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Wednesday 13 May 2020

व्यंग ( डोगा ) शीर्षक – मेरी कॉमिक कब आएगी -राज कॉमिक्स की कॉमेडी कहानी-9

व्यंग ( डोगा )
शीर्षक – मेरी कॉमिक कब आएगी 

दृश्य १  

रात्रि का समय , यानि सूरज के डोगा बनने का समय – हर दिन की तरह सूरज अपनी डोगा की ड्रेस पहन कर गटर में कूदने ही वाल था की उसे अदरक चाचा की आवाज सुनाई पड़ती है 
अदरक चाचा – सूरज ओ सूरज कहा है तू 
सूरज – क्या हुआ चाचा , क्यों गला फाड़ रहे हो 
अदरक चाचा – यहाँ है तू , और ये क्या फिर से तूने डोगा की ड्रेस पहन ली , अरे कितनी बार समझाया है तुझे की डोगा की ड्रेस मत पहन 
सूरज – चाचा डोगा हु तभी तो डोगा की ड्रेस पहनी है , अब क्या मोहर सिंह डोगा की ड्रेस पहनेगा 
अदरक चाचा – अरे बेवकूफ डोगा की ड्रेस पहन लेने से क्या rc( raj comic ) तुझे और तेरी कॉमिक को दोबार पब्लिश करने लगेगी , पिछले दो वर्षो से तेरी कोई सोलो कॉमिक पब्लिश नहीं हुई है , और पिछले दो वर्षो से तू लगातार इसी तरह डोगा की ड्रेस पहन कर गटर में कूद पड़ता है , rc तुझे गटर से बाहर लाती नहीं और तू पूरी रात गटर में रहकर ही वापस यहाँ आ जाता है , अब तो मुझे भी लगने लगा है तू कूड़े की तो नहीं ( क्यों फेका कूड़े पर ) पर तू पक्का गटर की पैदाइस है , इसलिए तू हर रात गटर में चला जाता है 
अब देख क्या रहा है , अपने दात भीचना बंद कर और चुपचाप कपडे बदल कर सो जा , कल जीम ( gym ) में कुछ नयी मशीन आ रही है , उसे कैसे इस्तेमाल में लाना है ये तेरी जिम्मेदारी है     
आज्ञाकारी सूरज अपने दिमाग पर गरम गरम बर्फ रख कर सो जाता है 

दृश्य २  

सुबह सुबह ( 6 बजे )
मोहर सिंह सूरज के कमरे में आता है ,
मोहर सिंह – सूरज भेया उठ जाये सुबह हो गयी है , आपके लिए ठंडी चाय लाया हु ,
सूरज – सोने दे न मोहर सिंह , रात अदरक चाचा ने बर्बाद कर दी सुबह तू आ गया अपनी ठंडी चाय के साथ , मेरा गर्म दिमाग तेरी ठंडी चाय से ठंडा नहीं होने वाला  
मोहर सिंह – सूरज भेया जरा अपना मुह तो खोलिये 
सूरज – क्यों 
और जैसे ही सूरज ने क्यों बोलने के लिए अपना मुह खोला वैसे ही मोहर सिंह ने चाय की पूरी कप सूरज के मुह में उड़ेल दी , और चिल्लाता हुआ सूरज उठ बैठा 
सूरज – मोहर के बच्चे , आह , ये तेरी ठंडी चाय गरम कैसे हो गयी , और तूने पूरी कप मेरे मुह में डाल दी , अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह , अबे छोरुगा नहीं तुझे रुक अभी बताता हु तेरी तो , 
इतना कह सूरज अपने जले हुए मुह और जीभ के साथ मोहर सिंह की और बढ़ा 
मोहर सिंह – वही रुक जाये सूरज भेया , दो वर्षो से डोगा नहीं बने हो आप , सारी की सारी बॉडी हर तरफ से 100 – 100 ग्राम पिचक गयी है और मै वैसे का वैसा ही हु , मेरी कॉमिक ( चार मीनार ) भूल गए क्या , ऐसी पटकी दूंगा की टॉयलेट सीट पर जब भी बैठोगे पिछवाडा दुखने लगेगा 
सूरज हक्का बक्का सा वही ठिठका खड़ा रह गया 
मोहर सिंह – जब आप डोगा बनते थे तब आपका काम दोपहर एक बजे से सुरु हो था , पर अब जब आप दो वर्ष से डोगा नहीं बने है तो आपका काम सुबह ७ बजे से ही सुरु हो जाता है , अब अपने दात भीचना बंद कीजिये और जाकर जीम की सफाई कीजिये , आपके और अदरक चाचा के विद्यार्थी आते ही होंगे , जीम का काम हो जाये तो दोपहर या शाम तक मोनिका भाभी से मिल आइयेगा उन्होंने आपको बुलाया है 
सूरज की बोलती ही बंद हो गयी थी , बेचारा चुपचाप पास ही रखा झाड़ू पोछा उठाकर जीम की ओर चल पड़ा 

दृश्य ३ 

जीम के विद्यार्थी आपस में बाते करते हुए 
यार ये बांकेलाल कौन है , कोई नया सुपरहीरो है क्या  
तुझे इतना भी नहीं पता “” बांकेलाल ‘’’’ rc का फ्लैग हीरो है , 200 से भी ज्यादा कॉमिक आई है उसकी , उसके सामने तो सुपर से ऊपर कमांडो ध्रुव घास छिलता है घास 
सूरज - क्या बात कर रहे हो यार , मेरे हिसाब से तो डोगा सबसे शानदार हीरो है rc का , क्या एक्शन करता है क्या ठोकता है और तो और कॉमेडी भी कर लेता है , बांकेलाल से भी बेहतर ( निचे से )
क्या सूरज भेया आप भी , अब आप डोगा बन कहा रहे हो जो डोगा की तारीफ कर रहे हो , अरे डोगा का स्टारडम तो सुपर स्टार राजेश खन्ना की तरह निकला , कभी सबसे टॉप पे तो आज निचे से टॉप पे 
सूरज पागलो सा उन्हें देखता रहता है ( इन्हें मेरे डोगा होने के बारे में कैसे पता चला )
क्या सोच रहे हो सूरज भेया , अरे हम भी rc की कॉमिक पढ़ते है और आप तो जानते हो जो rc की कॉमिक पढता है उन्हें पता है की सूरज ही हमारा पयारा डोगु है ,,, ही ही ही 
सूरज – हस क्या रहे हो , तुम सब अभी के अभी 500 पुसप्स मारो , 
पागल हो गए है क्या सूरज भेया rc का गुस्सा हम पर क्यों उतर रहे हो , वो तुम्हे पब्लिश नही कर रही तो इसमें हमरा क्या दोष 
सूरज – अभी तो बड़ा ताना मार रहे थे , पुसप्स की बात आई तो हवा निकल गयी ,,,, चुपचाप 500 पुसप्स मारो , तुम्हारे निचे से टॉप डोगा ने सर्व्नायक श्रिंखला में अभी तक 6417 ( छः हज़ार चार सौ सत्रह ) डिप्स मार चुके है ,,,, सुरु हो जाओ वरना तुम सबके पुठो पर ऐसी लात मरूँगा की जब भी टॉयलेट सीट पर बैठोगे पिछवाड़ा दुखेगा ( ही ही ,ये मोहर सिंह का डायलोग तो बड़े काम का निकला)

दृश्य ४ 

मोनिका के घर – 
जीम का काम ख़तम होते ही शाम को डोगा ( मेरा मतलब सूरज ) मोनिका के पास पंहुचा 
पर जैसे ही उसने दरवाजे पर मोनिका को आवाज लगाई वैसे ही मुर्गी के दो बतख वाले अंडे उसके सर से आ टकराये ,और फिर आई मोनिका गुस्से में चिल्लाते हुए 
मोनिका – अब वक्त मिला है तुम्हे , सुबह से भोर हो गयी ( मेरा मतलब { दिन से बिहान हो गयी } सुबह से शाम हो गयी ) और जनाब अब आ रहे है , कर क्या रहे थे , क्या किसी का सर फोड़ रहे थे या किसी को टपका डाला 
सूरज – क्या यार , रात को चाचा , सुबह वो मोहर का बच्चा फिर जीम स्टूडेंट्स और अब तूम , क्या सबने कसम खायी मुझे परेशान करने की  
मोनिका – जो लोग बेरोजगार होते है उनके साथ ऐसे ही सुलूक किया जाता है 
सूरज – बेरोजगार से क्या मतलब है तुम्हारा ,
मोनिका – हा ही हा बड़ा भोला है मेरा भौ भौ ( डॉगी ) , अरे मेरे बैगनी , लाल , पीले ( डोगा ड्रेस ) तू समझता क्यों नहीं , तेरे सितारे गर्दिश में है , rc तुझे भूल हाई है और हम तुझे भुला नहीं सकते , क्या करे कॉमिक में तेरे साथ ही कभी कभी हमें भी जगह मिल जाती , अब तू निठल्ला बैठा रहेगा तो अपना गुस्सा तुझ पर ही तो निकालुगी , क्युकी हम भी तो दो वर्ष से नजर नहीं आ रहे है तेरी वजह से किसी भी कॉमिक में ,,,, बड़ा बोलता फिरता था थाम्बा , आखिर rc ने तुझे थाम्बा कर ही दिया 
सूरज – मोनिका ये गलत बात है , तुझसे पयार करता और तू मुझे दुत्कारती फिरती है ,,, जानती है तेरा नाम सोनिका ( सोनू ) ही ठीक था , जब से तेरा नाम मोनिका हुआ है मै अपना मनपसन्द गाना भी नहीं गा पाता ( मोनिका ओ माय डार्लिंग आ आ आ अहा ) 
मोनिका – अच्छा और तुहारी वजह से जो मै अपने पसंदीदा सुपर हीरो से बात भी नहीं कर पाती उसका क्या 
सूरज – पसंदीदा सुपर हीरो , वो तो मै हु न 
मोनिका – पसंदीदा और वो भी तूम , तुम्हे कौन पसंद करेगा , हमेशा नाले की बदबू आती  रहती है तुमसे , अरे तुम्हे तो ये भी नहीं कह सकती की जा जाके नाले में सकल देख अपनी ,,, मेरा प्यारा हीरो तो सुपर से ऊपर कमांडो ध्रुव है , क्या बॉडी है उसकी , कित्ता क्यूट और सेक्सी लगता है , 
सूरज – अरे अब बस भी करो , rc का दुलारा है वो और वो तुम्हारा पसंदीदा है , अरे नताशा को भूल गई क्या , कच्चा चबा जाएगी वो तुम्हे मेरी मोनिए ( मोनिका ) और रही सही कसर रिचा पूरी कर देगी , काली कैट है वो , अपने पंजो से नोच डालेगी तुझे 
मोनिका – अहाहाहा  , बड़ा आई मुझे अपने पंजो से नोचने वाली अरे उस मुई को तो मै गन्ने की तरह क्षिल डालुगी न जाने कबसे ध्रुव के पीछे पड़ी है , बेचारी नताशा ध्रुव के लिए अपना सब कुछ छोड़ दिया और उससे मिला क्या बाबा जी का ठुल्लू ( अब वो अपने कलपुर्जे वाले पपा की तरह कलपुर्जो ( मशीन ) वाली कुड़ी बन गयी , और उस मुई रिचा को  , मेरे प्यारे ध्रुव की पहली वाली वो भी लॉन्ग टाइप पप्पी और वो भी लिप लिप वाली मिली , ,,,, ये नए वाले लेखक मुझे मिल जाये जिसने ध्रुव - रिचा की पप्पी वाली पेज लिखी है , उसे अलसी – बुलसी ( डोगा के कुत्ते ) से ऐसी पप्पा (पप्पी) दिलवौगी की पप्पी वाली पेज ही लिखना भुला जायेगा ,,, हुह
सूरज – अरे मेरी बात करो यार , rc तो भूल ही चूका है और तुमलोग भी मेरी बात छोड़ कर किसी भी नील पीले ( सुपर से ऊपर कमांडो ध्रुव ) की बात करने लगते हो , 
मोनिका – चुप करो भौ भौ  ( सूरज ) नै करुँगी , अब बात नहीं करुँगी प्यारे ध्रुव की , 
सूरज – मुझे क्यों बुलाया था , जरुरी काम छोड़ कर आया हु 
मोनिका – जीम में झाड़ू लगाना था , यही जरुरी काम है न 
सूरज फिर से भोच्चक्का रह गया 
सूरज – तुम्हे कैसे पता , मेरा मतलब मुझे और भी जरुरी काम है , और जीम की सफाई उनमे से एक है 
मोनिका – अब बस भी करो डोगु प्यारे , मैंने ही मोहर सिंह को कहकर तुमसे झाड़ू पोछा करवाने को कहा था , वैसे भी छोटे मॉटे काम करते रहो तुम्हारी सेहत के लिए अच्छा है , किस्सी ( किसी ) दिन rc ने गलती से तुम्हे याद कर लिया तो तेरी बॉडी अछछे से मूव तो करेगी  
सूरज – हा हा ठीक है , चलता हु , ( न चाय पूछा न पानी और याद दिला दी मेरी नानी ) 
मोनिका – कहा निकल लिए , जाते जाते चीता भेया से मिलते जाओ उन्हें तुमसे कुछ गुर्र गुर्र ( बात ) करनी है

दृश्य ५ 

चीता गराज में अपनी जीप ( गड्डी ) की मरम्मत कर रहा है 
सूरज – क्यों साले शाब क्या हुआ , अपना मुह काला क्यों किये बैठे हो 
चिता – गुर्र गुरर गर्र गररार
सूरज – अरे आदमियों की तरह बोल मै कुत्तो की भाषा समझता हु बिल्लियों ( चीतों ) की नहीं 
चीता – जयादा बक बक मत करो और मै तेरा साला अभी हुआ नहीं , rc ने तेरी रिश्ते की बात मोनिका से कर तो दी पर उसपे हल्दी चन्दन और फूल चढ़ाना भूल गयी इसीलिए तेरी शादी नहीं हुई है अभी तक मनु ( मोनिका ) से 
सूरज – अमा नाराज क्यों होते हो चीता प्यारे अच्छा बताओ किसलिए हमें याद किया 
चीता – ये लो ( मोटा बण्डल ) , ये rc को कूरियर कर दो

सर्वनायक -3 मस्ती में खिखिखि अध्याय - युग्म का रहस्य -राज कॉमिक्स की कॉमेडी कहानी-2

सर्वनायक ।।।

मस्ती में खिखिखि अध्याय - युग्म का रहस्य । 

लंच टाइम में गपशप -

नागराज - अच्छा एक बात बताये महाबली । आप अलोप से भोकाल बनने के लिए " भो भो काल " क्यों चिल्लाते है । 

भोकाल - अरे यार ये सब शब्दांकन करने वालो की करतूत है । वे इफ़ेक्ट डालने के लिए " भो भो काल " लिख देते है । गुररर । 

नागराज - हम्म । अच्छा एक और बात बताये । 

भोकाल - पूछो पूछो । 

नागराज - भोकाल से दोबारा अलोप बनने के लिए आप क्या करते है । जरूर " आ आ लोप " बोलते होंगे है ना । हिहिहि । 

भोकाल - कभी ध्यान नही दिया इस बात पे लेकिन तुम ये सब पूछ क्यों रहे हो  कही मेरा मजाक तो नही उड़ा रहे ? 

तभी आवाज आती है । स्कसकसकसक ....... । 

नागराज - मेरे आने से पहले आते है सांप ओर उसके आने से पहले आती है स्कसकसक कि आवाज । 

भोकाल - किसके आने से पहले ? 

नागराज - शक्ति शक्ति शक्तिमान ।

शक्तिमान - वाह अच्छा हुआ दोस्त मैं सीधा तुम्हारे पास पहुचा । 

नागराज - तुम यहाँ कैसे मित्र । 

भोकाल - मुझसे भी मिल लीजिये " शक्ति शक्ति शक्तिमान " । 

शक्तिमान - मैं शक्तिमान हू, शक्ति शक्ति शक्तिमान नही । गुररर । 

भोकाल - पर अभी नागराज तो तुम्हे शक्ति शक्ति शक्तिमान बुला रहा था । 

शक्तिमान - ये क्या हरी खाल में लाल चड्डी । मेरे आने पे मेरा उपहास उड़ाया तुमने । 

नागराज - अरे नही नही मित्र । वो तो तुम्हारा इंट्रो दे रहा था इसलिए एक्साइटमेन्ट में बोल बैठा । 

भोकाल - ऐसे आप बिन बुलाए कैसे पधारे यहां । सर्वनायक में तो आप है ही नही । 

शक्तिमान - आना पड़ा भोकूँ । अभी अभी सप्त ऋषिगण ने मुझे बताया है कि युग्म कोई और नही तमराज किलविष है जो युग्म के भेष में युगों को नष्ट कर हर युग मे अंधेरा फैलाना चाहता है । 

भोकाल - मेरा नाम भोंकु नही है लाल वस्त्र में सूरजमुखी के फूल । 

शक्तिमान - मेरा नाम भी शक्ति शक्ति शक्तिमान नही है स्विमिंग सूट धारक । 

नागराज - अरे गुस्सा न करे आप दोनों । अब जो शक्ति शक्ति शक्तिमान ने युग्म का रहस्य उजागर किया है तो उसका हमे फायदा उठाना चाहिए । 

शक्तिमान - गुररर । तूने फिर से उपहास उड़ाया मेरा । 

भोकाल - खिखिखि । 

शक्तिमान - हस मत तीन पत्नी वाले । 

भोकाल - बहुत जोर की खिखिखि । 

शक्तिमान - बहुत जोर से की हुई क्रोध में गुर्रर्ररर । 

नागराज ओर भोकाल गिरते पड़ते - खिखिखि । 

तभी वहां शक्ति आती गई । 

शक्ति - क्या हो रहा है यहां । 

भोकाल - ये लो । पहले शक्ति शक्ति शक्तिमान आया और अब आयी   सुईईईईईई शक्ति । 

शक्ति - मैं सिर्फ शक्ति हू, सुईईईईईई शक्ति नही । और ये सुईईईईईई क्यों जोड़ा मेरे नाम से । 

नागराज - वो क्या है न की तुम प्रकाश की गति से उड़ती हो ना तो तुम जहा भी जाती हो और कही से भी आती हो तो सुईईईईईई की आवाज आती है । 

इत्ता कहते ही नागराज और भोकाल फिर से खिखियाने लगे । खिखिखि 

दोनो की खिखिखि शक्ति के दोनों को जोर का चांटा  ( चटाक ) जमाने के साथ बन्द हुई । 

शक्तिमान - खिखिखि । 

शक्तिमान के हसते ही एक जोर का चांटा उसे भी शक्ति से पड़ा  ( चटाक )

शक्ति के चांटे के पड़ते ही तीनो एक लाइन से गांधी जी के बंदर तीन के तरह खड़े हो जाते है ।  

क्रमशः 

आगे की कहानी कल । कल होगा इस कथा का अंत । क्योंकि किलविष उर्फ युग्म का कल होगा अंत .......

विशर्पी की मोहब्बत- राज कॉमिक्स की कॉमेडी कहानी-1

😘 विशर्पी की मोहब्बत 😘


विशर्पी - आई लव यू !

अन्थोनी - क्या बोल रही हो विशर्पी नागराज ने सुन लिया तो मेरा कचूमर बना देगा ।

विशर्पी - उसने तुम्हे कुछ किया तो मार के उसका भरता बना दूंगी ।

अन्थोनी - अरे मै मुर्दा हू । मुझसे प्यार का क्या फायदा ।

विशर्पी - जिससे प्यार किया वो दूर के रिश्ते में भाई निकला । अब जब भाई वाला राज खुला तो पता चला की भाई बनने से पहले ही वो फिर से दूर चला गया जिस कारन वो कभी भाई बना ही नही । लेकिन ये दूर वाली बात है की दूर रहते हुए उसको एक बच्चा भी हो गया और दूर रहते हुए भी उसके साथ भारती नाम की फेसलेस रहती है जो दूर से ही उसे बहुत प्यार करती है । और एक बार बहुत दूर के मिशन में उसने एक नागिन को अपने जिस्म में घुसा लिया जो अब उसके दिल में रहती है ।

अन्थोनी - अरे बस बस । तेरा दर्द समझ में आ गया ।

विशर्पी - इस दर्द को तुम क्या समझोगे पहले बताओ नाग्दविप चल के साथ फेरे लोगे या चर्च चल के पादरी के सामने किस्सी करोगे ।

गुर्र्र-र्र्ररर्र्र । बहुत जोर वाली गुर्रर्र | इत्ती जोर की गुरर्र की जैसे बहुत जोर की गुरर्र ।

नागराज - दगाबाज नागिन तेरी ये मजाल । मेरे पीछे इस मुर्दे के साथ प्रेम रुमाल ।

अन्थोनी - भाई मुझसे लड़ना मत ले जा इसे बेचारी तेरे प्यार में पागल है ।

नागराज - तो अभी जो मैंने सुना वो क्या था ?

विशर्पी - वो मेरा सच्चा वाला प्यार था ।

नागराज - मार के दन्त मंजन बना दूंगा तुम्हारा नागिन । और तू  रे मुर्दे मेरी विशर्पू को पटा रहा देख अब मै तुझे कहा कहा पटाता हू ।

और फिर नागराज मार मार के अन्थोनी का कीमा बना देता है ।

विशर्पी - अले मेरा जानू किट्टू प्यार करता है मुझसे ।

नागराज - अभी मै जानू बन गया ।

विशर्पी - मै तुम्हे नही अन्थोनी को बोल रही थी ।

नागराज भूल गया था मुर्दा अन्थोनी मर नही सकता | अन्थोनी अपनी सिलाई कर के नागराज का ओह माय डॉग कर देता है | 

ओह माय डॉग - जब पीछू पे लात पड़े तो मुह से निकले ओह फिर अग्गु में लात पड़े तो मुह से निकले माय और जब दुनु जगह लात पड़ने से दर्द हॉवे तो मुह से निकले डॉग ।

नागराज का ओह माय डॉग करके विशर्पी अपने नए प्यार के साथ चर्च या नाग्दविप दोनों में से किसी एक जगह चल देती है । 😜😜😜🤪🤪

🐍 तक्षिका 🐍

नगीना पिक्चर लगी थी , घुस गया  ! इच्छाधारी नागिन का कंसेप्ट पसंद आया ...सोचता हुआ सो गया ....!!.

अचानक सीने पर कुछ हलचल सी लगी , आँख खुली तो मुँह भी खुल गया .. साक्षात नागराज कुंडली मारे फन फैलाए बैठे थे । बोले , " ये बताओ मेरी बेटी तक्षिका में तुम्हे क्या दिखाई दिया जो पसंद आ गयी !? "

मैं बोला , " तक्षक अंकल , साफ़ बोलूँ तो पहला कारण उसका अदाएं दिखाते और बल खा खा कर केंचुली बदलना था , लगा कि आज के ज़माने के हिसाब से सही बैठेगी  ! दूसरा कारण जिस तेजी से ज़हर उगलती है न , लगा पूरी तरह गृह कार्य में दक्ष है कोई भी फालतू के रिश्तेदार फटकेंगे नही बिल में ....मतलब घर मे , और तीसरा कारण  उसकी लपलपाती और उफ्फ दोमुंही डिप्लोमेटिक जीभ .. हवा में सूँघ के बता दे की कहाँ क्या अच्छा है या बुरा ! अब आप उसकी पूंछ .. मतलब हाथ मेरे हाथ मे दें तो गले में डाल लूँ ! 

अंकल इम्प्रेस हो गए पूछे इतना गहन ज्ञान मिला कहाँ से तो मैंने कहा, " नगीना  देखी सर जी श्रीदेवी , ऋषि कपूर ..क्या डांस किया बीन पर , मैं तेरी दुश्मन तू दुश्मन मेरा .."

फिर वही हुआ , माँ मुझे मुझे जगा रही , अरे क्या बोल रहा है दुश्मन , ज़हर , केंचुली .. छोड़ हाथ की क़लम और पैरों पर खड़ा हो जा पकौड़े ही बेंच ले ..!!