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Tuesday, 1 July 2025

शक्ति वर्ष 1998 -राज कॉमिक्स में स्त्रीत्व-7

  1. सभी दोस्तो का स्वागत है मेरी इस नई पोस्ट और राज कामिक्स के शक्ति वर्ष 1998 मे। इस बात से तो सभी लोग इत्तेफाक रखते होंगे कि 1997 Nagraj and Super Commando Dhruva Double Action Year काफी शानदार रहा। हमे बहुत सारे टू-इन-वन विशेषांक पढने को मिले। अपने सुपर हीरोज को एक साथ और एक दूसरे के खिलाफ लडते देखना सभी पाठकों के लिए बहुत ही रोमांचकारी अनुभव रहा होगा। अब राज कामिक्स रोमांच के इस सफर को और भी तेज रफ्तार देने वाली थी। बहुत सारी दिलचस्प कहानियो और क़िरदारो को पाठकों तक पहुंचाने के अलावा अब वो कुछ ऐसा करने जा रही थी जो कि भारतीय कामिक्सो मे बहुत ही कम देखने को मिलता है। भारतीय समाज की तरह ही पुरुष प्रधान भारतीय कामिक्स जगत मे किसी महिला किरदार को राज कामिक्स पहली बार उतारने जा रही थी। मतलब कि राज कामिक्स की पहली सुपर हीरोईन। जो कि प्रतिनिधित्व करेगी नारी का। यानी का टकराव तय था अब हमारे सुपर हीरोज और शक्ति मे। शक्ति। यही नाम दिया गया इस किरदार को और पूरा न्याय किया इस किरदार ने अपने नाम के साथ भी और उस उद्देश्य के साथ भी जिसे ध्यान मे रखकर इसे रचा गया। इस पोस्ट का केन्द्र बिंदु रहेगी शक्ति। तो शुरुआत करते है शक्ति वर्ष 1998 की।

  2. शक्ति वर्ष 1998 का पहला सैट था भोकाल की कपालिका कामिक का। अभी भोकाल की महारावण सीरिज चल ही रही थी। इस कामिक के ग्रीन पेज मे शक्ति वर्ष का जिक्र तो हुआ था लेकिन अभी यह नही बताया गया था कि ये शक्ति है कौन? शक्ति वर्ष के लोगो मे राज कामिक्स के हीरोज बनाए गए थे और शुरुआत मे ऐसा ही लगता था कि इन्ही की एकजुटता को ध्यान मे रखकर 1998 को शक्ति वर्ष का नाम दिया गया है। लेकिन थोडे समय बाद ही प्रकाशित हुई बांबी कामिक मे शक्ति पहली बार नजर आई। बांबी कामिक के ही ग्रीन पेज मे शक्ति के बारे मे बहुत थोडा लिखा हुआ था। उसकी आने वाली कामिक्सो के नाम दे रखे थे। वैसे शक्ति को बांबी के कवर पर पहली बार देख कर ऐसा ही लगा था कि ये कोई नई सह किरदार (sidekick) है। उस वक्त तो किसी ने भी नही सोचा होगा कि ये भी राज कामिक्स परिवार का एक अहम हिस्सा बनेगी।

  3. Bhokal, Raj Comics
    Maharavan Series
  4. खैर, अभी बात भोकाल की कपालिका और महारावण सीरिज की चल रही है तो उसे को आगे बढाते है। ये महारावण सीरिज की छठी कामिक थी। इसके बाद इस श्रंखला की तीन कामिक्से और आई और साल के मध्य तक इस सीरिज का समापन हो गया। ये  श्रंखला बहुत ही कामयाब रही। आज, जब मैं ये पोस्ट यहाँ टाईप कर रहा हूँ तो, इस सीरिज को 15 साल हो गए है रिलीज हुए। और आज भी इस सीरिज की मांग पाठकों मे बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि राज कामिक्स इस साल से शुरु हो रहेComic Fest India मे इस पूरी सीरिज का एक special edition release करने जा रही है। मुझे तो लगता है कि इस बार के कार्यक्रम कीUSP कही ये ही ना बन जाए।

  5. 1998 मे महारावण सीरिज के बाद भोकाल के general issues ही आते रहे। धरणीधर, विश्वरक्षक, लघुघाती, इत्यादि। ये साल भी भोकाल के लिए अच्छा रहा। अब उसके पास उसकी भोकाल शक्ति भी लौट आई थी।

  6. Doga, Shakti, Raj Comics
    Promo of Doga- Shakti
  7. Raj Comics, Doga Comics
    First Explosive 1
  8. शक्ति को ही ध्यान मे रखते हुए आगे बढते है। जैसा कि मैने ऊपर लिखा किशक्ति पहली बार बांबी नजर आई थी। लेकिन शक्ति शक्ति कैसे बनी इसका खुलासा हुआ डोगा-शक्ति मे। डोगा शक्ति का एड पहली बार खूनी पहेलिया कामिक मे आया था। और ये बहुत ही जबरदस्त एड था। डोगा जो कि मर्दानगी की पहचान है उसकी टक्कर थी नारी के प्रतीक शक्ति से। डोगा-शक्ति 1998 का डोगा का पहला विशेषांक भी था। और इस साल डोगा के ज्यादातर विशेषांक ही आए। रात की रानी, भूल गया डोगा, सावधान डोगा और कौन बडा जल्लाद। सारी कामिक्से बहुत अच्छी थी। रात की रानी का आर्टवर्क बहुत ही खूबसूरत बना है। इसकी वजह इसके कलर इफैक्टस है। साथ ही इस कामिक से डोगा का Letter Column एक्सपलोसिव भी शुरु हुआ।


  9. रात की रानी, राज कामिक, डोगा कामिक
    First Explosive 2
  10. रात की रानी से मेरा एक अनुभव भी जुडा हुआ है। जब ये कामिक आने वाली थी तो मैं अक्सर एक बस स्टैंड की दुकान पर कामिक्से पढा करता था क्योंकि उसी के पास नया सैट सबसे पहले आता था। जब भी कोई नई कामिक आने वाली होती थी तो मैं इसी दुकान पर बार-बार जाकर पूछा करता था। ऐसे ही एक बार मैंने दुकानदार से पू्छा कि रात की रानी है क्या? तो वो खीज कर बोला नही, दोपहर का राजा है। ये सुनकर मैं हल्का सा मुस्कुराता हुआ वहाँ से चला गया। अब इसे सोच कर भी हंसी आती है।

  11. परमाणु, शक्ति, राज कामिक्स
    Parmanu-Shakti

  12. वापिस चलते है शक्ति के पास। डोगा-शक्ति मे दिखाया गया कि शक्ति को शक्तियाँ कैसे मिली। कैसे एक अबला नारी (चंदा) ने जब नारी जाति पर हो रहे अत्याचार की दुहाई काली माँ के मंदिर मे दी तो उसके जवाब मे खुद माँ काली ने अपनी सारी विध्वंसक शक्तियाँ उसे प्रदान की और उसे नारी जाति की सुरक्षा का दायित्व देकर शक्ति बना डाला। चंदा अब शक्ति के रुप मे तैयार थी। अपनी शक्तियों के बारे मे थोडी सी अवगत और थोडी सी अंजान। और तैयार थी नारी समाज के सम्मान की सुरक्षा के लिए और उस पर हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए। लेकिन खुद चंदा पर हुए जुल्म का हिसाब शक्ति ने इस कामिक मे नही दिया। इसके लिए पाठकों और शक्ति को इंतजार करना पडा शक्ति के आगामी विशेषांक का। परमाणु-शक्ति का। परमाणु-शक्ति, शक्ति का तीसरा विशेषांक था। वैसे इसी बीच शक्ति भेडिया के साथ दो कामिक्सो मे भी नजर आई। आई शक्ति और जिंदा पत्थर। और कुल मिला कर अब तक शक्ति राज कामिक्स के चार सुपर हीरोज के साथ आ गई थी। और अभी तो आधा साल भी पूरी तरह से खत्म नही हुआ था। मतलब अभी शक्ति वर्ष के और भी धमाके बाकी थे।

  13. लेकिन फिलहाल के लिए परमाणु पर ही स्थिर रहते है और जानते है कि इस साल राज कामिक्स मे कितने परमाणु विस्फोट हुए। परमाणु के लिए साल की शुरुआत अच्छी रही। उसे अपना दूसरा सुपर विलेन इसी साल मिला। बात हो रही है इतिहास की। इतिहास परमाणु की इस साल की दूसरी कामिक थी। पहली कामिक थी चट्टान। इतिहास के बाद परमाणु तिरंगा के साथ टू-इन-वन कामिक विशेषांक तुरुपचालमे नजर आया। तुरुपचाल की ख़ासियत उसके आर्टवर्क मे थी। एक ही कलाकार की पेन्सलिंग पर अलग-अलग कलाकारों ने इंकिग कर रखी थी। इसके बाद परमाणु शक्ति के अलावा परमाणु के 32 पन्नो वाले कामिक ही आए। घोंघा, स्टीमर और लिम्पेट बम। लिम्पेट बम मे प्रोफेसर को फिर से परमाणु के हाथो जेल मे पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन सबके अलावा परमाणु की एक कामिक और आई थी। इन सबसे अलग और इन सबसे बेहतरीन। उसका जिक्र आगे के लिए मैंने बचा रखा है।

  14. ध्रुव कामिक, राज कामिक, शक्ति
    Dhruva-Shakti
  15. फिर चलते है अब शक्ति के पास। शक्ति अब तक राज कामिक्स के चार बडे किरदारो के साथ दो-दो हाथ कर चुकी थी। और अब बारी थी एक ऐसे किरदार की जो इन चारो से एक साथ टकराने की काबलियत रखता है। बताने की जरूरत नही की बात हो रही है ध्रुव की।ध्रुव-शक्ति। सुनने और पढने मे बहुत अजीब लगता है। क्योंकि ध्रुव के सफर को देखते हुए हम पाते है कि उसके कामिक्सो के नाम बहुत ही आकर्षक और उपयुक्त होते है। और बाकी हीरोज की तरह ध्रुव के बहुत कम कामिक्स है जिसमे उसका खुद का नाम शामिल है। खैर नाम मे क्या रखा है। शेक्सपीयर जी की ये बात मानते हुए अपने शक्ति के कारवाँ को आगे बढाते है। वैसे ध्रुव के बारे मे ध्यान देने वाली एक बात ये भी है कि अब तक बहुत कम हीरोज को ध्रुव के साथ काम करने का मौका मिला था। डोगा और परमाणु अभी भी इस अवसर से वंचित थे। शक्ति ने इन दोनो से पहले बाजी मार ली। बांबी के बाद ध्रुव-शक्ति मे शक्ति को फिर मौका मिला अनुपम सिन्हा जी की पेन्सिल से बनने का। इससे पहले मनु जी और धीरज वर्मा जी भी शक्ति को बना चुके थे। और शायद राज कामिक्स मे ऐसा पहली बार हो रहा था कि एक ही समय मे एक ही किरदार को अलग-अलग लोग बना रहे थे। चलो, वापिस चलते है ध्रुव-शक्ति के पास। इस कामिक के जरिए ध्रुव और शक्ति दोनो के ही जीवन मे बडे परिवर्तन आने वाले थे। जहां डाक्टर तरुण के रुप मे शक्ति की दुनिया मे एक अहम किरदार की एंट्री हुई वही श्वेता द्वारा दी गई युटिलिटी बेल्ट, ब्रेसलेट और व्हील वाले बूट्स ने ध्रुव के पूरे लुक को ही बदल दिया। एक साल पहले ही कमांडो फोर्स की गिफ्ट की गई बेल्ट फिर किसी कामिक मे आज तक नजर नही आई।

  16. ध्रुव शक्ति से पहले इस साल अतीत आ चुकी थी और उसका जिक्र अपनी पिछली पोस्ट मे कर चुका हूँ। अतीत के बाद ध्रुव की जिग्सा आई थी जिसमे अंत मे ध्रुव अपने परिवार के बारे मे जान ही लेता है। इस कामिक के साथ ही ध्रुव को एक नया origin भी मिल जाता है। ध्रुव के इन सभी कामिक्सो को  लेकर फैन्स बहुत उत्साहित थे। लेकिन उससे भी ज्यादा बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे थे ध्रुव के कामिक जंग का। इस कामिक मे पहली बार ध्रुव को ये अहसास हुआ कि उसका मुकाबला खुद उसी से है। नक्षत्र को बिल्कुल ध्रुव की तरह ही बनाया गया था। सर्कस मे पला बढा। उसी की तरह हर एक कला मे माहिर और दिमाग भी ध्रुव के जैसा ही तेज। ये मुकाबला देखने के लिए हर कोई बैचेन था। अफसोस की बात ये रही की नक्षत्र फिर लम्बे समय तक किसी कामिक मे नजर नही आया। सिवाय ध्रुविष्य मे एक छोटे से मेहमान के रुप मे और भविष्य मे चल रही नागायण मे।

  17. निशाचर कामिक, राज कामिक, डोगा, ध्रुव
    First Promo of Nisachar
  18. Nisachar fan art
    Nisachar Promo by me
  19. अतीत, ध्रुव-शक्ति और जंग के अलावा ध्रुव का एक विशेषांक और आया था। उसका जिक्र बाद मे करेंगे। लेकिन इन सब कामिक्सो से बढकर भी एक चीज थी। एक कामिक एड। एक ऐसी कामिक का एड, जिसके बारे मे शायद ही किसी ने सोचा हो। कम से कम मैंने और मेरे कामिक्स दोस्तो ने तो बिल्कुल भी नही सोचा था। डोगा को अभी काफी लम्बा सफर तय करना था और नागराज के बाद राज कामिक्स मे ध्रुव का ही नम्बर आता था। तो इस हिसाब से ध्रुव और डोगा के स्तर मे काफी अंतर था। इसलिए इन दोनो का पहली बार कामिक मे आना सभी के लिए एक बहुत बडाsurprise था। निशाचर का एड पहली बार देखते ही इस कामिक को पाने के लिए मैं पागल से हो गया था। बडा ही जबरदस्त एड था और उससे भी जबरदस्त थे उस एड के शब्द। जैसे-जैसे रात बढेगी, बढेगी दोनो की ताकत। क्योंकि दोनो है निशाचर। उस वक्त मैं अपने आस-पास के कुछ लडको को कामिक्से किराए पर पढने के लिए देता था। उन्होने भी जब निशाचर का एड देखा तो कहा कि भाई ये कामिक तो हार हाल मे ला कर देना हमे। मैंने उनसे कहा अभी इसके आने मे एक साल का समय है। तो वो बोले कि तू अभी से इसके लिए पैसे का इंतजाम शुरु कर दे। वर्ना तू कामिक देर से लाएगा। ये आलम था निशाचर के पागलपन का। मुझे इसका वो एड इतना पसंद आया था कि मैंने उसे देख कर खुद बनाया और आज भी वो ड्राइंग मेरे पास रखी हुई है।

  20. राज कामिक, बांकेलाल, हास्य कामिक
    Dharporsankh
  21. देखा जाए तो ये पोस्ट अभी तक काफी गंभीर जा रहा है। हर नए paragraph मे कुछ विचार करने योग्य तथ्य है। तो फिलहाल इस गंभीर सफर को थोडी देर के लिए विश्राम देते है और थोडा मन को गुदगुदाते लेते है राज कामिक्स के हास्य किरदारो के बारे मे बातचीत कर के। शुरुआत करते है राज कामिक्स के सबसे लोकप्रिय हास्य किरदार बांकेलाल के साथ। बांकेलाल की इस साल की पहली कामिक थी काटो-काटो। और चूंकि अभी तक बांकेलाल की ज्यादातर कामिक्से 32 पन्नो वाली ही आती थी तो इस साल भी उसकी काफी कामिक्से आई। शाप का टोकरा (अभी हाल मे आई बांकेलाल की कामिक हम सब पागल है थोडी बहुत इसी से प्रेरित थी), जादूगर करारा, घुंघरु, दुमतारा, नागपंचमी, तीस मार खां, मोतियाबिंद, चोंचू, खोदा, शैतान, मुच्छड मनहूस, छुपन छुपाई और यम यम थी। साथ ही इस साल बांके का एक विशेषांक ढपोरशंखभी आया था। ये बांकेलाल का तीसरा विशेषांक था। ढपोरशंख मे ही बांकेलाल के एक और विशेषांक (जादुई मुहावरे) का एड था जो कि वर्ष 1999 मे आना था। यानि अब बांकेलाल के विशेषांक भी अब साल भर मे आने लगे थे। बांकेलाल के फैन्स के लिए ये बडी खुशी की बात थी।

  22. गमराज के बारे मे बताने के लिए मेरे पास ज्यादा कुछ नही है। क्योंकि अभी मैंने गमराज को नियमित रुप से पढना शुरु नही किया था। गमराज के सामान्य कामिक ही आ रहे थे। और उसे लोकप्रिय बनाने के लिए अभी भी उन मे विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें होती थी। इस साल गमराज की जितनी कामिक्से आई उन मे से कुछ के नाम मैं यहाँ बता देता हूँ। बुढिया के बाल, कमांडो, खोटा सिक्का, अडियल टट्टू, तुलातोड।

  23. फाइटर  टोडस, हास्य कामिक, राज कामिक
    Cover page by Anupam Sinha
  24. फाइटर टोडस के बारे मे भी ज्यादा नही बता पाऊंगा। क्योंकि अभी भी उनके सामान्य कामिक (32 pages) ही आ रहे थे। बगैर अनुपम सिन्हा जी के। तो इस वक्त मैंने उनके कामिक पढना लगभग छोड ही दिया था। उनकी किसी भी नई कामिक मे अब मजा नही आता था। इस साल आई उनकी कुछ कामिक्सो के नाम है, टाइम मशीन, टोडस एक्शन, प्रोफेसर तामझाम, हैप्पी बर्थ डे, सब गायब और सायरन। इन सब मे से प्रोफेसर तामझाम की खाशियत ये थी कि उसका कवर पेज अनुपम सिन्हा जी ने बनाया था।

  25. नागराज और परमाणु, राज कामिक
    Soorma Promo
  26. एक बार फिर रूख करते है एक्शन हीरोज की तरफ। अभी तक इस पोस्ट मे राज कामिक्स के ज्यादातर प्रमुख हीरोज को कवर किया जा चुका है। लेकिन राज कामिक्स के सबसे ज्यादा प्रचलित किरदार का जिक्र तो हुआ ही नही। नागराज की बात करे तो इस साल उसकी शुरुआत बांबी से हुई। जिसमे शक्ति भी थी। नागराज ने पाताल लोक की यात्रा की और वहाँ के राजा तक्षक को हराया। इसके बाद नागराज दिखा ध्रुव के साथ तानाशाह मे। तानाशाह राज कामिक्स के ग्रीष्म अवकाश के दौरान प्रकाशित होने वाले सुपर स्पेशल विशेषांक श्रंखला का हिस्सा थी। नागराज और ध्रुव का सामना था हिटलर की अतृप्त आत्मा से जो पुरी दुनिया पर राज करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नरक से वापिस पृथ्वी पर आती है। और अंत मे हमारे सुपर हीरोज से हार जाती है। कहानी बहुत अच्छी थी और नागराज ने काफी एक्शन किया था इस कामिक मे। साथ ही इस कामिक से रिचा उर्फ ब्लैक केट की वापसी हो गई थी जो कि राजनगर की तबाही मे गायब हो गई थी।

  27. तानाशाह के बाद नागराज का एक और सुपर स्पेशल विशेषांक आया। लेकिन इस बार उसके साथ ध्रुव नही बल्कि वंडर मैन परमाणु था। परमाणु के बारे मे लिखते हुए मैंने इसी खास कामिक का जिक्र किया था। इस कामिक की कई विशेषताए थी। जैसे नागराज अब तक सिर्फ ध्रुव, फाईटर टोडस, और भेडिया के साथ ही नजर आया था। परमाणु के साथ ये उसकी पहली कामिक थी। पहली बार अनुपम सिन्हा जी ने परमाणु को बनाया। पहली बार ध्रुव का कोई विलेन नागराज से टकराया। ये बाते थी जिन पर गौर करना ज्यादा मुश्किल नही था। लेकिन कामिक के अंदर भी बहुत सारे surprise थे। खास तौर पर परमाणु के लिए। कहानी थी डाक्टर वायरस की एक और खतरनाक वायरस को पैदा करने की ख्वाहिश को लेकर। ध्रुव के डर से अब डाक्टर वायरस दिल्ली मे काम कर रहा था। उस वायरस को बनाने के लिए जरुरत थी तेज जहर की। जहर यानी नागराज। नागराज और परमाणु के बीच गलतफहमी पैदा करने की साजिश इस जहर को पाने की योजना मे ही शामिल थी। अब टकराव निश्चिंत था और इस मे जीत उसी की होने थी जो था दूसरे से बडा सूरमा। इस कामिक से परमाणु की जिंदगी मे कुछ बदलाव आए। उसके मामा लम्बे समय के लिए कोमा मे चले गए। लेकिन कोमा मे जाने से पहले वो परमाणु को नई बेल्ट और प्रोबाट सोप गए। दोनो ही आज तक एकदम सही काम कर रहे है।

  28. सूरमा के बाद नागराज की सपेरा आई। ये इस साल की नागराज की आखिरी कामिक थी। ये साल नागराज के लिए काफी एक्शन पैक्ड रहा। मे से कामिक्सो मे हमे नागराज का खूब एक्शन देखने को मिला। सपेरा नागराज के Adventure कामिक्स मे आती है।

  29. नागराज के बाद बात करते है अब ऐसे किरदार की जिस पर अब तक का सबसे बडा प्रयोग हुआ और वो भारतीय कामिक्स के इतिहास मे एक मिसाल बन गया। ये साल राज कामिक्स के लिए काफी प्रयोगात्मक और बदलाव से भरपूर रहा। क़िरदारो के लुक्स मे बदलाव किए गए। उनकी शक्तियो मे बदलाव किए गए। उनके मूल मे बदलाव किए गए। साथ ही एक नए किरदार (शक्ति) को भी लाया गया। लेकिन अब जिस बदलाव और प्रयोग के बारे मे बताने वाला हूँ वो इन सबसे अनूठा है। 1998 से पहले सिर्फ भेडिया था। कोबी का जन्म अब होने वाला था। दो विपरीत शक्तियों, फोबोस और मोबोस को गुरुराज भाटिकी ने भेडिया के शरीर मे प्रविश्ट कराया ताकि वो उसमे से जानवार वाले कोबी रुप को अलग कर सके और फिर से वुल्फानो की स्थापना कर सके। इस सारी साजिश की तैयार पहले सी शुरु हो चुकी थी। जानवर कामिक से। फूजो और जेन भेडिया के हिंसक रवैये से हैरान और परेशान थे जिसकी वजह फोबोस की विनाशकारी ताकत थी।
  30. भेडिया कामिक, राज कामिक
    First comic on Glossy Paper


  31. कोबी और भेडिया कामिक मे भेडिया के लिए ये दुविधा और बढ गई कि वो हिंसा के मार्ग का अपनाए या अहिंसा के। और उस की इसी अंदरुनी कशमकश और दोनो विपरीत शक्तियो ने उसके शरीर को ही दो भागो मे विभक्त कर दिया। खैर गुरुराज भाटिकी का कोबी को वापिस वुल्फानो मे ले जाने का सपना तो पूरा नही हुआ। कोबी को भेडिया के हाथों हार का सामना करना पडा। फिर भी कोबी जेन से शादी करने मे कामयाब हो गया था। इस कामिक की एक और विशेषता ये थी कि ये Raj Comics की पहली कामिक थी जो Glossy Paper मे आई थी।

  32. कोबी और भेडिया के अलावा भेडिया की और जो कामिक्से आई उनमे से एक प्रमुख कामिक है आधे इंसान इस कहानी का शीर्षक बहुत ही वाजिब है। क्योंकि ये दो ऐसे हीरोज की कहानी है जो पूरी तरह से इंसान नही है। भेडिया जो कि आधा जानवर है और इंस्पेक्टर स्टील जो कि आधा मशीन है। इस कामिक मे इन दोनो के टकराव को तो दिखाया ही गया साथ ही उनकी अंदरुनी जद्दोजहद को भी दिखाया गया। काफी भावनात्मक कामिक है ये। फिलहाल ये कामिक मेरे पास नही है और मेरी हिट लिस्ट मे शामिल है। आधे इंसान के 
  33. भेडिया, इंस्पेक्टर स्टील, राज कामिक
    Half Human
  34. अलावा कोबी और भेडिया के डोगा के साथ दो टू-इन-वन विशेषांक और आए। सावधान डोगा और कौन बडा जल्लाद। एक तरफ शहर का जल्लाद और दूसरी तरफ जंगल के जल्लाद। हम्म्म्म। ये मुकाबला था देखने लायक। सावधान डोगा मे कोबी और भेडिया को ज्यादा फ्रेम्स नही मिले। क्योंकि शहर से डोगा को जंगल मे लाने के लिए आधार इसी कहानी को बनाया गया। लेकिन कौन बडा जल्लाद मे कोबी और भेडिया ने खूब हाथ पांव चलाए। साथ ही डोगा ने भी जंगल के शैतानो से दो-दो हाथ किए। दोनो ही काफी मस्त कामिक है।

  35. इन विशेषांकों के अलावा इस साल भेडिया की ये कामिक्से आई। गजारा, मौत मेरे अंदर, इंद्रजाल, मुगांबो, अंधी धुंध, टोटमपोल, भुजंग, जाग कृत्या जाग, काला सोना और नीली लाशें।

  36. तिरंगा, राज कामिक
    The evolution of Bharat

  37. अब ये पोस्ट अपनी समाप्ति की ओर बढ रही है तो अब बात कर लेते है बाकी बचे हुए सुपर हीरोज के बारे मे। सबसे पहले जिक्र करेंगे फर्ज की मशीन इंस्पेक्टर स्टील का। इस साल स्टील की पहली कामिक थी हैमर। इस के बाद आई भेडिया के साथ आधे इंसान। इन दोनो के अलावा स्टील के जो कामिक आए वो है; आर्मर, आत्मघाती, फरसा, सरकलम, हादसा, दुश्मन कानून का, इलाका, सस्पैंड, मिस्टर फरार, प्लान चौपट, मेगागन और जेल ब्रेकर। इस साल शक्ति के साथ स्टील की कामिक नही आई। स्टील के बाद नम्बर आता है जिंदा मुर्दे एंथोनी का। एंथोनी इस साल किसी विशेषांक मे नजर नही आया लेकिन शक्ति के साथ उसकी दो कामिक्से जरुर आई। “अमानुष” और “आधी औरत।” इन दोनो कामिक्सों मे चित्रांकन था सुरेश डीगवाल।  
  38. एंथोनी, राज कामिक्स
    Some good comics of Anthony. Year 1998
  39. अब शक्ति को बनाने वाले चित्रकारों की संख्या चार हो गई थी। इन दोनो कामिक्सो के अलावा एंथोनी के जो और ज्यादातर कामिक्से सीरीज मे आई जो कि बहुत अच्छी थी। जैसे मौत चुन लो और जीवनदाता। अंतिम संस्कार और अर्थी और ताबूत। तीन सांप और आया कंकाल। कोयला और दहकता शहर। और प्रोफेसर जानडाल, मेरे पाप, गलियाँ सुनसान और डान।  अब आते है देशभक्त डिटेक्टिव तिरंगा पर। तिरंगा की शुरुआत बहुत ही शानदार रही। इस साल उसकी पहली कामिक थी सुरक्षा चक्र और उसके बाद आई उसकी दो कामिक्से अनुपम सिन्हा जी ने बनाई। खूनी एपिसोड और डिवाइसर। इसके अलावा तिरंगा की 3 कामिक्सो की एक जबरदस्त सीरिज भी आई जिसने तिरंगा के पूरे वजूद को ही बदल कर रख दिया। ये तीन कामिक्से थी X File, RDX और चेहरा कहाँ छुपाऊं। इनके अलावा तिरंगा के ये कामिक्से इस साल आई। नकलची, अरैस्ट हिम, रोजी रोटी,  नारेबाज, फुलस्टाप, सी एन एन, बेनकाब, आखिरी हत्यारा, सब मरेंगे बारी-बारी और पुतलीबाई।

  40. कामिक्सो के अलावा अब राज कामिक्स बच्चो के लिए एक मासिक पत्रिका “फैंग” भी प्रकाशित करने लगी थी। मुझे सही से मालूम नही कि ये कौन से साल मे शुरु हुई। शायद 1997 के आखिरी महिनों मे इसका पहला अंक आ गया था। ये किताब भी मैं बहुत चाव से पढता था। अनाडी के कारनामे इस पत्रिका का सबसे अच्छा भाग होते थे।
  41. शक्ति कामिक, राज कामिक
    Here comes Shakti. First Solo Comic of Shakti

  42. अब शक्ति से इस पोस्ट की शुरुआत करी थी तो शक्ति से ही इस पोस्ट का अंत भी करते है। ऊपर बताई गई शक्ति की कामिक्सो के अलावा ये और कामिक्से आई इस साल। आई शक्ति, वर्दी वाली औरत, पवन पुत्री, मौत के दीवाने, जोकर, खबरदार शहरी। अगला साल भी शक्ति के लिए काफी अच्छा होने वाला था क्योंकि अब वो 96 पन्नो वाले विशेषांक मे भी आने वाली थी। नागराज और ध्रुव के साथ “कलयुग” मे। निशाचर और कलयुग 1999 के दो बेहतरीन विशेषांक थे। अगली पोस्ट मे इनका जिक्र होगा और साथ ही जिक्र होगा 1999 मे प्रकाशित हुई अन्य कामिक्सो, उनसे जुडी खास बातों और राज कामिक्स के नए प्रयोगों का। फिलहाल के लिए अभी बहुत लिख चुका हूँ। अब आप लोगो से मुलाकात होगी 1999 मे। आप लोगो को ये समय यात्रा कैसी लग रही है। कृप्या अपने सुझावों से अवगत कराए।

*बिग साइज कॉमिक्स की सूचि*

*तुलसी बिग साइज*
01. अँगारा जँगारा (अँगारा)
02. डबल अँगारा (अँगारा)
03. कमांडो नंबर 1 (अँगारा)
04. G-18 की वापसी (तौसी)
05. तौसी के पुत्र का नामकरण संस्कार (तौसी)
06. टनी द ग्रेट (तौसी)
07. ट्रिपल टी (तौसी)
08. नागबाबा की हत्या (तौसी)
09. हॉरर शो (तौसी)
10. सरकंडा (जम्बू)
11. जस्टिस जम्बू (जम्बू)
12. शुक्राणु का आक्रमण (जम्बू)
13. ब्लैक बॉक्स (जम्बू)
14. जम्बू का मायाजाल (जम्बू)
15. बाज़ (बाज़)
16. बाज़ का आतंक (बाज़)
17. बाज़ और बाज़ (बाज़)
18. मि. इंडिया (मि. इंडिया)
19. मि. इंडिया का बदला (मि. इंडिया)
20. मि. इंडिया की खूनी जंग (मि. इंडिया)
21. योगा (योगा)
22. योगा की कहानी (योगा)
23. योगा का इंतकाम (योगा)
24. आग का बेटा योशो (योशो)
25. प्रलयंकारी योशो (योशो)
26. योशो की जंग (योशो)


*राज बिग साइज*
27. फाइटर टोड्स (फाइटर टोड्स)
28. खून चोर (फाइटर टोड्स)
29. जाली नोट (फाइटर टोड्स)
30. चैंपियन (फाइटर टोड्स)
31. प्रेत अंकल (प्रेत अंकल)
32. हउआ (प्रेत अंकल)
33. भूत राजा (प्रेत अंकल)
34. थोडांगा का प्रेत (प्रेत अंकल)
35. खलनायक (अश्वराज-गोजो-भोकाल)
36. महानायक (अश्वराज-गोजो-भोकाल)
37. नागराज-प्रतिशोध की ज्वाला (सिल्वर जुबली एडिशन)


*मनोज बिग साइज*
38. कॉमिक 2000 - 1
39. कॉमिक 2000 - 2
40. कॉमिक 2000 - 3
41. युगांधर (युगांधर)
42. युगांधर और काखा (युगांधर)
43. युगांधर और नागबाज़ (युगांधर)
44. महानायक किड्स (महानायक किड्स)
45. हम हैं असली नायक (महानायक किड्स)
46. आइसक्रीम गैंग (महानायक किड्स)
47. खूनी दानव (महाबली शेरा)

तौसी और नागराज का तुलनात्मक अध्ययन

तौसी एक पुराणिक चरित्र है,और इसको आगे जाकर आधुनिक बना दिया गया,जबकि नागराज शुरू से ही आधुनिक चरित्र है।
तौसी का जन्म पाताल लोक में दिखाया गया है,जबकि नागराज का पृथ्वीलोक पर।तौसी के गुरु नागबाबा है,जबकि नागराज के गुरु गोरखनाथ है।


तौसी पूर्णत सांप है,जबकि नागराज मानव सांप है।तौसी के इष्ट देवता भगवान शिव है, जबकि नागराज के इष्ट देवता देव कालजयी है।
तौसी की वेशभूषा धोती सलवार है,जबकि नागराज केवल अंडरवीयर 😁😁😁में रहना पसंद करता है,और केवल अपना रूप छुपाने के लिए ही पैंट कोट का सहारा लेता है।
तौसी को अपना इच्छाधारी रूप भगवान शिव की मदद से मिला था,जबकि नागराज को अपना इच्छाधारी रूप जन्म से है प्राप्त था,जो देव कालज्यी की शक्ति थी।
तौसी के पास रूप बदलने के आलावा ब्रह्मास्त्र,अग्नि,पानी,वायु जैसे शस्त्र और अष्टर है,इनके अलावा तौसी द्वंद युद्ध करने में भी एक्सपर्ट है।,जबकि नागराज के पास अपना खतरनाक जहर है,और उसको सम्मोहन करना भी आता है।
तौसी के मुख्य सहायक नाग्बाबा,कालू जिन्न, गिद्ध और शेषनाग से प्राप्त शक्तियां थी,जबकि नागराज के सहायक सौड़ांगी,गुरु गोरखनाथ, कालदुत,भारती, विशर्पी ,और उसके अंदर बसने वाले इच्छाधारी सांप थे।
तौसी का विवाह अप्सरा से हो गया,जिससे दोनों को टनी नाम का पुत्र भी हुआ।जबकि नागराज का विवाह राज पब्लिकेशन वाले अभी तक नहीं करवा सके।😆😆😆😆
नागराज को चाहने वाली में विषरपी,भारती,सौडांगी ,और नाग रानी थी,और नाग रानी से नागराज को एक पुत्र भी पैदा हुआ,जिसका नाम विशंक रखा गया।(कुछ हिंदी नाम में गलती हो सकती है,क्योंकि keypad Hindi नाम को नहीं ले रहा है।)
तौसी के कुछ शत्रु में नेवला, कंगारू,गिद्ध, ज़ी -18,त्रिकुला और सरोपी थे,जिनमें से वो कुछ अपने दुश्मनों को मार देता है,और कुछ उसके दोस्त बन जाते है।


जबकि नागराज के दुश्मन में नागमणि,थोड़ागा,मिस किलर, नागदत, तुतान खामेन,युसुफ अली , बुलडोग थे,जिनमें से कुछ को परमानेंट मार दिया था,और कुछ मारने पर दुबारा जिंदा हो कर वापिस आ जाते थे (इसमें नागराज का कोई दोष नहीं था,क्योंकि राज कॉमिक्स वाले उनको नहीं मारना चाहते थे 😁😁😁😁)
तौसी कोई भी रूप धारण कर के उड़ सकता था,जबकि नागराज को यह शक्ति जरूरत के हिसाब से मिली।
तौसी की कहानियां एक दूसरे की पूरक होती थी,मतलब कि पहली कॉमिक्स को पढ़े बिना दूसरी कॉमिक्स की स्टोरी समझ नहीं आती थी,जबकि नागराज की कॉमिक्स में ऐसा नहीं था,एक ही कॉमिक्स में स्टोरी को समझा जा सकता था।
तौसी का युद्ध हमेशा तांत्रिक, सपेरों, राक्षस,और दूसरे नागो से होता रहता था,जबकि नागराज के शत्रु आधुनिक थे,जो नागराज को मारने के लिए गोली बारूद का इस्तेमाल करते थे।और नगीना जैसे ही कुछ शत्रु तांत्रिक शक्तियों का इस्तेमाल कर पाते थे।
तौसी के दुश्मन में सबसे शक्तिशाली ज़ी-18 था,लेकिन उसके बाद वो उसका मित्र बन गया था।जबकि नागराज के दुश्मन उसके दोस्त नहीं बन सके।(अगर ऐसा हो जाता तो राज कॉमिक्स कैसे कॉमिक्स निकालता 😁😁😁😁)
बाद में तौसी के कुछ मित्रों में अंगारा और जम्बू को उसका सहयोगी दिखाया गया,जबकि नागराज के सहयोगी में सबसे ऊपर नाम सुपर कमांडो ध्रुव का था।
तौसी को केवल जुगनू ही वश में कर सकता था,और नागराज को भी कई विलेन आसानी से काबू में कर लेते थे।
अंत में यही कहना चाहुगा की,दोनों करैक्टर ने ही कॉमिक्स प्रेमियों का खूब मनोरंजन किया है,अगर दोनों क लिए कुछ लिखना बाकी रह गया हो तो कमैंट्स में अपना सुझाव दे सकते है। 

मधु मुस्कान की जानकारी

मधु मुस्कान गोवर्सन ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ से एक भारतीय साप्ताहिक कॉमिक पत्रिका थी, जिसका 1970 के दशक के अंत में 100,000 तक प्रचलन था।


इतिहास और प्रोफ़ाइल
मधु  मुस्कान को 1972 में प्रकाशक गोवर्स ने शुरू किया था।  इस पत्रिका का मुख्यालय नई दिल्ली में था ।इसे पहले पाक्षिक और फिर साप्ताहिक रूप से प्रकाशित किया गया था।


हालांकि सख्त साहित्यिक अर्थों में कॉमिक नहीं, मधु मुस्कान एक पत्रिका से अधिक थी, लगभग किसी भी कॉमिक्स के लिए प्रकाशित। 90% पृष्ठों में कई बार लोकप्रिय चरित्रों की सचित्र हास्य कहानियाँ होती हैं। बस 4-5 पृष्ठों में एक पत्रिका के रूप में कहानियां हैं, और बाकी जैसा कि ऊपर बताया गया है कॉमिक्स के रूप में थे।

मधु मुस्कान ज्यादातर एक मज़ेदार पत्रिका थी, जिसे पारिवारिक पाठकों के मनोरंजन के दृष्टिकोण से बनाया गया था। यह एक बहुत लोकप्रिय पत्रिका थी। जिस समय कॉमिक्स उद्योग उफान पर था, और लोगों को साहित्य के इस रूप को पढ़ने में दिलचस्पी थी, पत्रिका ने भी कुछ कहानियों को चित्रों के रूप में चित्रित किया, लेकिन मधु मुस्कान मुख्य रूप से अकेले हास्य कहानियों पर निर्भर करती है।

गोवर्सन समूह ने कई अन्य खिताबों के बीच आर्चीज़ और एस्टेरिक्स  पर भारतीय अधिकार भी रखा।
मधु मुस्कान के किरदार मुख्य रूप से हास्यप्रद थे। हालांकि एक जासूसी कहानी करतब। बबलू भी था, बाकी पात्रों को लोगों को हंसाने के लिए तैयार किया गया था। कॉमिक विभिन्न विषयों पर पत्रिका प्रारूप में कहानियां भी ले जाता था। १ ९ ० और १ ९ s० के दशक में ऐसे कई पात्रों के खिलने को देखा गया। प्रत्येक मधु मुस्कान मुद्दों के तहत लघु कॉमिक्स श्रृंखला प्रकाशित की गई:

डैडी जी - दादाजी लगभग 25 वर्षों तक मधु मुस्कान में दिखाई दिए।  मधु मस्कन में डैडी जी सबसे लोकप्रिय और प्रमुख पात्र थे। वह मधु मुस्कान के हर अंक के कवर पर चित्रित किया करते थे। दादाजी के निर्माता हरीश एम सूदन कहते हैं, "हर कोई अपने-अपने पिता की तरह खुद को एक पात्र के रूप में टक्कर देता है, जैसा कि हर परिवार में मौजूद है।" ", भूखंडों के लिए, मुझे दूर से देखने की ज़रूरत नहीं थी, हर दिन के बाद से, हमारे परिवार में एक स्थिति थी जो विचारों के लिए एक चिंगारी प्रदान करती थी," वे कहते हैं। परिवार के संबंध को और आगे ले जाते हुए, सूडान ने अपनी बेटी योयो और कुत्ते भोबो का नाम डैडीजी के बेटे, जोजो के साथ गाया - कॉमिक में एक महत्वपूर्ण पात्र और अक्सर ददेजी की भविष्यवाणी का स्रोत। वह एक हास्य पात्र थे, जो बाद में मनोज कॉमिक्स में 'अंकल चार्ली' के नाम से प्रसिद्ध हास्य लेखक के रूप में दिखाई दिए। साथ ही, उसके मालिक मलिक साहब थे।

बबलू - बबलू एक किशोर जासूस (कभी-कभी एक बच्चा जासूस) था। अक्सर इस तरह की कहानियों के साथ, वह पुलिस अधीक्षक के रूप में पुलिस में एक चाचा है। जो हमेशा रहस्यों को सुलझाने और अपराधियों को गिरफ्तार करने में उनकी मदद लेते हैं। वह एक लोकप्रिय चरित्र था और वह मधु मुस्कान के हर मुद्दे में भी दिखाई दिया।

 पोपट-चौपट - पोपट-चौपट बीमार थे (किस्मत के मारे) कॉमिक जोड़ी, जो हमेशा पैसे की समस्या या दूसरों से घिरे रहते हैं। वहाँ दयनीय स्थिति कॉमिक्स में मज़ेदार और हास्य का तत्व पैदा करती है।
Sustram-Chustram - जैसा कि नाम का तात्पर्य है, फिर भी एक और कॉमिक जोड़ी हर समय समस्याओं से घिरी रहती है। जबकि चस्ट्राम हमेशा ऊर्जावान यानी चस्ट से अधिक होता है, 'सुस्ट्राम' सबसे आलसी व्यक्ति था। अपने व्यवहार के कारण वह हमेशा चूड़ामन द्वारा पीटा जाता था।

भूतनाथ और जदुई तुलिका - भूतनाथ एक भूत था यानी एक भूत था जिसके पास 'तुलसी' नामक जादुई पेंट ब्रश था। 'तूलिका ’हमेशा अपने गुरु को खुश करना चाहती थी और अपनी इच्छा को पूरा करने की कोशिश करती थी लेकिन हर एपिसोड में, तुलिका द्वारा भूतनाथ को खुश करने के वास्तविक प्रयासों के बावजूद, वह हमेशा एक हास्य तरीके से मुसीबत में समाप्त हो जाती थी। वे मधु मुस्कान के लोकप्रिय पात्रों में से एक थे।
मिन्नी एक छोटी लड़की का किरदार था जिसे आप प्राण की पिंकी से पहचान सकते हैं। बहुत चालाक, शरारती और मददगार छोटी लड़की।
मंगलू मदारी और बंदर बिहारी

डाकू पान सिंह - एक मज़ेदार प्यार, खतरे से भरा प्यार, पान चबाने वाला डाकू पान सिंह जब पान खाता था तो उसे सुपर-इंसानी ताकत मिलती थी। पान के भरोसेमंद साइड-किक सुपारी लाल सेकंड के एक मामले में कोड़ा मार सकता है। डाकू पान सिंह के पास दुश्मनों की एक भीड़ थी जो उसने लड़ाई लड़ी, कुछ और यादगार थे, मैडम मोटालो (एक मोटी महिला जो खुद को उछलती गेंद में बदल सकती थी और सब कुछ देखती है, जिस पर वह उछलती है), सर्पा सोह (एक साँप आदमी जो नियंत्रित करता है) सांप), चेन्कु (वह ज्यादातर चीजों को छींक सकता है, बशर्ते वह अपनी नाक में थोड़ी मिर्च डाले) और जादुगर झुंडू (एक दुष्ट जादूगर)। लेखक मुरली सुंदरम, एक कलाकार, मूर्तिकार, कार्टूनिस्ट और लेखक थे।
Filmi रिपोर्टर कलामदास - बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्रियों के एक रिपोर्टर, उनका काम विभिन्न फिल्म सितारों के साक्षात्कार लेना था। सभी फ़िल्मी सितारे कॉमिक नामों से आते हैं और हमेशा मूर्ख और मज़ेदार होते हैं। EX राजेश खन्ना (गन्ना) राजेश खन्ना की जगह, सैंकी (माणिक) पांडे की जगह चुन्नी पांडे, रेखा (लिखित) की जगह रेखा वगैरह। कलामदास लोकप्रिय मजाकिया चरित्र था।
चंद्रू
जसोक चक्रम और चिरकुट (उनका कुत्ता)
भरत कुमार
आकाशवीर शक्तिमान
जसो दलदा
कॉमिक्स प्रकाशन
मधु मुस्कान में उनके कॉमिक किरदारों की लोकप्रियता को देखने के बाद, उनके प्रकाशकों ने पूर्ण-कॉमिक्स का प्रकाशन शुरू किया। उन्होंने ' मुधु मुस्कान कॉमिक्स' नाम से शुरुआत की, जिसके तहत उन्होंने 'बबलू', 'डाकू पान सिंह', 'चंद्रू', 'पोपट-चौपट' और अन्य मधु मुस्कान पात्रों के कई मुद्दों को जारी किया। वे ' त्रिशूल कॉमिक्स' नामक एक और प्रकाशन के साथ सामने आए, जिसमें 'भारत कुमार', 'इंस्पेक्टर आज़ाद', इत्यादि जैसे पात्र शामिल थे। उन्होंने ' गोवर्स कॉमिक्स' नाम से एक और प्रकाशन शुरू किया, जिसके तहत उन्होंने प्रसिद्ध विदेशी शीर्षक प्रकाशित किए। हिंदी। 'गोवर्सन कॉमिक्स' में ' एस्टेरिक्स ',  ' द फेमस फाइव ',  ' लकी ल्यूक ' और 'खलीफा हारून-अल- पाशा और इग्नोगॉड ' के शीर्षक हैं ।

कॉमिक्स की दुनिया में जोड़ियों की सफलता का अध्य्यन

आपने काफी कॉमिक्स पब्लिकेशन में जोड़ियों का नाम तो सुना ही  होगा,जिनमे राम-रहीम , अग्निपुत्र - अभय,मोटू-पतलू, लम्बू-मोटू ,छोटू - लम्बू,मोटू - छोटू,अंडेराम - डंडेराम,आल्तुराम - फाल्तुराम,मंगलू मदारी - बंदर बिहारी,मामा - भांजा,राजन - इकबाल,चाचा -भतीजा ,क्रुक बांड -मोटू ,नागराज -सुपर कमांडो  ध्रुव ,ताऊजी-रुमझुम,कोबी - भेड़िया,फाइटर टोड्स,हंटर शार्क फोर्स,अमर - अकबर,अकडू जी - झगडू जी,अकडू जी - झगडू जी,अमर - रहीम - टिंगू,मशीनी लाल - अफीमी लाल,मनकू - झनकू, सागर - सलीम, विनोद - हामिद ,राम - बलराम,राजा - जानी,विनोद - हनीफ,शंकर -अली  आदि। 


या यु कहिए कि हर एक कॉमिक्स करैक्टर के साथ उसका सहायक रहता था,जो हीरो के बराबर या कम  होता था,जब कही हीरो फस जाता था तो उसका सहायक ही उसको वहां से निकालने  में मदद करता था.

सुधीर भाई का स्टीकर कलेक्शन -AWESOME