैसा अभी भी फँसाकर रखा हुआ है वॉलेट में?


8. इस हफ्ते एक बड़ी ही अजीब घोषणा हुई कॉमिक्स इंडिया वालों की तरफ से जब उन्होंने अपने आगामी सेट की कॉमिक्सों को  समर्पित करने की घोषणा की महान स्वतंत्रता सेनानी श्री चंद्रशेखर 'आज़ाद' को। 

अब सवाल ये उठे कि अचानक से ये करने का क्या था क्यूंकि जिन कॉमिक्सों के सेट को आज़ाद जी को समर्पित किया गया है, उनके नाम देखके ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि इनका किसी भी तरह से स्वाधीनता संग्राम से कोई लेना देना है।

जब कॉमिक्स इंडिया वालों से सवाल पूछा भी गया इस बाबत तो उन्होंने बड़ा ही गोलमाल सा जवाब देकर टरका दिया।

लेकिन अगर सूत्रों की मानें तो किसी ने कॉमिक्स इंडिया वालों को सलाह दी है कि जब देशभक्ति की आड़ में टाइलें और पान मसाला तक बेचा जा रहा है तो कॉमिक्सें क्यूँ नहीं बेची जा सकती.. और इसी रणनीति के तहत ये दांव खेला गया है! 

देखते हैं क्या इस तरीके से कॉमिक्स की बिक्री बढ़ पाती है? 


9. हंगामा है क्यूँ बरपा, शक़्ल ही तो ब्लर की है... बिना रंग के तो नहीं छापा, सीरीज भी आगे बढ़ी हैssss।।

जी हां, मैं बात कर रहा हूं सर्व नायक विस्तार सीरीज की नयी कॉमिक्स प्रकोष्ठ के कैदी की, जिसे रिलीज हुए तो कुछ वक़्त हो गया है लेकिन शायद ई-कॉपी अभी पहुंची है लोगों के पास, इसलिए उसके कुछ पैनलों पर हुए निम्न स्तर के आर्टवर्क पर कॉमिक्स जनता बेहद भड़क उठी है।

कुछ में चेहरे गायब हैं, कुछ में डिटेल गायब लेकिन असली गुस्सा आया है लोगों को महामानव के चित्रण पर जिसको देखकर ऐसा लग रहा है जैसे किसी नाई ने किसी के लंबे बाल रख दिए लेकिन कटोरा कट के बाद!

मतलब महामानव को देखकर कई लोगों ने पूछा कि छोटी बच्ची है क्या? लोगों ने चौतरफा बुराई की है प्रकोष्ठ के कैदी के आर्टवर्क की। बस कुछ लोगों को समस्या इस बात से थी कि ये कॉमिक्स दोनों प्रकाशकों ने क्यूँ निकाली है क्यूंकि आलोचना करने का असली मज़ा तो तब आता जब एक प्रकाशक ही निकालता ये कॉमिक्स..

सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें...

मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!

Thursday 30 June 2022

साजन चूहान की कलम से

 यहाँ उन कॉमिक्स के नाम दिए जा रहे है जिन कॉमिक्स के नाम सर्वनायक में आय है तथा पृष्ठ संख्या जिस पृष्ठ पर ये नाम आये है।


नोट:- अभी मैंने सर्वग्रहण नही पड़ी है और ना ही प्रकोष्ठ के कैदी तो उन कॉमिक्स में जिन कॉमिक्स के नाम आए है बह नाम इस लिस्ट में नही मीलेंग


★★★★★★★★★★★★★★★★★★★

सर्वनायक सम्बन्धित कॉमिक्स श्रृंखला

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अंगारे------सर्वंसंहार----पृष्ठ संख्या  45

रक्तबीज----सर्वमंथन----पृष्ठ संख्या  4

'बहुरूपा, 'भेड़ाक्ष,---सर्वसंधि--पृष्ठ संख्या 9

लघुघाती----सर्वसंधि---पृष्ठ  56

ड्रैकुला का अंत---सर्वसंधि---पृष्ठ 64

खतरनाक  व महारानी---सर्वक्रान्ति--पृष्ठ संख्या 56

निशाचर----सर्वशक्ति----पृष्ठ संख्या  3

कोबी और भेड़िया---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या  48

बलिकुठार,वनरक्षक,शापितरक्षक,आहूति---सर्वशक्ति------पृष्ठ संख्या  51

वर्तमान----सर्वशक्ति-----पृष्ठ संख्या 59

विध्वंश,परकाले---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या  66

क्राइम किंग,काल चक्र---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या 88

तिलंगे,मैं हूँ भेड़िया,किंग लूना,रक्तबीज---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या   89

माया का जादू,दिग्गज---सर्वआगमन--पृष्ठ संख्या13

कुंडली,एलान-ए-जंग---सर्वआगमन--पृष्ठ संख्या85

शापित रक्षक----सर्वव्यूह---पृष्ठ संख्या  56

घोंघा-----सर्वप्रलय---पृष्ठ संख्या  7

केकड़ा-----सर्वप्रलय---पृष्ठ संख्या  19

कलियुग----सर्वप्रलय---पृष्ठ संख्या  66


प्रथम भोकाल श्रृंखला

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प्रथम भोकाल

परी जन्म

देव युद्ध

भोकाल जन्म

महागुरु भोकाल


अंतर्द्वंद श्रृंखला

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धिक्कार

अंतर्द्वंद


आरम्भ श्रृंखला

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आरम्भ

शुर्यान्श

श्रष्टि

स्वर्गपात्र


सर्वनायक श्रृंखला

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युगांधर

सर्वयुगम

सर्वदमन

सर्वसंग्राम

सर्वसंहार

सर्वमंथन

सर्वसंधि

सर्वक्रांति

सर्वशक्ति

सर्वआगमन

सर्वव्यूह

सर्वप्रलय

सर्वरण

सर्वग्रहण


इसी के साथ चलती है सर्वनायक विस्तार श्रृंखला जिससे सम्बन्धित कॉमिक्स है•••

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योद्धा,आक्रमण,बलवा,नरभक्षी,बिजली---मौत का मैराथन----पृष्ठ संख्या।  7

कैंशर-----मौत का मैराथन ----पृष्ठ संख्या  17

संपूर्ण महारावण--मौत का मैराथन---पृष्ठ संख्या 27

बम, आतिशबाज,बारूद का ख़िलाड़ी, हर घर बारूद---मौत का मैराथन----पृष्ठ संख्या। 29

चीख डोगा चीख,लोमड़ी---मौत का मैराथन---पृष्ठ संख्या 33

रात की रानी-----मौत का मैराथन---पृष्ठ संख्या 34

अदृश्य हत्यारा--- मौत का मैराथन---- पृष्ठ संख्या 35

काली विधवा ,खराब कानून और आई लव यू----  मौत का मैराथन----- पृष्ठ संख्या 39

 चारमीनार----- मौत का मैराथन---- पृष्ठ संख्या40

नागराज के बाद, फ्यूल, विनोम---  विषपुत्रो का आगमन---- पृष्ठ संख्या 2

सम्मोहन ,सम्राट ,सोडांगी---विषपुत्रो का आगमन---पृष्ठ संख्या  6

विष अमृत---विषपुत्रो का आगमन---पृष्ठ संख्या 7

विध्वंस,परकाले---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या 9

कलियुग,निशाचर, आतंक,दुश्मन नागराज,किरीगीका कहर ,चंडकाल की वापसी,हत्यारा कौन,परकाले,काल श्रृंखला---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या  10

आया चुम्बा,चुम्बा सम्राट---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या। 11

युगांधर---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या 45


सर्वनायक विस्तार

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 मौत का मैराथन

विषपुत्रो का आगमन

विष क्षेत्र संरक्षणम

स्वर्ण नगरी की तबाही

प्रकोष्ठ के केदी


आने वाले भाग सर्वनायक के

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सर्वआयुध

सर्वसमर

सर्वप्रहार


आने वाले भाग सर्वनायक विस्तार के

रैत का शहनशाह

Friday 17 June 2022

सुजीत शर्मा की कलम से

 भारतवर्ष के कुछ बेहतरीन कॉमिक आर्टिस्ट्स ( मेरी जानकारी के अनुसार ) जिसने हमारे जीवन को अपने सुंदर आर्ट से ख़ुशियों से भर दिया. सभी आर्टिस्ट आदरणीय है ! सभी का एक अपना स्टाइल होता है. हर आर्टिस्ट अपना बेस्ट देने का प्रयास करते है. आर्ट एक ऐसा फ़ील्ड है जहां सुधार की गुंजाइश हमेशा होती है. 

1 . स्वर्गीय प्रताप मुलिक- बचपन में मुलिक़ सर का आर्ट मेरा फ़ेवरेट था. आज भी वो मेरे जैसे अनेक आर्टिस्ट के प्रेरणा स्रोत है. नागराज एक सुपर हीरो जो आज भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय सुपर हीरो है, उसको जीवन देने वाले मुलिक़ सर ही थे. उनका आर्ट में यूनिवर्सल अपील थी. सच कहूँ तो उनका आर्ट हर सुपर हीरो पर फ़िट लगता था. करेक्ट एंड बहुत ही इफ़ेक्टिव. उनके बनाए कवर आर्ट एकदम मूवी पोस्टर की तरह लगता था. ख़ूनी खोज, नागराज और बेम-बेम बेग़िलो, मिस्टर 420, कोबरा घाटी, बच्चों के दुश्मन आदि सब के कवर एक से बढ़कर एक थे. नागराज की मोहिनी सूरत और बलिष्ठ शरीर का सृजन उनके ही बस की बात थी. जब मैं नागराज की कॉमिक्स को बचपन में देखता था तो घंटो निहारता ही रह जाता था. ऐसा लगता था की नागराज जीवंत-सा,बोलता-सा, अभी पेज से बाहर निकल आएगा. अगर आपको याद हो तो नागराज की हर कॉमिक्स में मुलिक सर का एक चित्र दिख़ जाता था. बचपन में सोचता था की जब बड़ा होऊँगा तो मुलिक सर से ज़रूर मिलूँगा और पूछूँगा की आपके चित्र इतना जीवंत कैसे लगते है ! उनसे आर्ट सीखूँगा ! लेकिन यह सपना मन में ही रह गया. मैंने उनके नागराज को देखकर नागराज की ख़ूब सारी पेंटिंग्स बनाया करता था. 

2. मनु - मनु मेरे दूसरे सबसे फ़ेवरेट आर्टिस्ट रहे है. उनके बनाए डोगा के कॉमिक्स बेहद शानदार रहे है. उनकी आर्ट एकदम स्पस्ट होती है. उनके बनाए चेहरे एक दूसरे से अलग और आसानी से पहचान लिए जाने वाले होते है. 

3. दिलीप कदम - अमर चित्र कथा और भोकल के लोकप्रियता में इनके बनाये चित्रों का भी बहुत बड़ा योगदान है. इनका आर्ट सबसे हटकर होता है. पुराने राजा-रानी की कहानियों पर इनके चित्र ख़ूब सुंदर लगते है

4. अनुपम सिन्हा - शुरुआत में इनकी आर्ट मुझे पसंद नहीं आती थी. चेहरा बड़ा और शरीर छोटा लगता था. इनके आर्ट में हर कोई मस्क्युलर ही दिखता था. पर समय के साथ इनके आर्ट में कमाल का सुधार हुआ. सुपर कमांडों ध्रुव की लोकप्रियता में इनके बनाए चित्रों का ही योगदान है. 

5. स्वर्गीय धीरज वर्मा - भेड़िया आज सबका चहेता सुपर हीरो है तो उसका श्रेय धीरज सर को है. भेड़िया की ख़ूँख़ारता और जंगल के ख़ूबसूरत दृश्य को धीरज सर बखूबी बनाते थे. उनकी बनायी काइगुला, मौत मेरे अंदर, कोबी और भेड़िया, जंगलिस्तान, आधे इंसान आदि की आर्ट कभी नहीं भूली जा सकती है. 

6. हेमंत कुमार - वर्तमान में हेमंत सर मेरे सबसे फ़ेवरेट है. हेमंत सर की आर्ट मुझे बहुत ज्यादा पसंद है क्योंकि

- वो एकदम डायनामिक और पेस से भागती कहानी के अनुसार चित्रांकन करते है.

- बॉडी का प्रोपोर्शनल एकदम परफेक्ट रहता है. ख़ासकर मकबरा कॉमिक्स

के बाद तो वो एक के बाद एक कॉमिक्स में अपनी आर्ट में सुधार करते जा रहे है.

- पिछले कुछ कॉमिक्स से वो फेस बहुत खूबसूरत बना रहे है.

- उनके आर्ट में हर किसी को मस्कुलर नही दिखाया जाता बल्कि करैक्टर के हिसाब से बॉडी होती है.

- मुझे लगता है कि नितिन सर की जबरदस्त कहानियों के साथ हेमंत सर गज़ब का न्याय करते है जो शायद ही कोई दूसरा कर पाये.

- हेमंत सर की आर्ट पुराने जैसे फ्लैट ना होकर 3D फील देती है.

7. दिलदीप सिंह - इनका आर्ट दिन ब दिन बेहद खूबसूरत होता जा रहा है. मनु सर के बाद डोगा को दिलदीप सर ने ही जीवन दिया है. 

8. आदिल खान - अनुपम सर की तरह आदिल सर भी चेहरा बहुत ख़ूबसूरत बनाते है. प्रलय का देवता सिरीज़ से इनका आर्ट एक अलग ही लेवल पर है !

9. ललित शर्मा - आतंक़हर्ता सिरीज़ में नागराज का खूबसूरत ऐक्शन पोज़ और कमाल के फ़ाइट सीक्वन्स देखते ही बनते है. उम्मीद है आगे ललित सर का और भी काम देखने को मिलें.

10. ललित सिंह - इनका काम मैंने गुरु भोकल में देखा था. इनका आर्ट तो एकदम सजीव लगता है. बहुत ख़ुशी है कि एक लम्बे अंतराल के बाद वो अपनी कला की छँटा बिखेरने ‘मृत्युरथी’ से वापसी कर रहे है.