Labels

Thursday, 14 February 2019

शक्ति वर्ष 1998 -राज कॉमिक्स में स्त्रीत्व-7

  1. सभी दोस्तो का स्वागत है मेरी इस नई पोस्ट और राज कामिक्स के शक्ति वर्ष 1998 मे। इस बात से तो सभी लोग इत्तेफाक रखते होंगे कि 1997 Nagraj and Super Commando Dhruva Double Action Year काफी शानदार रहा। हमे बहुत सारे टू-इन-वन विशेषांक पढने को मिले। अपने सुपर हीरोज को एक साथ और एक दूसरे के खिलाफ लडते देखना सभी पाठकों के लिए बहुत ही रोमांचकारी अनुभव रहा होगा। अब राज कामिक्स रोमांच के इस सफर को और भी तेज रफ्तार देने वाली थी। बहुत सारी दिलचस्प कहानियो और क़िरदारो को पाठकों तक पहुंचाने के अलावा अब वो कुछ ऐसा करने जा रही थी जो कि भारतीय कामिक्सो मे बहुत ही कम देखने को मिलता है। भारतीय समाज की तरह ही पुरुष प्रधान भारतीय कामिक्स जगत मे किसी महिला किरदार को राज कामिक्स पहली बार उतारने जा रही थी। मतलब कि राज कामिक्स की पहली सुपर हीरोईन। जो कि प्रतिनिधित्व करेगी नारी का। यानी का टकराव तय था अब हमारे सुपर हीरोज और शक्ति मे। शक्ति। यही नाम दिया गया इस किरदार को और पूरा न्याय किया इस किरदार ने अपने नाम के साथ भी और उस उद्देश्य के साथ भी जिसे ध्यान मे रखकर इसे रचा गया। इस पोस्ट का केन्द्र बिंदु रहेगी शक्ति। तो शुरुआत करते है शक्ति वर्ष 1998 की।

  2. शक्ति वर्ष 1998 का पहला सैट था भोकाल की कपालिका कामिक का। अभी भोकाल की महारावण सीरिज चल ही रही थी। इस कामिक के ग्रीन पेज मे शक्ति वर्ष का जिक्र तो हुआ था लेकिन अभी यह नही बताया गया था कि ये शक्ति है कौन? शक्ति वर्ष के लोगो मे राज कामिक्स के हीरोज बनाए गए थे और शुरुआत मे ऐसा ही लगता था कि इन्ही की एकजुटता को ध्यान मे रखकर 1998 को शक्ति वर्ष का नाम दिया गया है। लेकिन थोडे समय बाद ही प्रकाशित हुई बांबी कामिक मे शक्ति पहली बार नजर आई। बांबी कामिक के ही ग्रीन पेज मे शक्ति के बारे मे बहुत थोडा लिखा हुआ था। उसकी आने वाली कामिक्सो के नाम दे रखे थे। वैसे शक्ति को बांबी के कवर पर पहली बार देख कर ऐसा ही लगा था कि ये कोई नई सह किरदार (sidekick) है। उस वक्त तो किसी ने भी नही सोचा होगा कि ये भी राज कामिक्स परिवार का एक अहम हिस्सा बनेगी।

  3. Bhokal, Raj Comics
    Maharavan Series
  4. खैर, अभी बात भोकाल की कपालिका और महारावण सीरिज की चल रही है तो उसे को आगे बढाते है। ये महारावण सीरिज की छठी कामिक थी। इसके बाद इस श्रंखला की तीन कामिक्से और आई और साल के मध्य तक इस सीरिज का समापन हो गया। ये  श्रंखला बहुत ही कामयाब रही। आज, जब मैं ये पोस्ट यहाँ टाईप कर रहा हूँ तो, इस सीरिज को 15 साल हो गए है रिलीज हुए। और आज भी इस सीरिज की मांग पाठकों मे बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि राज कामिक्स इस साल से शुरु हो रहेComic Fest India मे इस पूरी सीरिज का एक special edition release करने जा रही है। मुझे तो लगता है कि इस बार के कार्यक्रम कीUSP कही ये ही ना बन जाए।

  5. 1998 मे महारावण सीरिज के बाद भोकाल के general issues ही आते रहे। धरणीधर, विश्वरक्षक, लघुघाती, इत्यादि। ये साल भी भोकाल के लिए अच्छा रहा। अब उसके पास उसकी भोकाल शक्ति भी लौट आई थी।

  6. Doga, Shakti, Raj Comics
    Promo of Doga- Shakti
  7. Raj Comics, Doga Comics
    First Explosive 1
  8. शक्ति को ही ध्यान मे रखते हुए आगे बढते है। जैसा कि मैने ऊपर लिखा किशक्ति पहली बार बांबी नजर आई थी। लेकिन शक्ति शक्ति कैसे बनी इसका खुलासा हुआ डोगा-शक्ति मे। डोगा शक्ति का एड पहली बार खूनी पहेलिया कामिक मे आया था। और ये बहुत ही जबरदस्त एड था। डोगा जो कि मर्दानगी की पहचान है उसकी टक्कर थी नारी के प्रतीक शक्ति से। डोगा-शक्ति 1998 का डोगा का पहला विशेषांक भी था। और इस साल डोगा के ज्यादातर विशेषांक ही आए। रात की रानी, भूल गया डोगा, सावधान डोगा और कौन बडा जल्लाद। सारी कामिक्से बहुत अच्छी थी। रात की रानी का आर्टवर्क बहुत ही खूबसूरत बना है। इसकी वजह इसके कलर इफैक्टस है। साथ ही इस कामिक से डोगा का Letter Column एक्सपलोसिव भी शुरु हुआ।


  9. रात की रानी, राज कामिक, डोगा कामिक
    First Explosive 2
  10. रात की रानी से मेरा एक अनुभव भी जुडा हुआ है। जब ये कामिक आने वाली थी तो मैं अक्सर एक बस स्टैंड की दुकान पर कामिक्से पढा करता था क्योंकि उसी के पास नया सैट सबसे पहले आता था। जब भी कोई नई कामिक आने वाली होती थी तो मैं इसी दुकान पर बार-बार जाकर पूछा करता था। ऐसे ही एक बार मैंने दुकानदार से पू्छा कि रात की रानी है क्या? तो वो खीज कर बोला नही, दोपहर का राजा है। ये सुनकर मैं हल्का सा मुस्कुराता हुआ वहाँ से चला गया। अब इसे सोच कर भी हंसी आती है।

  11. परमाणु, शक्ति, राज कामिक्स
    Parmanu-Shakti

  12. वापिस चलते है शक्ति के पास। डोगा-शक्ति मे दिखाया गया कि शक्ति को शक्तियाँ कैसे मिली। कैसे एक अबला नारी (चंदा) ने जब नारी जाति पर हो रहे अत्याचार की दुहाई काली माँ के मंदिर मे दी तो उसके जवाब मे खुद माँ काली ने अपनी सारी विध्वंसक शक्तियाँ उसे प्रदान की और उसे नारी जाति की सुरक्षा का दायित्व देकर शक्ति बना डाला। चंदा अब शक्ति के रुप मे तैयार थी। अपनी शक्तियों के बारे मे थोडी सी अवगत और थोडी सी अंजान। और तैयार थी नारी समाज के सम्मान की सुरक्षा के लिए और उस पर हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए। लेकिन खुद चंदा पर हुए जुल्म का हिसाब शक्ति ने इस कामिक मे नही दिया। इसके लिए पाठकों और शक्ति को इंतजार करना पडा शक्ति के आगामी विशेषांक का। परमाणु-शक्ति का। परमाणु-शक्ति, शक्ति का तीसरा विशेषांक था। वैसे इसी बीच शक्ति भेडिया के साथ दो कामिक्सो मे भी नजर आई। आई शक्ति और जिंदा पत्थर। और कुल मिला कर अब तक शक्ति राज कामिक्स के चार सुपर हीरोज के साथ आ गई थी। और अभी तो आधा साल भी पूरी तरह से खत्म नही हुआ था। मतलब अभी शक्ति वर्ष के और भी धमाके बाकी थे।

  13. लेकिन फिलहाल के लिए परमाणु पर ही स्थिर रहते है और जानते है कि इस साल राज कामिक्स मे कितने परमाणु विस्फोट हुए। परमाणु के लिए साल की शुरुआत अच्छी रही। उसे अपना दूसरा सुपर विलेन इसी साल मिला। बात हो रही है इतिहास की। इतिहास परमाणु की इस साल की दूसरी कामिक थी। पहली कामिक थी चट्टान। इतिहास के बाद परमाणु तिरंगा के साथ टू-इन-वन कामिक विशेषांक तुरुपचालमे नजर आया। तुरुपचाल की ख़ासियत उसके आर्टवर्क मे थी। एक ही कलाकार की पेन्सलिंग पर अलग-अलग कलाकारों ने इंकिग कर रखी थी। इसके बाद परमाणु शक्ति के अलावा परमाणु के 32 पन्नो वाले कामिक ही आए। घोंघा, स्टीमर और लिम्पेट बम। लिम्पेट बम मे प्रोफेसर को फिर से परमाणु के हाथो जेल मे पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन सबके अलावा परमाणु की एक कामिक और आई थी। इन सबसे अलग और इन सबसे बेहतरीन। उसका जिक्र आगे के लिए मैंने बचा रखा है।

  14. ध्रुव कामिक, राज कामिक, शक्ति
    Dhruva-Shakti
  15. फिर चलते है अब शक्ति के पास। शक्ति अब तक राज कामिक्स के चार बडे किरदारो के साथ दो-दो हाथ कर चुकी थी। और अब बारी थी एक ऐसे किरदार की जो इन चारो से एक साथ टकराने की काबलियत रखता है। बताने की जरूरत नही की बात हो रही है ध्रुव की।ध्रुव-शक्ति। सुनने और पढने मे बहुत अजीब लगता है। क्योंकि ध्रुव के सफर को देखते हुए हम पाते है कि उसके कामिक्सो के नाम बहुत ही आकर्षक और उपयुक्त होते है। और बाकी हीरोज की तरह ध्रुव के बहुत कम कामिक्स है जिसमे उसका खुद का नाम शामिल है। खैर नाम मे क्या रखा है। शेक्सपीयर जी की ये बात मानते हुए अपने शक्ति के कारवाँ को आगे बढाते है। वैसे ध्रुव के बारे मे ध्यान देने वाली एक बात ये भी है कि अब तक बहुत कम हीरोज को ध्रुव के साथ काम करने का मौका मिला था। डोगा और परमाणु अभी भी इस अवसर से वंचित थे। शक्ति ने इन दोनो से पहले बाजी मार ली। बांबी के बाद ध्रुव-शक्ति मे शक्ति को फिर मौका मिला अनुपम सिन्हा जी की पेन्सिल से बनने का। इससे पहले मनु जी और धीरज वर्मा जी भी शक्ति को बना चुके थे। और शायद राज कामिक्स मे ऐसा पहली बार हो रहा था कि एक ही समय मे एक ही किरदार को अलग-अलग लोग बना रहे थे। चलो, वापिस चलते है ध्रुव-शक्ति के पास। इस कामिक के जरिए ध्रुव और शक्ति दोनो के ही जीवन मे बडे परिवर्तन आने वाले थे। जहां डाक्टर तरुण के रुप मे शक्ति की दुनिया मे एक अहम किरदार की एंट्री हुई वही श्वेता द्वारा दी गई युटिलिटी बेल्ट, ब्रेसलेट और व्हील वाले बूट्स ने ध्रुव के पूरे लुक को ही बदल दिया। एक साल पहले ही कमांडो फोर्स की गिफ्ट की गई बेल्ट फिर किसी कामिक मे आज तक नजर नही आई।

  16. ध्रुव शक्ति से पहले इस साल अतीत आ चुकी थी और उसका जिक्र अपनी पिछली पोस्ट मे कर चुका हूँ। अतीत के बाद ध्रुव की जिग्सा आई थी जिसमे अंत मे ध्रुव अपने परिवार के बारे मे जान ही लेता है। इस कामिक के साथ ही ध्रुव को एक नया origin भी मिल जाता है। ध्रुव के इन सभी कामिक्सो को  लेकर फैन्स बहुत उत्साहित थे। लेकिन उससे भी ज्यादा बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे थे ध्रुव के कामिक जंग का। इस कामिक मे पहली बार ध्रुव को ये अहसास हुआ कि उसका मुकाबला खुद उसी से है। नक्षत्र को बिल्कुल ध्रुव की तरह ही बनाया गया था। सर्कस मे पला बढा। उसी की तरह हर एक कला मे माहिर और दिमाग भी ध्रुव के जैसा ही तेज। ये मुकाबला देखने के लिए हर कोई बैचेन था। अफसोस की बात ये रही की नक्षत्र फिर लम्बे समय तक किसी कामिक मे नजर नही आया। सिवाय ध्रुविष्य मे एक छोटे से मेहमान के रुप मे और भविष्य मे चल रही नागायण मे।

  17. निशाचर कामिक, राज कामिक, डोगा, ध्रुव
    First Promo of Nisachar
  18. Nisachar fan art
    Nisachar Promo by me
  19. अतीत, ध्रुव-शक्ति और जंग के अलावा ध्रुव का एक विशेषांक और आया था। उसका जिक्र बाद मे करेंगे। लेकिन इन सब कामिक्सो से बढकर भी एक चीज थी। एक कामिक एड। एक ऐसी कामिक का एड, जिसके बारे मे शायद ही किसी ने सोचा हो। कम से कम मैंने और मेरे कामिक्स दोस्तो ने तो बिल्कुल भी नही सोचा था। डोगा को अभी काफी लम्बा सफर तय करना था और नागराज के बाद राज कामिक्स मे ध्रुव का ही नम्बर आता था। तो इस हिसाब से ध्रुव और डोगा के स्तर मे काफी अंतर था। इसलिए इन दोनो का पहली बार कामिक मे आना सभी के लिए एक बहुत बडाsurprise था। निशाचर का एड पहली बार देखते ही इस कामिक को पाने के लिए मैं पागल से हो गया था। बडा ही जबरदस्त एड था और उससे भी जबरदस्त थे उस एड के शब्द। जैसे-जैसे रात बढेगी, बढेगी दोनो की ताकत। क्योंकि दोनो है निशाचर। उस वक्त मैं अपने आस-पास के कुछ लडको को कामिक्से किराए पर पढने के लिए देता था। उन्होने भी जब निशाचर का एड देखा तो कहा कि भाई ये कामिक तो हार हाल मे ला कर देना हमे। मैंने उनसे कहा अभी इसके आने मे एक साल का समय है। तो वो बोले कि तू अभी से इसके लिए पैसे का इंतजाम शुरु कर दे। वर्ना तू कामिक देर से लाएगा। ये आलम था निशाचर के पागलपन का। मुझे इसका वो एड इतना पसंद आया था कि मैंने उसे देख कर खुद बनाया और आज भी वो ड्राइंग मेरे पास रखी हुई है।

  20. राज कामिक, बांकेलाल, हास्य कामिक
    Dharporsankh
  21. देखा जाए तो ये पोस्ट अभी तक काफी गंभीर जा रहा है। हर नए paragraph मे कुछ विचार करने योग्य तथ्य है। तो फिलहाल इस गंभीर सफर को थोडी देर के लिए विश्राम देते है और थोडा मन को गुदगुदाते लेते है राज कामिक्स के हास्य किरदारो के बारे मे बातचीत कर के। शुरुआत करते है राज कामिक्स के सबसे लोकप्रिय हास्य किरदार बांकेलाल के साथ। बांकेलाल की इस साल की पहली कामिक थी काटो-काटो। और चूंकि अभी तक बांकेलाल की ज्यादातर कामिक्से 32 पन्नो वाली ही आती थी तो इस साल भी उसकी काफी कामिक्से आई। शाप का टोकरा (अभी हाल मे आई बांकेलाल की कामिक हम सब पागल है थोडी बहुत इसी से प्रेरित थी), जादूगर करारा, घुंघरु, दुमतारा, नागपंचमी, तीस मार खां, मोतियाबिंद, चोंचू, खोदा, शैतान, मुच्छड मनहूस, छुपन छुपाई और यम यम थी। साथ ही इस साल बांके का एक विशेषांक ढपोरशंखभी आया था। ये बांकेलाल का तीसरा विशेषांक था। ढपोरशंख मे ही बांकेलाल के एक और विशेषांक (जादुई मुहावरे) का एड था जो कि वर्ष 1999 मे आना था। यानि अब बांकेलाल के विशेषांक भी अब साल भर मे आने लगे थे। बांकेलाल के फैन्स के लिए ये बडी खुशी की बात थी।

  22. गमराज के बारे मे बताने के लिए मेरे पास ज्यादा कुछ नही है। क्योंकि अभी मैंने गमराज को नियमित रुप से पढना शुरु नही किया था। गमराज के सामान्य कामिक ही आ रहे थे। और उसे लोकप्रिय बनाने के लिए अभी भी उन मे विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें होती थी। इस साल गमराज की जितनी कामिक्से आई उन मे से कुछ के नाम मैं यहाँ बता देता हूँ। बुढिया के बाल, कमांडो, खोटा सिक्का, अडियल टट्टू, तुलातोड।

  23. फाइटर  टोडस, हास्य कामिक, राज कामिक
    Cover page by Anupam Sinha
  24. फाइटर टोडस के बारे मे भी ज्यादा नही बता पाऊंगा। क्योंकि अभी भी उनके सामान्य कामिक (32 pages) ही आ रहे थे। बगैर अनुपम सिन्हा जी के। तो इस वक्त मैंने उनके कामिक पढना लगभग छोड ही दिया था। उनकी किसी भी नई कामिक मे अब मजा नही आता था। इस साल आई उनकी कुछ कामिक्सो के नाम है, टाइम मशीन, टोडस एक्शन, प्रोफेसर तामझाम, हैप्पी बर्थ डे, सब गायब और सायरन। इन सब मे से प्रोफेसर तामझाम की खाशियत ये थी कि उसका कवर पेज अनुपम सिन्हा जी ने बनाया था।

  25. नागराज और परमाणु, राज कामिक
    Soorma Promo
  26. एक बार फिर रूख करते है एक्शन हीरोज की तरफ। अभी तक इस पोस्ट मे राज कामिक्स के ज्यादातर प्रमुख हीरोज को कवर किया जा चुका है। लेकिन राज कामिक्स के सबसे ज्यादा प्रचलित किरदार का जिक्र तो हुआ ही नही। नागराज की बात करे तो इस साल उसकी शुरुआत बांबी से हुई। जिसमे शक्ति भी थी। नागराज ने पाताल लोक की यात्रा की और वहाँ के राजा तक्षक को हराया। इसके बाद नागराज दिखा ध्रुव के साथ तानाशाह मे। तानाशाह राज कामिक्स के ग्रीष्म अवकाश के दौरान प्रकाशित होने वाले सुपर स्पेशल विशेषांक श्रंखला का हिस्सा थी। नागराज और ध्रुव का सामना था हिटलर की अतृप्त आत्मा से जो पुरी दुनिया पर राज करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नरक से वापिस पृथ्वी पर आती है। और अंत मे हमारे सुपर हीरोज से हार जाती है। कहानी बहुत अच्छी थी और नागराज ने काफी एक्शन किया था इस कामिक मे। साथ ही इस कामिक से रिचा उर्फ ब्लैक केट की वापसी हो गई थी जो कि राजनगर की तबाही मे गायब हो गई थी।

  27. तानाशाह के बाद नागराज का एक और सुपर स्पेशल विशेषांक आया। लेकिन इस बार उसके साथ ध्रुव नही बल्कि वंडर मैन परमाणु था। परमाणु के बारे मे लिखते हुए मैंने इसी खास कामिक का जिक्र किया था। इस कामिक की कई विशेषताए थी। जैसे नागराज अब तक सिर्फ ध्रुव, फाईटर टोडस, और भेडिया के साथ ही नजर आया था। परमाणु के साथ ये उसकी पहली कामिक थी। पहली बार अनुपम सिन्हा जी ने परमाणु को बनाया। पहली बार ध्रुव का कोई विलेन नागराज से टकराया। ये बाते थी जिन पर गौर करना ज्यादा मुश्किल नही था। लेकिन कामिक के अंदर भी बहुत सारे surprise थे। खास तौर पर परमाणु के लिए। कहानी थी डाक्टर वायरस की एक और खतरनाक वायरस को पैदा करने की ख्वाहिश को लेकर। ध्रुव के डर से अब डाक्टर वायरस दिल्ली मे काम कर रहा था। उस वायरस को बनाने के लिए जरुरत थी तेज जहर की। जहर यानी नागराज। नागराज और परमाणु के बीच गलतफहमी पैदा करने की साजिश इस जहर को पाने की योजना मे ही शामिल थी। अब टकराव निश्चिंत था और इस मे जीत उसी की होने थी जो था दूसरे से बडा सूरमा। इस कामिक से परमाणु की जिंदगी मे कुछ बदलाव आए। उसके मामा लम्बे समय के लिए कोमा मे चले गए। लेकिन कोमा मे जाने से पहले वो परमाणु को नई बेल्ट और प्रोबाट सोप गए। दोनो ही आज तक एकदम सही काम कर रहे है।

  28. सूरमा के बाद नागराज की सपेरा आई। ये इस साल की नागराज की आखिरी कामिक थी। ये साल नागराज के लिए काफी एक्शन पैक्ड रहा। मे से कामिक्सो मे हमे नागराज का खूब एक्शन देखने को मिला। सपेरा नागराज के Adventure कामिक्स मे आती है।

  29. नागराज के बाद बात करते है अब ऐसे किरदार की जिस पर अब तक का सबसे बडा प्रयोग हुआ और वो भारतीय कामिक्स के इतिहास मे एक मिसाल बन गया। ये साल राज कामिक्स के लिए काफी प्रयोगात्मक और बदलाव से भरपूर रहा। क़िरदारो के लुक्स मे बदलाव किए गए। उनकी शक्तियो मे बदलाव किए गए। उनके मूल मे बदलाव किए गए। साथ ही एक नए किरदार (शक्ति) को भी लाया गया। लेकिन अब जिस बदलाव और प्रयोग के बारे मे बताने वाला हूँ वो इन सबसे अनूठा है। 1998 से पहले सिर्फ भेडिया था। कोबी का जन्म अब होने वाला था। दो विपरीत शक्तियों, फोबोस और मोबोस को गुरुराज भाटिकी ने भेडिया के शरीर मे प्रविश्ट कराया ताकि वो उसमे से जानवार वाले कोबी रुप को अलग कर सके और फिर से वुल्फानो की स्थापना कर सके। इस सारी साजिश की तैयार पहले सी शुरु हो चुकी थी। जानवर कामिक से। फूजो और जेन भेडिया के हिंसक रवैये से हैरान और परेशान थे जिसकी वजह फोबोस की विनाशकारी ताकत थी।
  30. भेडिया कामिक, राज कामिक
    First comic on Glossy Paper


  31. कोबी और भेडिया कामिक मे भेडिया के लिए ये दुविधा और बढ गई कि वो हिंसा के मार्ग का अपनाए या अहिंसा के। और उस की इसी अंदरुनी कशमकश और दोनो विपरीत शक्तियो ने उसके शरीर को ही दो भागो मे विभक्त कर दिया। खैर गुरुराज भाटिकी का कोबी को वापिस वुल्फानो मे ले जाने का सपना तो पूरा नही हुआ। कोबी को भेडिया के हाथों हार का सामना करना पडा। फिर भी कोबी जेन से शादी करने मे कामयाब हो गया था। इस कामिक की एक और विशेषता ये थी कि ये Raj Comics की पहली कामिक थी जो Glossy Paper मे आई थी।

  32. कोबी और भेडिया के अलावा भेडिया की और जो कामिक्से आई उनमे से एक प्रमुख कामिक है आधे इंसान इस कहानी का शीर्षक बहुत ही वाजिब है। क्योंकि ये दो ऐसे हीरोज की कहानी है जो पूरी तरह से इंसान नही है। भेडिया जो कि आधा जानवर है और इंस्पेक्टर स्टील जो कि आधा मशीन है। इस कामिक मे इन दोनो के टकराव को तो दिखाया ही गया साथ ही उनकी अंदरुनी जद्दोजहद को भी दिखाया गया। काफी भावनात्मक कामिक है ये। फिलहाल ये कामिक मेरे पास नही है और मेरी हिट लिस्ट मे शामिल है। आधे इंसान के 
  33. भेडिया, इंस्पेक्टर स्टील, राज कामिक
    Half Human
  34. अलावा कोबी और भेडिया के डोगा के साथ दो टू-इन-वन विशेषांक और आए। सावधान डोगा और कौन बडा जल्लाद। एक तरफ शहर का जल्लाद और दूसरी तरफ जंगल के जल्लाद। हम्म्म्म। ये मुकाबला था देखने लायक। सावधान डोगा मे कोबी और भेडिया को ज्यादा फ्रेम्स नही मिले। क्योंकि शहर से डोगा को जंगल मे लाने के लिए आधार इसी कहानी को बनाया गया। लेकिन कौन बडा जल्लाद मे कोबी और भेडिया ने खूब हाथ पांव चलाए। साथ ही डोगा ने भी जंगल के शैतानो से दो-दो हाथ किए। दोनो ही काफी मस्त कामिक है।

  35. इन विशेषांकों के अलावा इस साल भेडिया की ये कामिक्से आई। गजारा, मौत मेरे अंदर, इंद्रजाल, मुगांबो, अंधी धुंध, टोटमपोल, भुजंग, जाग कृत्या जाग, काला सोना और नीली लाशें।

  36. तिरंगा, राज कामिक
    The evolution of Bharat

  37. अब ये पोस्ट अपनी समाप्ति की ओर बढ रही है तो अब बात कर लेते है बाकी बचे हुए सुपर हीरोज के बारे मे। सबसे पहले जिक्र करेंगे फर्ज की मशीन इंस्पेक्टर स्टील का। इस साल स्टील की पहली कामिक थी हैमर। इस के बाद आई भेडिया के साथ आधे इंसान। इन दोनो के अलावा स्टील के जो कामिक आए वो है; आर्मर, आत्मघाती, फरसा, सरकलम, हादसा, दुश्मन कानून का, इलाका, सस्पैंड, मिस्टर फरार, प्लान चौपट, मेगागन और जेल ब्रेकर। इस साल शक्ति के साथ स्टील की कामिक नही आई। स्टील के बाद नम्बर आता है जिंदा मुर्दे एंथोनी का। एंथोनी इस साल किसी विशेषांक मे नजर नही आया लेकिन शक्ति के साथ उसकी दो कामिक्से जरुर आई। “अमानुष” और “आधी औरत।” इन दोनो कामिक्सों मे चित्रांकन था सुरेश डीगवाल।  
  38. एंथोनी, राज कामिक्स
    Some good comics of Anthony. Year 1998
  39. अब शक्ति को बनाने वाले चित्रकारों की संख्या चार हो गई थी। इन दोनो कामिक्सो के अलावा एंथोनी के जो और ज्यादातर कामिक्से सीरीज मे आई जो कि बहुत अच्छी थी। जैसे मौत चुन लो और जीवनदाता। अंतिम संस्कार और अर्थी और ताबूत। तीन सांप और आया कंकाल। कोयला और दहकता शहर। और प्रोफेसर जानडाल, मेरे पाप, गलियाँ सुनसान और डान।  अब आते है देशभक्त डिटेक्टिव तिरंगा पर। तिरंगा की शुरुआत बहुत ही शानदार रही। इस साल उसकी पहली कामिक थी सुरक्षा चक्र और उसके बाद आई उसकी दो कामिक्से अनुपम सिन्हा जी ने बनाई। खूनी एपिसोड और डिवाइसर। इसके अलावा तिरंगा की 3 कामिक्सो की एक जबरदस्त सीरिज भी आई जिसने तिरंगा के पूरे वजूद को ही बदल कर रख दिया। ये तीन कामिक्से थी X File, RDX और चेहरा कहाँ छुपाऊं। इनके अलावा तिरंगा के ये कामिक्से इस साल आई। नकलची, अरैस्ट हिम, रोजी रोटी,  नारेबाज, फुलस्टाप, सी एन एन, बेनकाब, आखिरी हत्यारा, सब मरेंगे बारी-बारी और पुतलीबाई।

  40. कामिक्सो के अलावा अब राज कामिक्स बच्चो के लिए एक मासिक पत्रिका “फैंग” भी प्रकाशित करने लगी थी। मुझे सही से मालूम नही कि ये कौन से साल मे शुरु हुई। शायद 1997 के आखिरी महिनों मे इसका पहला अंक आ गया था। ये किताब भी मैं बहुत चाव से पढता था। अनाडी के कारनामे इस पत्रिका का सबसे अच्छा भाग होते थे।
  41. शक्ति कामिक, राज कामिक
    Here comes Shakti. First Solo Comic of Shakti

  42. अब शक्ति से इस पोस्ट की शुरुआत करी थी तो शक्ति से ही इस पोस्ट का अंत भी करते है। ऊपर बताई गई शक्ति की कामिक्सो के अलावा ये और कामिक्से आई इस साल। आई शक्ति, वर्दी वाली औरत, पवन पुत्री, मौत के दीवाने, जोकर, खबरदार शहरी। अगला साल भी शक्ति के लिए काफी अच्छा होने वाला था क्योंकि अब वो 96 पन्नो वाले विशेषांक मे भी आने वाली थी। नागराज और ध्रुव के साथ “कलयुग” मे। निशाचर और कलयुग 1999 के दो बेहतरीन विशेषांक थे। अगली पोस्ट मे इनका जिक्र होगा और साथ ही जिक्र होगा 1999 मे प्रकाशित हुई अन्य कामिक्सो, उनसे जुडी खास बातों और राज कामिक्स के नए प्रयोगों का। फिलहाल के लिए अभी बहुत लिख चुका हूँ। अब आप लोगो से मुलाकात होगी 1999 मे। आप लोगो को ये समय यात्रा कैसी लग रही है। कृप्या अपने सुझावों से अवगत कराए।

डबल एक्शन, डबल एंटरटेनमेंट ईयर 1997

  1. नागराज & ध्रुव डबल एक्शन ईयर 1997। नागराज ईयर 1996 की अपार सफलता के बाद राज कामिक्स ने 1997 को डबल एक्शन ईयर घोषित किया और इस साल ज्यादा से ज्यादा से टू-इन-वन विशेषांक देने का वादा किया। वैसे टू-इन-वन कामिक्से 1996 से ही आनी शुरू हो गई थी। राजनगर की तबाहीखरोंचटक्कर इत्यादी। लेकिन 1997 मे कुछ बहुत ही धमाकेदार कामिक्स आने वाले थे जिनका सभी पाठको को बडी बेसब्री से इंतजार था। 

  2. साल 1997 का पहला सैट था "विकट व्यूह" (भोकाल) का। इस समय भोकाल की युद्ध सीरिज चल रही थी। और भोकाल बगैर अपनी भोकाल शक्ति के विकास नगर की रक्षा करने मे जुटा हुआ था। अच्छी बात ये थी कि अब भोकाल के विशेंषाक भी थोडे-थोडे समय बाद आने लगे थे। इस से पहले भोकाल का विशेंषाक "शैतान बेटा" आया था और अगला विशेंषाक "युद्ध नही लडूंगा" आने वाला था। इस सैट की बाकी की कामिक्से थी, "विशनखा" (तिरंगा), "हत्यारा" (भेडिया), "प्रोफेसर भूत" (इंस्पेक्टर स्टील), "हम आपके है वो" (गमराज) और "लोहडी" (बांकेलाल)।

  3. पिछ्ली पोस्ट पर एक कमेंट आया था कि नागराज के बारे मे कुछ बताया जाए। इसलिए इस बार सबसे पहले मैं राज कामिक्स के सबसे लोकप्रिय पात्र नागराज से ही शुरु करता हूँ। जैसा कि आप सब को मालूम है कि खजाना सीरिज के जरिए नागराज का एक नया मूल लिखा गया और उसे एक नई पहचान मिली। लेकिन कहानी अभी यहाँ खत्म नही हुई। कुछ और रहस्य पर से पर्दा उठाने की जरूरत थी। और इसकी शुरुआत हुई "विषकन्या" के जरिए। ये कामिक 1996 मे ही आई थी और इसके साथ ही नागराज के दुश्मनों मे एक इजाफा और हो गया। "विषधर"नागद्वीप का राज तांत्रिक जो नागपाशा के बाद नागराज का दूसरा दुश्मन बना। "विषकन्या" से नागराज की एक नई कहानी शुरु हो गई जिसका अंत1997 मे "प्रलय" के साथ खत्म हुआ। इस बीच (विषकन्या से प्रलय) तक सिर्फ "इच्छाधारी" ही एक ऐसी कामिक थी जो इस कडी मे शामिल नही थी। इछाधारी नागराज की 1997 की पहली कामिक थी। इस मे एक और सुपर विलेन की एंट्री हुई। सी-थ्रू। 

  4. 1997 मे जिन कामिक्सो का सबसे ज्यादा इंतजार था उनमे से दो थी "प्रलय" और "विनाश"। "राजनगर की तबाही" के बाद अब राज कामिक्स ने ठान लिया थी कि वो हर साल गर्मियो की छुटियो मे स्पेशल विशेंषाक (25 रु) निकालेगी। और दूसरे ही साल मे पाठको को उनके दो सबसे पसंदीदा किरदारो को दुबारा एक साथ देखने का मौका मिला। और वो भी एक नही दो-दो कामिक्सो मे। और दोनो ही कामिक्सो मे पहली बार ऐसा कुछ होने जा रहा था जिसकी किसी ने आज तक कल्पना भी नही की थी।

  5. Nagraj, Super Commando Dhruva
    Pralay Letter Column
  6. चूंकी "प्रलय" पहले आई थी इसलिए पहले प्रलय की ही चर्चा करेंगे। प्रलय केAd ने सभी कामिक्स प्रेमियो को बहुत रोमांचित कर रखा था क्योंकि इसमे पहली बार दो सुपर हीरोज आपस मे टकराने वाले थे। उनकी उत्सुक्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रलय का Ad देख कर ही लोग उस की मांग करने लगे थे जबकि अभी वो तैयार भी नही हुई थी। राज कामिक्स ने ग्रीन पेज के माध्यम से पाठको से अनुरोध भी की थी कि वे भविष्य मे आने वाली कामिक्सो की मांग ना करे। खैर "प्रलय" मई-जून" मे आई। कहानी नागद्वीप और राजनगर के बीच मे घूमती है। विषधर को दोबारा देखने का मौंका मिला और एक नई विलेन "विशाला" की एंट्री हुई। वेदाचार्य जी की स्मृती भी वापिस आ गई। पूरी कामिक एक्शन से भरपूर थी। लेकिन कामिक की USP थी नागराज और ध्रव की टक्कर। लेकिन उस से पहले इच्छाधारी नागो और कमांडो फोर्स और चंडिका को लडने का मौका मिला। कामिक के अंत मे ध्रव ने विशाला को मात देकर अपनी बुद्धि का लोहा मनवा लिया। 

  7. Raj Comics TV Ad
    Sonu Sood as Nagraj
  8. एक बात और। अब राज कामिक्स टी वी पर भी अपना प्रचार करने लगी थी। और प्रलय और विनाश के Ad टी वी पर आने लगे थे। अभी हाल मे जो सिल्वर जुबली अंक राज कामिक्स ने निकाला है उसमे जो नागराज के Ad की जो imageहैवो प्रलय कामिक के back cover से है।  प्रलय मे ही राज कामिक्स ने दो नए तरह की प्रतियोगिताएँ भी शुरु की। चित्र पहचानो प्रतियोगिता और डबल हीरो/विलेन कांटेस्ट।

  9. नागराज की 1997 मे प्रलय से पहले दो कामिक्से और आई थी। इच्छाधारी का जिक्र तो मै कर ही चुका हूँ। इच्छाधारी के बाद आई केंचुली। केंचुली से एक और सुपर विलेन जुलूकी एंट्री हुई। कामिक काफी अच्छी थी। लगभग साल भर बाद फेसलेस को दुबारा देखने का मौका मिला। साथ ही फेसलेस का राज भी उजागर हो गया।

  10. अब वापस आते है इस साल की दूसरी सबसे ज्यादा रोमांचकारी कामिक पर। जहाँ प्रलय मे पहली बार राज के कामिक्स के सबसे लोकप्रिय दो सुपर हीरोज का टकराव दिखाया गया, वही विनाश मे पहली बार सुपर विलेन्स को अपने दुश्मनों (सुपर हीरोज) की मदद करने वाले थे। ये प्रयोग राज कामिक्स मे पहली बार हो रहा था और सभी प्रशंसक इस के लिए बडे उत्सुक थे।

  11. विशेष:

  12. Nagraj, Raj Comics
    Initial Ad of Raj Nagar ki Tabahi 
  13. नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव
    Raj Nagar ki Tabahi Ad Later
  14. राजनगर की तबाही(1996) औरविनाश(1997) मे एक समानता है। जब इन दोनो कामिक्सो के ऊपर पहली बार विचार किया गया था तो उस समय कोई और कहानी सोची गई थी। लेकिन इन दोनो कामिक्सो के प्रकाशित होने के समय तक कहानियाँ पूरी तरह से बदल दी गई। इसलिए हमे इन दोनो कामिक्सो के दो अलग-अलग एड देखने को मिलते है जो अलग-अलग कहानियो की तरफ ही इशारा करते है।

  15. Raj Comics, Special Issue
    Initial Ad of Vinash
  16. वापिस आते है नागराज और विनाश पर। विनाश मे भी प्रलय की भांति प्रतियोगिताएँ थी। कहानी मे नागराज और ध्रुव दोनो के पुराने विलेन्स थे लेकिन नागराज के विलेन्स को ज्यादा फ्रेम मिले। कहने की जरुरत नही कि कामिक सुपर हिट थी। फोल्डिंग कवर पर तानाशाह का बेहतरीन एड था। जो इस बात की गारंटी दे रहा था कि अगले साल भी नागराज और ध्रुव एक बार फिर से धमाल मचाने है। विनाश के बाद नागराज की सिर्फ एक और कामिक आई इस साल। नागराज की शक्तियो का रहस्य तो उसकी नई origin story से पता लग गया था। लेकिन उसी की जैसी शक्तियो वाले नागदंत का क्या रहस्य था ये पाठको के कौतूहल का विषय थी। "जहरीले" के जरिए अनुपम सिन्हा जी ने इस रहस्य से पर्दा उठाया। जहरीले के बाद नागदंत को एक लम्बा आराम मिला और फिर वो लगभग 12 साल बाद ही एक्शन मे नजर आया।
  17. मिस किलर, नागादंत, ग्रैंड मास्टर रोबो
    Vinash Ad Later

  18. 1997 मे राज कामिक्स के सभी किरदारो की बहुत ही अच्छी कामिक्से हमे पढने को मिली। चाहे वो ध्रुव हो या तिरंगा। स्टील हो या भोकाल। लेकिन 1997 डबल एक्शन ईयर डोगा के लिए बहुत खास रहा। क्योंकि इस साल हमे डोगा के बहुत सारे विशेषांक  पढने को मिले। 1993 से लेकर 1996 तक जितने विशेषांक डोगा के आए थे। उससे ज्यादा इस साल आने वाले थे।  डोगा के प्रशंसको मे इस बात से काफी उत्साह भरा हुआ था।

  19. डोगा की 1997 की पहली कामिक थी कायर। कायर दो पार्ट की सीरिज थी जिसके जरिए इंस्पेक्टर असलम की एंट्री डोगा की कामिक्सो मे हुई।

  20. डोगा का 1997 का पहला विशेषांक था दो फौलाद।इंस्पेक्टर स्टील के साथ डोगा के टकराव को देखने के लिए पाठक काफी रोमांचित थे। इस कामिक का एड भी बहुत जबरदस्त बनाया गया था। एक के जिस्म मे नफरत का फौलाद था और दूसरे का जिस्म ही फौलाद का बना था… ये कामिक प्रलय के सैट मे ही आई थी। डोगा की पहली टू-इन-वन। लेकिन इस से भी ज्यादा लोगो को इंतजार था शेर का बच्चा का। शेर का बच्चा की एड प्रलय और विनाश की तरह बहुत पहले से आ रही थी। प्रलय के अगले सैट मे ही आई शेर का बच्चा। डोगा के एक और विलेन कमिश्नर सिन्हा को मिली मात और कामिक के अंत मे हो गई डोगा की मौत। मोनिका आखिरकार अपने मकसद मे कामयाब हो गई। और यही वजह है कि मैं मोनिका को बिल्कुल पसंद नही करता हूँ। खैर अपने निजी पसंद और नापसंद को छोड कर आगे बढता हूँ। अब चूंकि डोगा तो मर गया शेर का बच्चा मे, तो क्या उसकी कामिक्से नही आएगी अब? ये सवाल सभी पाठकों के मन मे जरुर उठा था उस वक्त और इसका जवाब दिया राज कामिक्स ने डोगा के दो लगातार टू-इन-वन विशेषांकों के साथ। मर्द और मुर्दा और ठंडी आग। मर्द और मुर्दा के भयानक टकराव और अंजाम को लेकर सभी प्रशंसक आतंकित थे आखिर मे कौन जीतेगा। कामिक्से भी बहुत बेहतरीन बनी। एक ध्यान देने की बात ये भी है कि दोनो कामिक्सो की कहानियाँ शेर का बच्चा से पहले की है। इसलिए शेर का बच्चा के बाद डोगा अभी वापिस नही आया है। और उसे वापिस लाने का काम किया खाकी और खद्दर ने। हमारे भ्रष्ट हो चुके राजनैतिक तंत्र को बहुत ही बखूबी से बयां करती है ये कामिक। इंस्पेक्टर खोपड और खुरदरा को भी अच्छा काम मिला इस कामिक मे। प्रशासन के अत्याचार ने आखिरकार मजबूर कर ही दिया मोनिका को डोगा को फिर से जिंदा करने के लिए।

  21. दो फौलाद, शेर का बच्चा, मर्द और मुर्दा, ठंडी आग और खाकी और खद्दर। अब तक पांच विशेषांक। और सभी सुपर हिट। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त। डोगा का वो विशेषांक तो अभी आया ही नही जिसने दिया डोगा को उसका पहला सुपर विलेन। जी हाँ सही पहचाना आपने। बात कर रहा हूँ काल पहेलियाँ और खूनी पहेलियाँ की।

  22. kaal paheliyan, काल पहेलिया, डोगा
    खूनी पहेलिया 01
  23. Doga, Special Issue, Raj Comics
    खूनी पहेलिया 02
  24. खूनी पहेलिया, खाकी और खद्दर से अगली कामिक थी। काल पहेलियाँ को लांच करने मे राज कामिक्स ने कोई कसर नही छोडी। और इस कामिक के तीन अलग-अलग एड बनाए गए। और ये कामिक खाकी और खद्दर के सिर्फ दो सैट बाद ही आ गई। मुझे ये कामिक बहुत ही ज्यादा पसंद आई। और मुझे ही क्या उस वक्त हर किसी को ये कामिक पसंद आई ही होगी। धांसू कहानी, शानदार चित्रांकन और जबरदस्त संवाद अदायगी किरदारो के बीच। उस वक्त सोचा नही था कि काल पहेलियाँ बाद मे डोगा का सबसे बडा विलेन बन जाएगा। लेकिन अगली ही कामिक (डैड लाइन) मे वो दुबारा नजर आया।

  25. Doga, काल पहेलिया, Super Villain
    खूनी पहेलिया 03
  26. खूनी पहेलियाँ डोगा का 1997 का आखिरी विशेषांक था। और विशेषांको के अलावा डोगा के general issue भी आते रहे। कायर और डैड लाइन के अलावा हाथ और हथियारमारा गया डोगामरेंगे डोगा के दुश्मन औरमृत्यु दाता इस साल और आई। यानी कुल मिलाकर 12 कामिक्से आई इस साल। शायद यही वो साल था जब डोगा ने रफ्तार पकडनी शुरु की।

  27. नागराज और डोगा के बाद अब नम्बर आता है ध्रुव का। डोगा की तरह ध्रुव के लिए भी ये साल खास रहा। क्योंकि इस साल उस के साथ कुछ ऐसा होने जा रहा था जिसकी कल्पना किसी ने भी नही की थी। इस के बारे मे आगे बात करेंगे। फिलहाल शुरुआत करते है 1997 की ध्रुव की पहली कामिक षड्यंत्र के साथ।षड्यंत्र की कहानी अंधी मौत से आगे की कहानी है। ध्रुव को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारियाँ चल रही है और ध्रुव का पुराना दुश्मन नास्त्रेदमस जेल से भागने मे कामयाब हो गया है। लेकिन नास्त्रेदमस के किरदार को यहाँ पर पुन: परिभाषित किया गया और उसे ध्रुव के साथ दिखाया गया। मुझे उम्मीद थी कि ध्रुव के दूसरे मददगारों की तरह नास्त्रेदमस को भी आने वाली कामिक्सो मे देखने का मौका मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नही। षड्यंत्र के साथ ही ध्रुव के लैटर कालमस्टार मेल की भी शुरुआत हो गई। और अब राज कामिक्स के पाठक अपने तीन सबसे बडे सुपर हीरोज को पत्र के माध्यम से अपने विचारो से अवगत करा सकते थे।

  28. Vinash Letter Column 01
  29. षड्यंत्र के बाद ध्रुव की अगली कामिक थी महाकाल। इस कामिक के लिए ज्यादा इंतजार नही करना पडा। हालांकि कामिक का एड देखकर मैं बहुत ज्यादा उत्साहित था। क्योंकि निंजा किरीगी दूसरी बार किसी कामिक मे आ रहा था और उसके सामने था ध्रुव का सबसे ताकतवर दुश्मनमहामानव। इस कामिक ने सफलता के सारे रिकार्ड तोड दिए। अगर मेरी बात पर यकीन ना आ रहा हो तो विनाश के लैटर कालम मे पाठको के भेजे गए पत्र पढिए। इसमे ज्यादातर लैटर ध्रुव की महाकाल की तारिफो से भरे हुए है। महाकाल कामिक मेरी top 10 कामिक्सो मे आती है और मैंपिछले 5 सालो से इसकी तलाश कर रहा था। अभी हाल मे ही मेरे दोस्त मोहनीश कन्नौजिया के जरिए ये कामिक मुझे मिली।

  30. Vinash Letter Column 02
  31. महाकाल के बाद ध्रुव प्रलय और विनाश मे नागराज के साथ नजर आया जिनका कि मैं जिक्र पहले ही कर चुका हूँ। विनाश के बाद ध्रुव की जो अगली सीरिज आने वाले थी उसका सभी पाठक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इसका एक छोटा सा सुराग हमे महाकाल के ग्रीन पेज मे मिलता है। नागराज के बाद अब बारी थी ध्रुव के मूल को पुन: परिभाषित करने की। लेकिन ध्रुव की शुरुआत के बारे मे तो सब को पहले से पता था कि ध्रुव सर्कस के कलाकार श्याम और राधा का बेटा है जिनकी मौत के बाद राजन मेहरा ध्रुव को गोद ले लेते है। तो अब पाठकों के मन मे ये संशय था कि इसके अलावा और क्या हो सकता है ध्रुव का मूल?लेकिन दाद देनी होगी हमारे सुपर हीरो के रचयिता अनुपम सिन्हा  जी की। जो पहले से ही सुस्थापित किरदार के जीवन मे एक बहुत ही शानदार मोड को लेकर हाजिर हुए खूनी खानदान मे। खूनी खानदान ध्रुव के नए origin series की पहली कामिक थी। और साथ ही इसे राज कामिक्स के 100वे विशेषांक होने का गौरव भी प्राप्त हुआ। अब ध्रुव का संबध जुडने वाला था फ्रांस से। और आगे आने वाली कामिक्सो को लेकर सभी काफी रोमांचित थे।

  32. खूनी खानदान के बाद आई अतीत। ये कामिक 1998 के एकदम शुरुआत मे ही आई थी। और खूनी खानदान की तरह ये भी एक खास कामिक थी। क्योंकि काफी अर्से बाद इस कामिक मे अनुपम सिन्हा जी के चित्रो पर उन्ही की इंकिग देखने को मिली। इसलिए मे इसका जिक्र इसी पोस्ट मे कर रहा हूँ। इस के चित्र काफी अच्छे बने थे और कामिक तो पूरी एक्शन से भरी पडी थी। संवाद तो ऐसे कि आज भी मुंह जबानी याद है मुझे। इस जादू को दिमाग कहते है जोशे। जिसे हिम्मत के घोल मे रखा जाता है। इस कामिक के जरिए ध्रुव के दोस्तो मे एक नाम और जुड गया। इस सीरिज़ की अगली और आखिरी कामिक जिग्सा मे वेरा ने ध्रुव की काफी मदद करी। जिग्सा चूंकि 1998 मे आई थी इसलिए इसका जिक्र अगली पोस्ट मे करेंगे। नास्त्रेदमस की तरह ही वेरा भी फिर किसी कामिक मे नजर नही आई। इन दोनो किरदारो को दुबारा ना देख पाने का मुझे हमेशा अफसोस रहा।

  33. विशेष:

  34. अतीत के ही सैट मे तिरंगा की डिवाइसर थी। और इसका पहला पार्ट था खूनी एपिसोड। खास बात ये है कि इन दोनो कामिक्सो मे अनुपम सिन्हा जी का आर्टवर्क है। तिरंगा को मैं काफी पसंद करता हूँ और अपने पसंदीदा किरदार को अपने पसंदीदा कलाकार के हाथो से बना हुआ देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा था।

  35. Bhokal, Raj Comics, Maharavan Series
    महारावण सीरिज
  36. नागराज, ध्रुव, डोगा। हम्म्म। चलो अब थोडा पीछे चलते है। मेरा मतलब पुराने समय मे चलते है और बात करते है भोकाल की। डोगा की तरह भोकाल के भी इस साल बहुत से विशेषांक प्रकाशित हुए। भोकाल की पिछले साल से चली आ रही युद्ध सीरिज अब समाप्ति के कगार पर थी। और इसी दौरान भोकाल के दो सहयोगियों, शूतानऔर तुरीन को भी अलविदा कह दिया गया। शूतान कोमर गया शूतान मे मार दिया गया था और तुरीन कोआखिरी निशानी मे। इसके बाद भोकाल के जीवन मे एक नया घटनाक्रम शुरु हुआ जिसने हमे दी एक कभी ना भूलने वाली शानदार सीरिज। जी हाँ। मैं बात कर रहा हूँ महारावण सीरिज की। इस सीरिज की शुरुआत चुडैल माँ से होती है और कामिक के अंत मे भोकाल को उसके पर वापिस मिल जाते है। वैसे एक बात गौर करने लायक है कि इस समय जितनी भी कामिक्से प्रकाशित हुई उनके एड बडे ही धांसू हुआ करते थे। चुडैल माँ का एड मुझे बहुत पसंद है।

  37. महारावण सीरिज मे कुल 9 कामिक्से थी जिनमे 7 विशेषांक थे। इस सीरिज की जितनी तारीफ की जाए कम है। किसी भी कामिक मे कहानी मे कोई कमजोर कडी नही है। सभी किरदारो के साथ पूरा न्याय हुआ है। इस सीरिज मे अतिक्रूर ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई है। चित्रांकन मे कदम स्टूडियो ने कमाल का काम किया है। सभी दृश्य जीवंत से नजर आते है।

  38. वैसे डोगा की तरह भोकाल के भी इस साल काफी विशेषांक आए। कुल मिला कर 7 विशेषांक आए।

  39. विशेष:

  40. आखिरी निशानी मे भोकाल की भूमिका मेहमान कलाकार जैसी ही थी। सिर्फ 1-2 पन्नो मे ही वो दिखाई दिया। बाकी पूरी कामिक मे शूतान, तिल्ली, लडाकी, वेणु, कपाला और तुरीन ही छाए रहे।

  41. अब जब हम पुराने समय मे आ ही गए है तो क्यों ना बात करे time period के एक और महारथी की।बांकेलाल को महारथी कहना गलत ना होगा। नागराज और ध्रुव के बाद सबसे वही सबसे पुराना किरदार है राज कामिक्स का। और सबसे ज्यादा कामिक्से भी उसी की छपी है। लेकिन बांकेलाल की कामिक्से शुरुआत मे मुझे अच्छी नही लगती थी। मुझे बांकेलाल से ज्यादा अच्छा फाईटर टोडस लगते थे। लेकिन इस साल आई घुंघरु ने मुझे बांकेलाल को पढते रहने के लिए मजबूर कर दिया। मुझे आज भी अच्छी तरह याद है कि ये कामिक मैंने अपनी छत की सीढ़ियॉ पर बैठ कर पढी थी और खूब जोर-जोर से हंसा था। 1997 मे ही बांकेलाल के करियर मे एक और उपलब्धि जुड गई। बांकेलाल का पहला विशेंषाक प्रकाशित हुआ। इस से पहले बांकेलाल सिर्फ एक ही विशेषांक मे नजर आया था और वो था बांकेलाल और तिलिस्मदेव। देखा जाए तो विशेषांक के लिए सबसे लम्बा इंतजार बांकेलाल को करना पडा। लेकिन वो कहते है ना कि इंतजार का फल मीठा होता है। पीछे पडा भालू काफी मीठी (मेरा मतलब मनोरंजक) निकली। साथ ही इस कामिक के ग्रीन पेज मे एक बहुत ही अजीब सा contest भी था। बाकी बांकेलाल के general issues भी आते रहे इस साल। और कुछ खास नही हुआ बांकेलाल के साथ इस साल।

  42. परमाणु के लिए 1997 सिर्फ एक ही वजह से खास रहा। डोगा की तरह उसे भी एक सुपर विलेन मिल गया। प्रिसिंपल की एंट्री क्राईम कालेज के जरिए हुई। इसके अलावा परमाणु के मामा प्रोफेसर कमल कुमार के व्यक्तिगत जीवन पर भी थोडा जोर दिया गया और उनकी पत्नी को कहानी मे लाया गया। इस साल परमाणु का कोई विशेषांक नही आया। सिर्फ कैंसर मे ही वो इंस्पेक्टर स्टील के साथ नजर आया। वैसे उसके general issues खूब आए इस साल। कांच का परमाणु, नौ-दो ग्यारह, क्राईम कालेज, आखिरी उडान, चलती फिरती मौत, परमाणु की मौत, होलिका, बेनाम, इत्यादि।

  43. Inspector Steel, Raj Comics, Special Issue
    Inspector Steel first Special Issue
  44. बडे सितारो के अलावा दूसरे सुपर हीरोज के लिए भी ये साल अच्छा रहा। पिछले साल आए तीनो नए सुपर हीरोज (तिरंगा, इंस्पेक्टर स्टील और एंथोनी) केgeneral कामिक तो आए ही, साथ ही टू-इन-वन के जरिए सभी हीरोज के विशेषांक भी आ गए। इंस्पेक्टर स्टील तो इस मामले मे काफी भाग्यशाली रहा। उसका पहला solo विशेषांक भी इसी साल आया था। कानून का सिपाही। एंथोनी को मौका मिला डोगा के साथ दो जबरदस्त कामिक्सो (मर्द और मुर्दा और ठंडी आग) मे दिखने का। इसके अलावा डोगा की कहानियो की एक अहम किरदार काली विधवा भी एंथोनी की कुछ कामिक्सो मे नजर आई। तिरंगा इन सबसे एक कदम आगे रहा। उसका पहला टू-इन-वन विशेषांक (खरोंच) तो 1996 मे ही आ गया था। इस साल वो स्टील (शतरंज) और भेडिया (जंगलिस्तान) के साथ भी नजर आया। साथ ही खूनी एपिसोड मे उसे मौका मिला कामिक जगत के एक दिग्गज, अनुपम सिन्हा जी से पहली बार चित्रित होने का। इस साल तिरंगा की एक तीन कामिक्सो की जबरदस्त सीरिज (निशाना, देशद्रोही और सिंदूर मिटा दो)भी आई थी।

  45. हास्य किरदारो मे बांकेलाल के अलावा फाईटर टोडस और गमराज के general issues ही आते रहे। अब फाईटर टोडस की लोकप्रियता मे गिरावट आनी शुरु हो गई थी। गमराज के लिए राज कामिक्स मे ये एक नया सफर था। शुरुआत की कुछ कामिक्सो के बाद गमराज को बनाने का काम अनुभवी और उम्दा चित्रकार प्रदीप साठे को दे दिया गया।

  46. Raj Comics, Old Comics Promotion
    Classic Battle
  47. इस साल कुल मिला कर 30 विशेषांक आए। राज कामिक्स के अब तक के सफर मे सबसे ज्यादा विशेषांक इसी साल आए। और जहाँ तक टू-इन-वन विशेषांकों की बात है, वो 8 आए। “शतरंज” साल का पहला टू-इन-वन विशेषांक था। उसके अलावा बाकी विशेषांकों के नाम है, प्रलय, विनाश, दो फौलाद, जंगलिस्तान, कैंसर, मर्द और मुर्दा और ठंडी आग। लेकिन टू-इन-वन कामिक्सो का सफर सिर्फ इसी साल तक नही चला बल्कि अगले साल भी ये जारी रहा। और अगले साल (1998) मे तो ये और भी रोमांचकारी होने जा रहा था। क्योंकि इस बार टू-इन-वन के जरिए राज कामिक्स मे पर्दापर्ण करने वाली थी “शक्ति”। राज कामिक्स की पहली Superwoman. और इसी उपलक्ष्य मे राज कामिक्स ने 1998 को घोषित कर दिया था “शक्ति वर्ष”। शक्ति वर्ष मे राज कामिक्स के सभी प्रमुख किरदारो के, शक्ति के साथ टू-इन-वन कामिक आए। तो क्या आप तैयार है 1998 शक्ति वर्ष के लिए?