एक शाम नागराज कसरत कर रहा था ।
।।
शाम में कसरत ?
नागराज का मन सुबह करे या शाम , आप पढ़ो ज्यादा दिमाग न लगाओ । खिखिखि ।
।।
तभी ध्रुव भागते हुए नागराज के पास आया ।
।।
नागराज - क्या मेरे याड़ी । आज संध्या दर्शन ?
ध्रुव - जान बचा के भागा हु भाई ।
नागराज - जान बचा के ?
ध्रुव - हा यार ।
कह के ध्रुव दो मिनट तक चुप रहा ।
नागराज भी चुप-चाप रहा ।।
ध्रुव ( आंखे तरेर के ) - अबे आगे भी तो पूछ ।।
नागराज - क्यों ? बिना पूछे तू बताएगा नही ?
ध्रुव - बताना तो पड़ेगा भाई । मेरी समस्या का हल शायद तुझ मूर्ख से हो जाये ।
।।
नागराज ( सुलगते हुए ) - बहुत मोटे दांत वाले बिना जहर के सांप से डसवां दूंगा सड़े हुए पियर फफूंदी । गुर्ररर ।
ध्रुव - अले नाराज ना हो यार । भाई है तू अपना ।
नागराज - ज्यादा अमूल वाला बटर मत लगा । अच्छे से जानता हूं तुझे । अब जल्दी से भौक , ऐसे भागते हुए क्यों आया आज ?
ध्रुव - क्या बताऊँ यार ...
नागराज ( बीच मे टोकते हुए ) - क्या बताऊँ । मतलब बताएगा नही । फिर टाइम क्यों वेस्ट कर रहा मेरा ।
ध्रुव - अबे बता रहा हु । सुन तो ले । पहले ही फुफकारेगा तो मैं बताऊंगा कैसे कुछ ।
।।
नागराज - ओके ओके आगे बोल ।
ध्रुव - आज नताशा को बीच पे ले गया था ।
नागराज - बीच पे । किसके बीच पे ।
ध्रुव - सॉरी सॉरी । बिच पे । समुंदर किनारे वाले बिच पे ।
नागराज - ओअअअअअ । फिर ।
ध्रुव - मैंने कहा । तुम्हारे दिल मे क्या है वो गा के बताओ ।
नागराज ( हाहाहाहा ) - बिना सुर वाली लड़की से तूने गाने को कहा । अरे वो चंदले की बेटी है जिसके सर से पानी तक फिसल जाता है उससे गाने को कैसे कह बैठा तू ।
ध्रुव ( आंखों से आग उगलते हुए ) - हो गया । अब आगे बोलू ।
नागराज - ठीक है ठीक बोल ।
ध्रुव - मेरे कहने पे नताशा ने अपने दिल में छिपा राज गा कर बताया ।
।।
जन्म-जन्म का साथ है हमारा - तुम्हारा । हमारा-तुम्हारा ।
।।
नागराज - बाप रे । लड़की बड़ी शातिर है । अगले जन्म में भी अपने बाप को तुझसे बचाने का ठेका लेना चाहती है ।
ध्रुव - वही तो । इसीलिए मैं भागा ...
नागराज - और सीधा मेरे पास आया ।
ध्रुव ( गुस्से ) - फिर फुफकारा तू बीच मे । बात तो पूरी सुना कर ।
नागराज - ठीक है भाई । अबकी बात पूरी होने के बाद फुफकारूँगा । सीधे तू मेरे पास नही आया तो कहा गया ?
ध्रुव - ऋचा के पास ।
नागराज - साले को मेरी दोस्ती की कद्र ही नही है । पहले सारी लड़कियों के चक्कर लगाएगा फिर मेरे पास आएगा । गुर्ररर । फिर क्या हुआ ?
ध्रुव - मैंने ऋचा से कहा की तुम्हारे दिल मे क्या है गा के बताओ ।
नागराज - इंडियन आइडियल का ऑडिशन लेने का ठेका ले रखा है तूने । गा के बताओ । गा के बताओ ।
ध्रुव - अरे समझा कर यार । गाते हुए लोग झूठ नही बोल पाते ।
।।
नागराज - तो ऋचा ने गाया ।
ध्रुव - हा गाया ना।
।।
तू जहां - जहां रहेगा । मेरा साया साथ हो....गा । तू जहां-जहां रहेगा मेरा साया.... मेरा साया ।
।।
नागराज - बाप रे । भूत बन के भी पीछा ना छोड़ेगी तेरा ये तो ।
ध्रुव - भूतनी बनने के बाद भी जो साथ म छोड़े उसके आस-पास रहना बेवकूफी ही होती । उससे बच के मैं भागते हुए सीधे तेरे पास आया हु यार ।
नागराज - ह्म्म्म ।
ध्रुव - सिर्फ ह्म्म्म । आगे भी तो कुछ बोल ।
नागराज - क्या बोलू ?
ध्रुव - अबे मेरी प्रॉब्लम तो सॉल्व कर ।
नागराज - अब तू प्रॉब्लम बताएगा तब न सॉल्व करू ।
ध्रुव - अरे पूरी रामकथा बता दी । अब और क्या बताऊँ ।
नागराज - भाई । जरा रिवाइंड में जा ।
रिवाइंड ।
चकर चकर ---/-/
किर्रर्रर .....^///
पुईई ...?....:..."
कुईईई टिर्रर्रर .....)*/// ....
तुरर्...?@///....
रिवाइंड पूरा हुआ ।
ध्रुव - धत्त तेरे की । प्रॉब्लम तो मैंने बताई ही नही ।
नागराज - बड़बोला होने से यही होता है । बड़-बड़ करने के चक्कर मे जरूरी बात बिच पे छोड़ आता है तू । खिखिखि ।
ध्रुव - सुन प्रॉब्लम बताता हूं ।
नागराज - रहन दे । जानता हूं तुझे गाना गवां के ही दिल मे क्या है जानना है ।
ध्रुव - वो तो है ।
नागराज - सर्वनाश में जो तुझे डव कहती थी ना ।
ध्रुव - हा ।
नागराज - उसे कॉल कर । तेरी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी ।
।।
ध्रुव ने झट से डव वाली को कॉल लगाया ।
।।
ध्रुव - तुम्हारे दिल मे क्या है गा के बताओ ।
।।
एव्री नाईट इन माय ड्रीम आय सी यू ... आयी सी यू ...
।।।
ध्रुव ( नागराज को गले लगाते हुए ) - बस इतना ही तो चाहिए था । थैंक्स भाई ।
नागराज ( अंदर-अंदर हस्ते हुए मन मे ) - एव्री नाईट इन माय ड्रीम के चक्कर मे पड़ के टाइटेनिक में हीरो टपक गया था । खिखिखि । ये भी टपकेगा एक दिन ।जोर वाली खिखिखि ।
समाप्त ।
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शाम में कसरत ?
नागराज का मन सुबह करे या शाम , आप पढ़ो ज्यादा दिमाग न लगाओ । खिखिखि ।
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तभी ध्रुव भागते हुए नागराज के पास आया ।
।।
नागराज - क्या मेरे याड़ी । आज संध्या दर्शन ?
ध्रुव - जान बचा के भागा हु भाई ।
नागराज - जान बचा के ?
ध्रुव - हा यार ।
कह के ध्रुव दो मिनट तक चुप रहा ।
नागराज भी चुप-चाप रहा ।।
ध्रुव ( आंखे तरेर के ) - अबे आगे भी तो पूछ ।।
नागराज - क्यों ? बिना पूछे तू बताएगा नही ?
ध्रुव - बताना तो पड़ेगा भाई । मेरी समस्या का हल शायद तुझ मूर्ख से हो जाये ।
।।
नागराज ( सुलगते हुए ) - बहुत मोटे दांत वाले बिना जहर के सांप से डसवां दूंगा सड़े हुए पियर फफूंदी । गुर्ररर ।
ध्रुव - अले नाराज ना हो यार । भाई है तू अपना ।
नागराज - ज्यादा अमूल वाला बटर मत लगा । अच्छे से जानता हूं तुझे । अब जल्दी से भौक , ऐसे भागते हुए क्यों आया आज ?
ध्रुव - क्या बताऊँ यार ...
नागराज ( बीच मे टोकते हुए ) - क्या बताऊँ । मतलब बताएगा नही । फिर टाइम क्यों वेस्ट कर रहा मेरा ।
ध्रुव - अबे बता रहा हु । सुन तो ले । पहले ही फुफकारेगा तो मैं बताऊंगा कैसे कुछ ।
।।
नागराज - ओके ओके आगे बोल ।
ध्रुव - आज नताशा को बीच पे ले गया था ।
नागराज - बीच पे । किसके बीच पे ।
ध्रुव - सॉरी सॉरी । बिच पे । समुंदर किनारे वाले बिच पे ।
नागराज - ओअअअअअ । फिर ।
ध्रुव - मैंने कहा । तुम्हारे दिल मे क्या है वो गा के बताओ ।
नागराज ( हाहाहाहा ) - बिना सुर वाली लड़की से तूने गाने को कहा । अरे वो चंदले की बेटी है जिसके सर से पानी तक फिसल जाता है उससे गाने को कैसे कह बैठा तू ।
ध्रुव ( आंखों से आग उगलते हुए ) - हो गया । अब आगे बोलू ।
नागराज - ठीक है ठीक बोल ।
ध्रुव - मेरे कहने पे नताशा ने अपने दिल में छिपा राज गा कर बताया ।
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जन्म-जन्म का साथ है हमारा - तुम्हारा । हमारा-तुम्हारा ।
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नागराज - बाप रे । लड़की बड़ी शातिर है । अगले जन्म में भी अपने बाप को तुझसे बचाने का ठेका लेना चाहती है ।
ध्रुव - वही तो । इसीलिए मैं भागा ...
नागराज - और सीधा मेरे पास आया ।
ध्रुव ( गुस्से ) - फिर फुफकारा तू बीच मे । बात तो पूरी सुना कर ।
नागराज - ठीक है भाई । अबकी बात पूरी होने के बाद फुफकारूँगा । सीधे तू मेरे पास नही आया तो कहा गया ?
ध्रुव - ऋचा के पास ।
नागराज - साले को मेरी दोस्ती की कद्र ही नही है । पहले सारी लड़कियों के चक्कर लगाएगा फिर मेरे पास आएगा । गुर्ररर । फिर क्या हुआ ?
ध्रुव - मैंने ऋचा से कहा की तुम्हारे दिल मे क्या है गा के बताओ ।
नागराज - इंडियन आइडियल का ऑडिशन लेने का ठेका ले रखा है तूने । गा के बताओ । गा के बताओ ।
ध्रुव - अरे समझा कर यार । गाते हुए लोग झूठ नही बोल पाते ।
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नागराज - तो ऋचा ने गाया ।
ध्रुव - हा गाया ना।
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तू जहां - जहां रहेगा । मेरा साया साथ हो....गा । तू जहां-जहां रहेगा मेरा साया.... मेरा साया ।
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नागराज - बाप रे । भूत बन के भी पीछा ना छोड़ेगी तेरा ये तो ।
ध्रुव - भूतनी बनने के बाद भी जो साथ म छोड़े उसके आस-पास रहना बेवकूफी ही होती । उससे बच के मैं भागते हुए सीधे तेरे पास आया हु यार ।
नागराज - ह्म्म्म ।
ध्रुव - सिर्फ ह्म्म्म । आगे भी तो कुछ बोल ।
नागराज - क्या बोलू ?
ध्रुव - अबे मेरी प्रॉब्लम तो सॉल्व कर ।
नागराज - अब तू प्रॉब्लम बताएगा तब न सॉल्व करू ।
ध्रुव - अरे पूरी रामकथा बता दी । अब और क्या बताऊँ ।
नागराज - भाई । जरा रिवाइंड में जा ।
रिवाइंड ।
चकर चकर ---/-/
किर्रर्रर .....^///
पुईई ...?....:..."
कुईईई टिर्रर्रर .....)*/// ....
तुरर्...?@///....
रिवाइंड पूरा हुआ ।
ध्रुव - धत्त तेरे की । प्रॉब्लम तो मैंने बताई ही नही ।
नागराज - बड़बोला होने से यही होता है । बड़-बड़ करने के चक्कर मे जरूरी बात बिच पे छोड़ आता है तू । खिखिखि ।
ध्रुव - सुन प्रॉब्लम बताता हूं ।
नागराज - रहन दे । जानता हूं तुझे गाना गवां के ही दिल मे क्या है जानना है ।
ध्रुव - वो तो है ।
नागराज - सर्वनाश में जो तुझे डव कहती थी ना ।
ध्रुव - हा ।
नागराज - उसे कॉल कर । तेरी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी ।
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ध्रुव ने झट से डव वाली को कॉल लगाया ।
।।
ध्रुव - तुम्हारे दिल मे क्या है गा के बताओ ।
।।
एव्री नाईट इन माय ड्रीम आय सी यू ... आयी सी यू ...
।।।
ध्रुव ( नागराज को गले लगाते हुए ) - बस इतना ही तो चाहिए था । थैंक्स भाई ।
नागराज ( अंदर-अंदर हस्ते हुए मन मे ) - एव्री नाईट इन माय ड्रीम के चक्कर मे पड़ के टाइटेनिक में हीरो टपक गया था । खिखिखि । ये भी टपकेगा एक दिन ।जोर वाली खिखिखि ।
समाप्त ।