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Saturday, 20 October 2018

पायरेसी टॉपिक पर विचार-विमर्श

पायरेसी के ऊपर बहुत से टॉपिक आपको फेसबुक और व्हाट्सएप्प ग्रुप पर मिल जायेंगे।आज हमारी चर्चा भी कॉमिक्स संबंधित पायरेसी पर है।
सबसे पहले ये जानने की कोशिश करते है,कि पायरेसी क्या होती है,क्यों होती है,किसलिए होती है,कौन करता है।उसके करने से किसी को क्या फायदा होता है, और किसको नुकसान होता है।
पायरेसी को ओरिजिनल कंटेंट की डब्लिकेट कॉपी या ज़ेरॉक्स कॉपी कहा जा सकता है।जिसका तुलना हम नकल से कर सकते हैं।
पायरेसी की जरूरत अपने ओरिजिनल कंटेंट को सेव करने के लिए भी की जाती है,उसको जब तक पायरेसी श्रेणी में नही कहा जा सकता,तब तक उस कंटेंट से उसको व्यावसायिक लाभ नही होता हो या किसी को नुक्सान नही होता हो।
उदहारण के लिए रामायण,महाभारत पर काफी पुस्तकें छपी है,तो जिस पब्लिकेशन ने इनके आधार को मानकर अपनी पुस्तकें छाप कर बाजार में बेची हो और इनसे फायदा उठाया हो तो क्या वो भी पायरेसी नही है क्या।नही जी ये पायरेसी नही है,अगर हम छपी हुई पुस्तक के कंटेंट को ज्यूँ का त्यौ प्रिंट कर उसको बेचते है,तो वो पायरेसी में आता है।
पायरेसी सस्ते और महंगे कंटेंट दोनों की जाती है,या जो कंटेंट मार्किट में आसानी से उपलब्ध नही हो।
पायरेसी से एक तरफ जहां व्यवसाय को नुकसान होता है,वही दूसरी तरफ पायरेसी करने वाले को भी कोई फायदा नही मिलता।क्योँकि उसने तो पायरेसी शेयर करने के लिए की है,लेकिन उसका नुकसान कंपनी ने उठाया।
अधिकतर कॉमिक्स पब्लिकेशन भी पुराने पब्लिकेशन के कंटेंट से आईडिया लेते है,जिनका मुख्य source विदेशी कॉमिक्स पब्लिकेशन है,वो वहां से इमेज वाइज इमेज की कॉपी भी कर लेते है।और उनकी स्टोरी को थोड़ा बहुत चेंज कर अपनी कॉमिक्स में प्रिंट कर देते है,यहाँ तक कुछ पब्लिकेशन तो अन्य हिंदी पब्लिकेशन से कॉपी कर लेते है,तो यह सब पायरेसी में ही आता है।
कुछ मजबूरीवश पायरेसी का सहारा लेते है,क्योँकि वो कंटेंट या तो काफी महंगा होता है या बाजार में उपलब्ध नही होता,कुछ अज्ञानवश करते है,और कुछ कुंठित होकर।लेकिन कोई भी सही नही है।
इसलिए पायरेसी को रोक पाना लगभग असंभव सा काम है,इसके लिए कंपनियों को अपनी सामग्री को जेनुइन रेट में उपलब्ध करवाना पड़ेगा, ताकि सभी इसको ख़रीद सकें।

Thursday, 18 October 2018

नॉवेल लिस्ट

राज भारती
कमलकांत सीरिज
1. तिगनी का नाच
2. तेरी गर्दन मेरे हाथ
3. त्रिशूल
4 मौत खङी तेरे द्वार
5. विष क्या
6. हिसाब बराबर
7. कातिल माने ना
8. काम तमाम
9. सारे दिमाग मेरे शिकार
10. दिल तो कातिल है
अग्निपुत्र सीरिज

1. मायाजाल
2. महादण्ड
3. खुदा का बेटा
4. महाबली
5. महाक्रोधी
6. महारथी
7. महायोगी
8. महामंत्र
9. महाकाल
10. महादाह
11. महामंत्र
12. महापाप
13. महाविनाश
14. महासंग्राम
15. महाकुण्ड
16. अग्निपुत्र
17. रक्तपात
18. रक्तधारा
19. मिस्त्री शहजादी
20. रक्त सिंदूर
21. रक्त सागर
22. शंग्रीला
23. रक्त पिपासु
24. रक्त रेखा
25. रक्त आहुति
26. रक्त कलश
27. रक्त-सुरा
28. रक्तांचल
39. रक्तदेव
30. रक्त -भैरवी
41. रक्त-मंथन
42. मृत्युराग
43. मृत्युदंश
44. मृत्युधाम
45. मृत्युजाल
46.. मृत्युरथ
47. मृत्युद्वार
48. शाही रक्कासा
49. सफेद कबूतरी
50. मल्लिका का ताज
51. शाही जल्लाद
52. ताजपोशी
53. जादूगरनी
54. दोधारी तलवार
55. रक्त-मंदिर 
56. तौर ग्रह के हत्यारे
57. तौर ग्रह के देवता
58. मंगोल सुंदरी
60. तौर ग्रह के छापामार
61. अभिसारिका
62. सुर्ख सैलाब
63. सरहदी भेङिये
64. शिकारी मल्लिका
65. तौर के लूटेरे
66. रेगिस्तानी कबीले की मल्लिका
67. हुंकार
68. आमरा
69. आमरा का इंतकाम
70. विनाश चक्र
71. बिल्ला हरूमा
72. शिंगूर के दरिंदे
73. शाबा
74.शंखनाद
75. महायोद्धा (65 वा उपन्यास, अग्निपुत्र)
ये सब राजभारती के नावेल है.