मित्रों,(मोदीजी वाला नहीं ही ही ही)
अभी किसी ग्रुप में जा घुसा था। वहां कुछ जबरदस्ती के इंटलेक्चुअल्स बंदे बोल रहे थे कि कॉमिक्स किसी केरेक्टर के साथ भेदभाव नहीं करती। दरअसल वो ध्रुव और नागराज की बात कर रहे थे। उनका कहना था कि नागराज के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ। जो कुछ भी हुआ बिल्कुल निष्पक्षता के साथ हुआ। कॉमिक्स बनाने कालों के लिए तो सभी कैरेक्टर समान होते है। वो क्यों किसी के साथ भेदभाव करेंगे। जो स्टोरी की डिमांड होती है उसी हिसाब से कैरेक्टर के रोल सेट किये जाते हैं। इस पूरी बकवास का मतलब था कि वो ध्रुव को नागराज पर तरजीह दिए जाने को जस्टिफाई कर रहे थे। उनके मुताबिक जो कुछ भी नागराज के साथ हुआ और ध्रुव को जो हाइप मिली वो ध्रुव डिजर्व करता था। लेखक ने कोई भेदभाव नहीं किया। उन बंदों के मुताबिक ये सब हालात अपनाए जाने लायक है। तो अब पूरी डिटेल के साथ ये बताना जरूरी है कि नागराज क्या था और उसके साथ क्या किया गया!?
कैसे पक्षपात करके नागराज जैसे नम्बर वन सुपर हीरो को दोयम दर्जे का साइड हीरो बनाया गया।??
तो उन लोगों को बता दिया जाए कि नागराज को जानने के लिए पहले ' नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव', तथा ' नागराज और बुगाकु' का ध्यान से अध्ययन करें।
जो नागराज ध्रुव के बड़े भाई की भूमिका में था उसे हर बार पिटवा कर ध्रुव के पीछे खड़ा करने का भरपूर प्रयास किया गया।
अब आती है बात पक्षपात की तो इसके लिए प्रलय, विनाश, राजनगर की तबाही, संहार, विध्वंस, परकाले पढ़े।
जी न भरे तो ' नागाधीश' , 'वर्तमान', 'सम्राट' और 'सौडांगी' जैसे हृदय विदारक विशेषांक पढ़े। (ये सलाह नागराज के हार्ड कोर फेन्स के लिए नहीं है!!कहीं वो कॉमिक्स फाड़ न डालें!!)
पक्षपात की हदें पार करते ये पक्षपात पूर्ण कॉमिक्स पढ़ने पर आपको पता चलेगा कि किस तरह नागराज को पीछे धकेला गया और अपने मानस पुत्र को जी भर के तरजीह दी गयी।
कुछ उदाहरण देखिए....
1. नागराज के सारे राज़ ध्रुव जानता है।
2. नागराज के अलावा नागद्वीप के बारे में सिर्फ ध्रुव जनता है लेकिन स्वर्ण नगरी की भनक नागराज को कभी नहीं लगने दी गयी।(बाद में किसी नई कॉमिक दी गयी हो तो पता नहीं।) 🙄
3. कालदूत- जिसे हराने में नागराज के पसीने छूट गए उसे ध्रुव आसानी से परास्त कर देता है। लेकिन धनन्जय, किरिगी, ज़िंगालु को नागराज के हाथों कभी नहीं पिटवाया।
4. हर कॉमिक्स में अंत में नागराज गलत साबित किया जाता है और ध्रुव की नैतिक जीत बताई गई।
5. नागराज के दोस्त ध्रुव और ध्रुव के दोस्तों द्वारा परास्त होते रहते है या पोपट बनाये जाते हैं।
6. हर 2-in-1 या मल्टीस्टारर में पूरा नेतृत्व ध्रुव को दे दिया जाता है और बाकी हीरोज (नागराज सहित) मुंह ताकते रहते है।
7. वो नागराज जिसकी अपनी खुद की स्ट्रेटेजी होती थी... खुद का अपना तरीका होता था, वो अब ध्रुव के इशारों पर नाचने लगा।
8. नागराज को दोयम दर्जा देने के लिए उसे कमांडो फोर्स के बच्चों द्वारा बचाया गया, एक साइड हीरो बनाने के लिए सम्राट' और 'सौडांगी' जैसे कई कॉमिक्स बनाये गए। जिसमे नागराज सिर्फ के ताकतवर हेल्पर के अलावा कुछ नहीं होता।
अब इन सब बातों को वही समझ सकता है जिसने RC शुरू से पढ़ना शुरू की। जिन्होंने क्लासिक नागराज का वो aura देखा है। जिन लोगों ने शुरुआत ही कोहराम, प्रलय, विनाश जैसे कॉमिक्स से की वो ही उस घोर पक्षपात को उचित ठहरा सकते हैं।
(यहाँ ये भी बता दूं कि मैं कोई ध्रुव विरोधी नहीं हूं, क्लासिक नागराज की तरह क्लासिक ध्रुव को भी उतना ही पसंद करता हूँ। लेकिन नागराज के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं। क्योंकि वो नम्बर 1 है और रहेगा।)
बस अंत में उन इंटलेक्चुअल्स के लिए एक ही पंक्ति लिखना चाहूंगा...
"कौन हैं ये लोग, कहाँ से आते हैं...."