- नागराज & ध्रुव डबल एक्शन ईयर 1997। नागराज ईयर 1996 की अपार सफलता के बाद राज कामिक्स ने 1997 को डबल एक्शन ईयर घोषित किया और इस साल ज्यादा से ज्यादा से टू-इन-वन विशेषांक देने का वादा किया। वैसे टू-इन-वन कामिक्से 1996 से ही आनी शुरू हो गई थी। राजनगर की तबाही, खरोंच, टक्कर इत्यादी। लेकिन 1997 मे कुछ बहुत ही धमाकेदार कामिक्स आने वाले थे जिनका सभी पाठको को बडी बेसब्री से इंतजार था।
- साल 1997 का पहला सैट था "विकट व्यूह" (भोकाल) का। इस समय भोकाल की युद्ध सीरिज चल रही थी। और भोकाल बगैर अपनी भोकाल शक्ति के विकास नगर की रक्षा करने मे जुटा हुआ था। अच्छी बात ये थी कि अब भोकाल के विशेंषाक भी थोडे-थोडे समय बाद आने लगे थे। इस से पहले भोकाल का विशेंषाक "शैतान बेटा" आया था और अगला विशेंषाक "युद्ध नही लडूंगा" आने वाला था। इस सैट की बाकी की कामिक्से थी, "विशनखा" (तिरंगा), "हत्यारा" (भेडिया), "प्रोफेसर भूत" (इंस्पेक्टर स्टील), "हम आपके है वो" (गमराज) और "लोहडी" (बांकेलाल)।
- पिछ्ली पोस्ट पर एक कमेंट आया था कि नागराज के बारे मे कुछ बताया जाए। इसलिए इस बार सबसे पहले मैं राज कामिक्स के सबसे लोकप्रिय पात्र नागराज से ही शुरु करता हूँ। जैसा कि आप सब को मालूम है कि खजाना सीरिज के जरिए नागराज का एक नया मूल लिखा गया और उसे एक नई पहचान मिली। लेकिन कहानी अभी यहाँ खत्म नही हुई। कुछ और रहस्य पर से पर्दा उठाने की जरूरत थी। और इसकी शुरुआत हुई "विषकन्या" के जरिए। ये कामिक 1996 मे ही आई थी और इसके साथ ही नागराज के दुश्मनों मे एक इजाफा और हो गया। "विषधर", नागद्वीप का राज तांत्रिक जो नागपाशा के बाद नागराज का दूसरा दुश्मन बना। "विषकन्या" से नागराज की एक नई कहानी शुरु हो गई जिसका अंत1997 मे "प्रलय" के साथ खत्म हुआ। इस बीच (विषकन्या से प्रलय) तक सिर्फ "इच्छाधारी" ही एक ऐसी कामिक थी जो इस कडी मे शामिल नही थी। इछाधारी नागराज की 1997 की पहली कामिक थी। इस मे एक और सुपर विलेन की एंट्री हुई। सी-थ्रू।
- 1997 मे जिन कामिक्सो का सबसे ज्यादा इंतजार था उनमे से दो थी "प्रलय" और "विनाश"। "राजनगर की तबाही" के बाद अब राज कामिक्स ने ठान लिया थी कि वो हर साल गर्मियो की छुटियो मे स्पेशल विशेंषाक (25 रु) निकालेगी। और दूसरे ही साल मे पाठको को उनके दो सबसे पसंदीदा किरदारो को दुबारा एक साथ देखने का मौका मिला। और वो भी एक नही दो-दो कामिक्सो मे। और दोनो ही कामिक्सो मे पहली बार ऐसा कुछ होने जा रहा था जिसकी किसी ने आज तक कल्पना भी नही की थी।
Pralay Letter Column
- चूंकी "प्रलय" पहले आई थी इसलिए पहले प्रलय की ही चर्चा करेंगे। प्रलय केAd ने सभी कामिक्स प्रेमियो को बहुत रोमांचित कर रखा था क्योंकि इसमे पहली बार दो सुपर हीरोज आपस मे टकराने वाले थे। उनकी उत्सुक्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रलय का Ad देख कर ही लोग उस की मांग करने लगे थे जबकि अभी वो तैयार भी नही हुई थी। राज कामिक्स ने ग्रीन पेज के माध्यम से पाठको से अनुरोध भी की थी कि वे भविष्य मे आने वाली कामिक्सो की मांग ना करे। खैर "प्रलय" मई-जून" मे आई। कहानी नागद्वीप और राजनगर के बीच मे घूमती है। विषधर को दोबारा देखने का मौंका मिला और एक नई विलेन "विशाला" की एंट्री हुई। वेदाचार्य जी की स्मृती भी वापिस आ गई। पूरी कामिक एक्शन से भरपूर थी। लेकिन कामिक की USP थी नागराज और ध्रव की टक्कर। लेकिन उस से पहले इच्छाधारी नागो और कमांडो फोर्स और चंडिका को लडने का मौका मिला। कामिक के अंत मे ध्रव ने विशाला को मात देकर अपनी बुद्धि का लोहा मनवा लिया।
Sonu Sood as Nagraj
- एक बात और। अब राज कामिक्स टी वी पर भी अपना प्रचार करने लगी थी। और प्रलय और विनाश के Ad टी वी पर आने लगे थे। अभी हाल मे जो सिल्वर जुबली अंक राज कामिक्स ने निकाला है उसमे जो नागराज के Ad की जो imageहै, वो प्रलय कामिक के back cover से है। प्रलय मे ही राज कामिक्स ने दो नए तरह की प्रतियोगिताएँ भी शुरु की। चित्र पहचानो प्रतियोगिता और डबल हीरो/विलेन कांटेस्ट।
- नागराज की 1997 मे प्रलय से पहले दो कामिक्से और आई थी। “इच्छाधारी” का जिक्र तो मै कर ही चुका हूँ। इच्छाधारी के बाद आई “केंचुली।“ केंचुली से एक और सुपर विलेन “जुलू”की एंट्री हुई। कामिक काफी अच्छी थी। लगभग साल भर बाद फेसलेस को दुबारा देखने का मौका मिला। साथ ही फेसलेस का राज भी उजागर हो गया।
- अब वापस आते है इस साल की दूसरी सबसे ज्यादा रोमांचकारी कामिक पर। जहाँ प्रलय मे पहली बार राज के कामिक्स के सबसे लोकप्रिय दो सुपर हीरोज का टकराव दिखाया गया, वही “विनाश” मे पहली बार सुपर विलेन्स को अपने दुश्मनों (सुपर हीरोज) की मदद करने वाले थे। ये प्रयोग राज कामिक्स मे पहली बार हो रहा था और सभी प्रशंसक इस के लिए बडे उत्सुक थे।
- विशेष:
Initial Ad of Raj Nagar ki Tabahi
Raj Nagar ki Tabahi Ad Later
- “राजनगर की तबाही”(1996) और“विनाश”(1997) मे एक समानता है। जब इन दोनो कामिक्सो के ऊपर पहली बार विचार किया गया था तो उस समय कोई और कहानी सोची गई थी। लेकिन इन दोनो कामिक्सो के प्रकाशित होने के समय तक कहानियाँ पूरी तरह से बदल दी गई। इसलिए हमे इन दोनो कामिक्सो के दो अलग-अलग एड देखने को मिलते है जो अलग-अलग कहानियो की तरफ ही इशारा करते है।
Initial Ad of Vinash
- वापिस आते है नागराज और विनाश पर। विनाश मे भी प्रलय की भांति प्रतियोगिताएँ थी। कहानी मे नागराज और ध्रुव दोनो के पुराने विलेन्स थे लेकिन नागराज के विलेन्स को ज्यादा फ्रेम मिले। कहने की जरुरत नही कि कामिक सुपर हिट थी। फोल्डिंग कवर पर “तानाशाह” का बेहतरीन एड था। जो इस बात की गारंटी दे रहा था कि अगले साल भी नागराज और ध्रुव एक बार फिर से धमाल मचाने है। विनाश के बाद नागराज की सिर्फ एक और कामिक आई इस साल। नागराज की शक्तियो का रहस्य तो उसकी नई origin story से पता लग गया था। लेकिन उसी की जैसी शक्तियो वाले नागदंत का क्या रहस्य था ये पाठको के कौतूहल का विषय थी। "जहरीले" के जरिए अनुपम सिन्हा जी ने इस रहस्य से पर्दा उठाया। जहरीले के बाद नागदंत को एक लम्बा आराम मिला और फिर वो लगभग 12 साल बाद ही एक्शन मे नजर आया।
Vinash Ad Later
- 1997 मे राज कामिक्स के सभी किरदारो की बहुत ही अच्छी कामिक्से हमे पढने को मिली। चाहे वो ध्रुव हो या तिरंगा। स्टील हो या भोकाल। लेकिन 1997 डबल एक्शन ईयर डोगा के लिए बहुत खास रहा। क्योंकि इस साल हमे डोगा के बहुत सारे विशेषांक पढने को मिले। 1993 से लेकर 1996 तक जितने विशेषांक डोगा के आए थे। उससे ज्यादा इस साल आने वाले थे। डोगा के प्रशंसको मे इस बात से काफी उत्साह भरा हुआ था।
- डोगा की 1997 की पहली कामिक थी “कायर।” कायर दो पार्ट की सीरिज थी जिसके जरिए इंस्पेक्टर असलम की एंट्री डोगा की कामिक्सो मे हुई।
- डोगा का 1997 का पहला विशेषांक था “दो फौलाद।”इंस्पेक्टर स्टील के साथ डोगा के टकराव को देखने के लिए पाठक काफी रोमांचित थे। इस कामिक का एड भी बहुत जबरदस्त बनाया गया था। “एक के जिस्म मे नफरत का फौलाद था और दूसरे का जिस्म ही फौलाद का बना था…” ये कामिक प्रलय के सैट मे ही आई थी। डोगा की पहली टू-इन-वन। लेकिन इस से भी ज्यादा लोगो को इंतजार था “शेर का बच्चा” का। शेर का बच्चा की एड प्रलय और विनाश की तरह बहुत पहले से आ रही थी। प्रलय के अगले सैट मे ही आई “शेर का बच्चा।” डोगा के एक और विलेन “कमिश्नर सिन्हा” को मिली मात और कामिक के अंत मे हो गई डोगा की मौत। मोनिका आखिरकार अपने मकसद मे कामयाब हो गई। और यही वजह है कि मैं मोनिका को बिल्कुल पसंद नही करता हूँ। खैर अपने निजी पसंद और नापसंद को छोड कर आगे बढता हूँ। अब चूंकि डोगा तो मर गया शेर का बच्चा मे, तो क्या उसकी कामिक्से नही आएगी अब? ये सवाल सभी पाठकों के मन मे जरुर उठा था उस वक्त और इसका जवाब दिया राज कामिक्स ने डोगा के दो लगातार टू-इन-वन विशेषांकों के साथ। “मर्द और मुर्दा” और “ठंडी आग।” मर्द और मुर्दा के भयानक टकराव और अंजाम को लेकर सभी प्रशंसक आतंकित थे आखिर मे कौन जीतेगा। कामिक्से भी बहुत बेहतरीन बनी। एक ध्यान देने की बात ये भी है कि दोनो कामिक्सो की कहानियाँ शेर का बच्चा से पहले की है। इसलिए शेर का बच्चा के बाद डोगा अभी वापिस नही आया है। और उसे वापिस लाने का काम किया “खाकी और खद्दर” ने। हमारे भ्रष्ट हो चुके राजनैतिक तंत्र को बहुत ही बखूबी से बयां करती है ये कामिक। इंस्पेक्टर खोपड और खुरदरा को भी अच्छा काम मिला इस कामिक मे। प्रशासन के अत्याचार ने आखिरकार मजबूर कर ही दिया मोनिका को डोगा को फिर से जिंदा करने के लिए।
- दो फौलाद, शेर का बच्चा, मर्द और मुर्दा, ठंडी आग और खाकी और खद्दर। अब तक पांच विशेषांक। और सभी सुपर हिट। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त। डोगा का वो विशेषांक तो अभी आया ही नही जिसने दिया डोगा को उसका पहला सुपर विलेन। जी हाँ सही पहचाना आपने। बात कर रहा हूँ “काल पहेलियाँ” और “खूनी पहेलियाँ” की।
खूनी पहेलिया 01
खूनी पहेलिया 02
- खूनी पहेलिया, खाकी और खद्दर से अगली कामिक थी। काल पहेलियाँ को लांच करने मे राज कामिक्स ने कोई कसर नही छोडी। और इस कामिक के तीन अलग-अलग एड बनाए गए। और ये कामिक खाकी और खद्दर के सिर्फ दो सैट बाद ही आ गई। मुझे ये कामिक बहुत ही ज्यादा पसंद आई। और मुझे ही क्या उस वक्त हर किसी को ये कामिक पसंद आई ही होगी। धांसू कहानी, शानदार चित्रांकन और जबरदस्त संवाद अदायगी किरदारो के बीच। उस वक्त सोचा नही था कि काल पहेलियाँ बाद मे डोगा का सबसे बडा विलेन बन जाएगा। लेकिन अगली ही कामिक (डैड लाइन) मे वो दुबारा नजर आया।
खूनी पहेलिया 03
- खूनी पहेलियाँ डोगा का 1997 का आखिरी विशेषांक था। और विशेषांको के अलावा डोगा के general issue भी आते रहे। कायर और डैड लाइन के अलावा “हाथ और हथियार”, “मारा गया डोगा”, “मरेंगे डोगा के दुश्मन” और“मृत्यु दाता” इस साल और आई। यानी कुल मिलाकर 12 कामिक्से आई इस साल। शायद यही वो साल था जब डोगा ने रफ्तार पकडनी शुरु की।
- नागराज और डोगा के बाद अब नम्बर आता है ध्रुव का। डोगा की तरह ध्रुव के लिए भी ये साल खास रहा। क्योंकि इस साल उस के साथ कुछ ऐसा होने जा रहा था जिसकी कल्पना किसी ने भी नही की थी। इस के बारे मे आगे बात करेंगे। फिलहाल शुरुआत करते है 1997 की ध्रुव की पहली कामिक “षड्यंत्र” के साथ।षड्यंत्र की कहानी “अंधी मौत” से आगे की कहानी है। ध्रुव को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारियाँ चल रही है और ध्रुव का पुराना दुश्मन नास्त्रेदमस जेल से भागने मे कामयाब हो गया है। लेकिन नास्त्रेदमस के किरदार को यहाँ पर पुन: परिभाषित किया गया और उसे ध्रुव के साथ दिखाया गया। मुझे उम्मीद थी कि ध्रुव के दूसरे मददगारों की तरह नास्त्रेदमस को भी आने वाली कामिक्सो मे देखने का मौका मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नही। षड्यंत्र के साथ ही ध्रुव के लैटर कालम“स्टार मेल” की भी शुरुआत हो गई। और अब राज कामिक्स के पाठक अपने तीन सबसे बडे सुपर हीरोज को पत्र के माध्यम से अपने विचारो से अवगत करा सकते थे।
Vinash Letter Column 01
- षड्यंत्र के बाद ध्रुव की अगली कामिक थी “महाकाल।” इस कामिक के लिए ज्यादा इंतजार नही करना पडा। हालांकि कामिक का एड देखकर मैं बहुत ज्यादा उत्साहित था। क्योंकि “निंजा किरीगी” दूसरी बार किसी कामिक मे आ रहा था और उसके सामने था ध्रुव का सबसे ताकतवर दुश्मन“महामानव।” इस कामिक ने सफलता के सारे रिकार्ड तोड दिए। अगर मेरी बात पर यकीन ना आ रहा हो तो विनाश के लैटर कालम मे पाठको के भेजे गए पत्र पढिए। इसमे ज्यादातर लैटर ध्रुव की महाकाल की तारिफो से भरे हुए है। महाकाल कामिक मेरी top 10 कामिक्सो मे आती है और मैंपिछले 5 सालो से इसकी तलाश कर रहा था। अभी हाल मे ही मेरे दोस्त “मोहनीश कन्नौजिया” के जरिए ये कामिक मुझे मिली।
Vinash Letter Column 02
- महाकाल के बाद ध्रुव प्रलय और विनाश मे नागराज के साथ नजर आया जिनका कि मैं जिक्र पहले ही कर चुका हूँ। विनाश के बाद ध्रुव की जो अगली सीरिज आने वाले थी उसका सभी पाठक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इसका एक छोटा सा सुराग हमे महाकाल के ग्रीन पेज मे मिलता है। नागराज के बाद अब बारी थी ध्रुव के मूल को पुन: परिभाषित करने की। लेकिन ध्रुव की शुरुआत के बारे मे तो सब को पहले से पता था कि ध्रुव सर्कस के कलाकार श्याम और राधा का बेटा है जिनकी मौत के बाद राजन मेहरा ध्रुव को गोद ले लेते है। तो अब पाठकों के मन मे ये संशय था कि इसके अलावा और क्या हो सकता है ध्रुव का मूल?लेकिन दाद देनी होगी हमारे सुपर हीरो के रचयिता “अनुपम सिन्हा ” जी की। जो पहले से ही सुस्थापित किरदार के जीवन मे एक बहुत ही शानदार मोड को लेकर हाजिर हुए “खूनी खानदान” मे। खूनी खानदान ध्रुव के नए origin series की पहली कामिक थी। और साथ ही इसे राज कामिक्स के 100वे विशेषांक होने का गौरव भी प्राप्त हुआ। अब ध्रुव का संबध जुडने वाला था फ्रांस से। और आगे आने वाली कामिक्सो को लेकर सभी काफी रोमांचित थे।
- खूनी खानदान के बाद आई “अतीत।” ये कामिक 1998 के एकदम शुरुआत मे ही आई थी। और खूनी खानदान की तरह ये भी एक खास कामिक थी। क्योंकि काफी अर्से बाद इस कामिक मे अनुपम सिन्हा जी के चित्रो पर उन्ही की इंकिग देखने को मिली। इसलिए मे इसका जिक्र इसी पोस्ट मे कर रहा हूँ। इस के चित्र काफी अच्छे बने थे और कामिक तो पूरी एक्शन से भरी पडी थी। संवाद तो ऐसे कि आज भी मुंह जबानी याद है मुझे। “इस जादू को दिमाग कहते है जोशे। जिसे हिम्मत के घोल मे रखा जाता है।” इस कामिक के जरिए ध्रुव के दोस्तो मे एक नाम और जुड गया। इस सीरिज़ की अगली और आखिरी कामिक “जिग्सा” मे “वेरा” ने ध्रुव की काफी मदद करी। जिग्सा चूंकि 1998 मे आई थी इसलिए इसका जिक्र अगली पोस्ट मे करेंगे। नास्त्रेदमस की तरह ही वेरा भी फिर किसी कामिक मे नजर नही आई। इन दोनो किरदारो को दुबारा ना देख पाने का मुझे हमेशा अफसोस रहा।
- विशेष:
- अतीत के ही सैट मे तिरंगा की “डिवाइसर” थी। और इसका पहला पार्ट था “खूनी एपिसोड।” खास बात ये है कि इन दोनो कामिक्सो मे अनुपम सिन्हा जी का आर्टवर्क है। तिरंगा को मैं काफी पसंद करता हूँ और अपने पसंदीदा किरदार को अपने पसंदीदा कलाकार के हाथो से बना हुआ देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा था।
महारावण सीरिज
- नागराज, ध्रुव, डोगा। हम्म्म। चलो अब थोडा पीछे चलते है। मेरा मतलब पुराने समय मे चलते है और बात करते है भोकाल की। डोगा की तरह भोकाल के भी इस साल बहुत से विशेषांक प्रकाशित हुए। भोकाल की पिछले साल से चली आ रही युद्ध सीरिज अब समाप्ति के कगार पर थी। और इसी दौरान भोकाल के दो सहयोगियों, “शूतान”और “तुरीन” को भी अलविदा कह दिया गया। शूतान को“मर गया शूतान” मे मार दिया गया था और तुरीन को“आखिरी निशानी” मे। इसके बाद भोकाल के जीवन मे एक नया घटनाक्रम शुरु हुआ जिसने हमे दी एक कभी ना भूलने वाली शानदार सीरिज। जी हाँ। मैं बात कर रहा हूँ “महारावण” सीरिज की। इस सीरिज की शुरुआत “चुडैल माँ” से होती है और कामिक के अंत मे भोकाल को उसके पर वापिस मिल जाते है। वैसे एक बात गौर करने लायक है कि इस समय जितनी भी कामिक्से प्रकाशित हुई उनके एड बडे ही धांसू हुआ करते थे। चुडैल माँ का एड मुझे बहुत पसंद है।
- महारावण सीरिज मे कुल 9 कामिक्से थी जिनमे 7 विशेषांक थे। इस सीरिज की जितनी तारीफ की जाए कम है। किसी भी कामिक मे कहानी मे कोई कमजोर कडी नही है। सभी किरदारो के साथ पूरा न्याय हुआ है। इस सीरिज मे अतिक्रूर ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई है। चित्रांकन मे कदम स्टूडियो ने कमाल का काम किया है। सभी दृश्य जीवंत से नजर आते है।
- वैसे डोगा की तरह भोकाल के भी इस साल काफी विशेषांक आए। कुल मिला कर 7 विशेषांक आए।
- विशेष:
- “आखिरी निशानी” मे भोकाल की भूमिका मेहमान कलाकार जैसी ही थी। सिर्फ 1-2 पन्नो मे ही वो दिखाई दिया। बाकी पूरी कामिक मे शूतान, तिल्ली, लडाकी, वेणु, कपाला और तुरीन ही छाए रहे।
- अब जब हम पुराने समय मे आ ही गए है तो क्यों ना बात करे time period के एक और महारथी की।“बांकेलाल” को महारथी कहना गलत ना होगा। नागराज और ध्रुव के बाद सबसे वही सबसे पुराना किरदार है राज कामिक्स का। और सबसे ज्यादा कामिक्से भी उसी की छपी है। लेकिन बांकेलाल की कामिक्से शुरुआत मे मुझे अच्छी नही लगती थी। मुझे बांकेलाल से ज्यादा अच्छा फाईटर टोडस लगते थे। लेकिन इस साल आई घुंघरु ने मुझे बांकेलाल को पढते रहने के लिए मजबूर कर दिया। मुझे आज भी अच्छी तरह याद है कि ये कामिक मैंने अपनी छत की सीढ़ियॉ पर बैठ कर पढी थी और खूब जोर-जोर से हंसा था। 1997 मे ही बांकेलाल के करियर मे एक और उपलब्धि जुड गई। बांकेलाल का पहला विशेंषाक प्रकाशित हुआ। इस से पहले बांकेलाल सिर्फ एक ही विशेषांक मे नजर आया था और वो था “बांकेलाल और तिलिस्मदेव”। देखा जाए तो विशेषांक के लिए सबसे लम्बा इंतजार बांकेलाल को करना पडा। लेकिन वो कहते है ना कि इंतजार का फल मीठा होता है। “पीछे पडा भालू” काफी मीठी (मेरा मतलब मनोरंजक) निकली। साथ ही इस कामिक के ग्रीन पेज मे एक बहुत ही अजीब सा contest भी था। बाकी बांकेलाल के general issues भी आते रहे इस साल। और कुछ खास नही हुआ बांकेलाल के साथ इस साल।
- परमाणु के लिए 1997 सिर्फ एक ही वजह से खास रहा। डोगा की तरह उसे भी एक सुपर विलेन मिल गया। प्रिसिंपल की एंट्री क्राईम कालेज के जरिए हुई। इसके अलावा परमाणु के मामा प्रोफेसर कमल कुमार के व्यक्तिगत जीवन पर भी थोडा जोर दिया गया और उनकी पत्नी को कहानी मे लाया गया। इस साल परमाणु का कोई विशेषांक नही आया। सिर्फ कैंसर मे ही वो इंस्पेक्टर स्टील के साथ नजर आया। वैसे उसके general issues खूब आए इस साल। कांच का परमाणु, नौ-दो ग्यारह, क्राईम कालेज, आखिरी उडान, चलती फिरती मौत, परमाणु की मौत, होलिका, बेनाम, इत्यादि।
Inspector Steel first Special Issue
- बडे सितारो के अलावा दूसरे सुपर हीरोज के लिए भी ये साल अच्छा रहा। पिछले साल आए तीनो नए सुपर हीरोज (तिरंगा, इंस्पेक्टर स्टील और एंथोनी) केgeneral कामिक तो आए ही, साथ ही टू-इन-वन के जरिए सभी हीरोज के विशेषांक भी आ गए। इंस्पेक्टर स्टील तो इस मामले मे काफी भाग्यशाली रहा। उसका पहला solo विशेषांक भी इसी साल आया था। कानून का सिपाही। एंथोनी को मौका मिला डोगा के साथ दो जबरदस्त कामिक्सो (मर्द और मुर्दा और ठंडी आग) मे दिखने का। इसके अलावा डोगा की कहानियो की एक अहम किरदार “काली विधवा” भी एंथोनी की कुछ कामिक्सो मे नजर आई। तिरंगा इन सबसे एक कदम आगे रहा। उसका पहला टू-इन-वन विशेषांक (खरोंच) तो 1996 मे ही आ गया था। इस साल वो स्टील (शतरंज) और भेडिया (जंगलिस्तान) के साथ भी नजर आया। साथ ही “खूनी एपिसोड” मे उसे मौका मिला कामिक जगत के एक दिग्गज, अनुपम सिन्हा जी से पहली बार चित्रित होने का। इस साल तिरंगा की एक तीन कामिक्सो की जबरदस्त सीरिज (निशाना, देशद्रोही और सिंदूर मिटा दो)भी आई थी।
- हास्य किरदारो मे बांकेलाल के अलावा फाईटर टोडस और गमराज के general issues ही आते रहे। अब फाईटर टोडस की लोकप्रियता मे गिरावट आनी शुरु हो गई थी। गमराज के लिए राज कामिक्स मे ये एक नया सफर था। शुरुआत की कुछ कामिक्सो के बाद गमराज को बनाने का काम अनुभवी और उम्दा चित्रकार “प्रदीप साठे” को दे दिया गया।
Classic Battle
- इस साल कुल मिला कर 30 विशेषांक आए। राज कामिक्स के अब तक के सफर मे सबसे ज्यादा विशेषांक इसी साल आए। और जहाँ तक टू-इन-वन विशेषांकों की बात है, वो 8 आए। “शतरंज” साल का पहला टू-इन-वन विशेषांक था। उसके अलावा बाकी विशेषांकों के नाम है, प्रलय, विनाश, दो फौलाद, जंगलिस्तान, कैंसर, मर्द और मुर्दा और ठंडी आग। लेकिन टू-इन-वन कामिक्सो का सफर सिर्फ इसी साल तक नही चला बल्कि अगले साल भी ये जारी रहा। और अगले साल (1998) मे तो ये और भी रोमांचकारी होने जा रहा था। क्योंकि इस बार टू-इन-वन के जरिए राज कामिक्स मे पर्दापर्ण करने वाली थी “शक्ति”। राज कामिक्स की पहली Superwoman. और इसी उपलक्ष्य मे राज कामिक्स ने 1998 को घोषित कर दिया था “शक्ति वर्ष”। शक्ति वर्ष मे राज कामिक्स के सभी प्रमुख किरदारो के, शक्ति के साथ टू-इन-वन कामिक आए। तो क्या आप तैयार है 1998 शक्ति वर्ष के लिए?
Pralay Letter Column |
Sonu Sood as Nagraj |
Initial Ad of Raj Nagar ki Tabahi |
Raj Nagar ki Tabahi Ad Later |
Initial Ad of Vinash |
Vinash Ad Later |
खूनी पहेलिया 01 |
खूनी पहेलिया 02 |
खूनी पहेलिया 03 |
Vinash Letter Column 01 |
Vinash Letter Column 02 |
महारावण सीरिज |
Inspector Steel first Special Issue |
Classic Battle |
2 comments:
Hindi Dubbed Movies
Nice...................
Comics
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