Labels

Sunday, 24 May 2020

राज कॉमिक्स की कॉमेडी कहानी-3

कैसे हो मित्रो

बहुत दिन बाद आपकी सेवा में हाजिर हुआ हूँ


हे देव कालजयी 🐍: पढ़िए नई कहानी जो देगी मन को



हे देव कालजयी 🐍: उधर ध्रुव युगमक्षेत्र में अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था और इधर बैठे-बैठे सब बोर हो रहे थे ।।

शक्ति - चलो अंताक्षरी खेलते है ।।
डोगा ( बिफर के ) - हूह । खेलना है तो कोई मर्दो वाला खेल खेलो । ये औरतों वाला खेल मुझे नही खेलना ।।
शक्ति ( गुस्सा होके गुस्से को काबू करते हुए ) - चलो अंताक्षरी छोड़ो । कुश्ती लड़ते है ।।
डोगा - शब्बाश । ये हुई न मर्दो वाली बात । मैं तैयार हूं बोलो किससे कुश्ती ....

डोगा के बात पूरी करने से पहले ही शक्ति ने डोगा को उठाया और लगातर 20-30 धोबी पछाड़ दे मारा ।।

शक्ति - मजा आया मर्दो वाले खेल में । 
डोगा ( दर्द से तड़पते हुए ) - आआआएहह । मार डाआललल्लल्लाआआ रे ।।। बहूऊऊऊ ।। बहुत जोर की बहुहऊऊऊऊ
।।
भोकाल  - देवी शक्ति । ये अंताक्षरी क्या होता है । जरा हमे भी बताए । 

शक्ति ने आव देखा ना ताव और भोकाल की टांग पकड़ उसे भी डोगा की तरह 20-30 पठकनी दे मारी ।।

भोकाल ( दर्द से चिंघाड़ते हुए ) - भो भो कालळळळळळळळळ । 

।।
रक्षक मंडली ठहाके लगाते हुए पेट पकड़ लेती है । 
।।
भोकाल ( जैसे तैसे अपने आंसुओ पे काबू करते हुए ) - देवी शक्ति । हमने आपको देवी कहा और आपने हमे धो दिया । ऐसा भी कोई करता है भला ।
शक्ति ( अत्यधिक क्रोध में ) - नारियों पे अत्याचार करने वाला चाहे कोई तुझ जैसा महाबली क्यों न हो ।  शक्ति नारियों पे अत्याचार करने वाले कि बलि ले लेती है । 
भोकाल ( चौक के ) - अरे मैने किस नारी पे अत्याचार किया ? 
।।
भेड़िया - तुरीन श्री के होते हुए दो और विवाह कर लिया आपने तो पहला अत्याचार तुरीन श्री पे । फिर ना जाने क्या मिर्गी चढ़ी की आपने सलोनी को त्याग दिया । रूपसी तो फिर भी त्याग के लायक थी पर सलोनी श्री से क्या गलती हुई । बिना कोई गलती के सलोनी श्री पे अत्याचार । अब शक्ति आपको धोएगी नही तो और क्या करेगी । 
।।
भोकाल ( अपनी गलती पे पछता कर ) - यहां से लौटते ही सलोनी को वापस अपने पास बुला लूंगा । अब तो गुस्सा थूक दीजिए शक्ति ओर बताए कि ये अंताक्षरी होती क्या है ।

अपेक्षा तो भोकाल को शक्ति से अंताक्षरी के ज्ञान के प्राप्ति की थी लेकिन फिर से शक्ति ने भोकाल को उठाया और  अबकी बार 30-40 धोबी पछाड़ दे मारे । 

भोकाल तड़प के रोते-चिल्लाते हुए - तू शक्ति नही चुड़ैल है । मुझे नही खेलना अंताक्षरी । 
भेड़िया - रोते नही महागुरु । 
भोकाल ( बहुत जोर से रोते हुए ) - रोऊँ नही तो और क्या करूँ ।  बात-बात ये लड़की कूटे जा रही मुझे । बहुत जोर की बुहूऊऊऊ । बहुत बुरी है ये । बहूऊऊऊ ।
भेड़िया - अब आप सलोनी श्री को वापस बुला लेंगे तो तुरीन श्री का दिल फिर से दुखेगा इसीलिए शक्ति ने फिर से आपको धो दिया । 

भोकाल - मतलब एक तरफ कुंवा दूसरी तरफ खाई । 
भेड़िया - आपकी तो आयी शामत आयी । 
भोकाल - अब मैं क्या करूँ । 
भेड़िया - अपने दल में भाग लो । शक्ति का गुस्सा फिर से डोगा पे उतरेगा । 

इत्ता सुनते ही भोकाल वहां से अपने दल में दुड़की हो लेता है और शक्ति फिर से डोगा को कूटने लगती है । 

समाप्त ।