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Sunday 11 October 2020

एक बहस जिसका ना कोई आधार ना कोई अन्त....

 एक बहस जिसका ना कोई आधार ना कोई अन्त....


ध्रुव चंडिका को क्यों नहीं पहचान पाता?...

सभी अपने अपने तर्क देते हैं. विपक्ष वाले कहते हैं ध्रव इतनी सी बात नहीं जान सकता.. बस आंखों को कवर करने से वो चेहरा नहीं पहचान पाता, आवाज नहीं पहचान पाता और उसके दिमाग पर सवालिया निशान लगाते हैं....पक्ष वाले कहते हैं चंडिका आवाज बदल लेती होगी, चेहरे में कुछ बदलाव कर लेती होगी, अपनी गंध छुपाने के लिये कोई यंत्र प्रयोग करती होगी इत्यादि...

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मैं कहता हूं ये सवाल है ही क्यों?

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भले ही‌ श्वेता डरपोक और चंडिका बहादुर, भले ही चंडिका कोई यंत्र प्रयोग करती हो जो उसकी गंध, चेहरा, आवाज सब बदल दे... इन सब के बावजूद क्या अगर ध्रुव ठान ले कि उसे चंडिका  का राज पता लगाना है तो क्या वो पता नहीं लगा सकता?.... जिस स्तर का ध्रुव का दिमाग स्थापित गया है उसके लिये ये बांये हाथ का काम है.... आखिर पहले भी उसने हर बार दिमाग का इस्तेमाल करते हुये ही जीत हासिल की‌ है. कई बार परदे के पीछे छुपे विलेन्स का राज फाश किया है... फिर श्वेता/चंडिका के मामले में उसके दिमाग पर सवालिया निशान क्यों लगाने लगते हैं?

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असल बात ये है कि ध्रुव आज तक ये बात इसलिये नहीं जान पाया क्योंकि लेखक ने कभी चाहा नहीं कि वो यह बात जाने..  ध्रुव एक काल्पनिक किरदार है तो उसकी ताकत और कमजोरी सब लेखक की कलम पर निर्भर है. ध्रुव वही सोचेगा वही करेगा जो लेखक के अनुसार उसकी कहानी को आगे बङायेगा और ध्रुव और चंडिका की कहानियों का एक चटपटापन यह भी‌ है कि ध्रुव चंडिका की असलियत नहीं जानता इसलिये उसके साथ मिलकर बिना किसी टेंशन के दुश्मनों की वाट लगा सकगा हैं अगर वो जान जाये कि ये उसकी बहन श्वेता है तो शायद फिर चंडिका का रोल इतना बहादुरी वाला नहीं हो पायेगा क्योंकी ध्रुव उसे ये सब नहीं करने देगा. यह अनभिग्यता ही दोनों के एक साथ काम करने में सहायक है. जिस दिन अ‌नुपम सर ने सोचा कि एक कहनी लिखें जिसमें ध्रुव को ये राज पता चल जाये तो वह ऐसे १०० तरीके दिखा देंगे कि ये राज खुल जाये.

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ये सवाल दो ही टाईप के लोग पूछते होंगेंं...

१) जो मासूम हैं और सच में इस बात को सोचकर हलकान होते होंगे कि आखिर ये पहचान क्यों नहीं रहा.

२) जिनका फेवरिट किरदार कोई और है और वो ध्रुव को कम बताने के लिये उसके दिमाग पर उंगली उठाते होंगे.

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दोनों टाईप वालों से निवेदन है कि कृप्या दिमाग को ज्यादा लोड ना दें... लाईट लें.. कामिक्स पढें..कहानी के मजे लें!

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धन्यवाद

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