या यु कहिए कि हर एक कॉमिक्स करैक्टर के साथ उसका सहायक रहता था,जो हीरो के बराबर या कम होता था,जब कही हीरो फस जाता था तो उसका सहायक ही उसको वहां से निकालने में मदद करता था.
हिन्दी कॉमिक्स इंडस्ट्रीज--यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है वह मेरी अपनी नहीं है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर आपको कोई परेशानी हो तो मुझे अवगत कराये.उस लेख को तुरंत हटा दिया जाएगा. मेरा उद्देश सिर्फ लोगो तक जानकारी पहुचाना है. अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। कॉमिक्स को खरीदिए, और कॉमिक्स इंडस्ट्री को सुरक्षित करें।
Saturday, 5 November 2022
कॉमिक्स की दुनिया में जोड़ियों की सफलता का अध्य्यन
या यु कहिए कि हर एक कॉमिक्स करैक्टर के साथ उसका सहायक रहता था,जो हीरो के बराबर या कम होता था,जब कही हीरो फस जाता था तो उसका सहायक ही उसको वहां से निकालने में मदद करता था.
Saturday, 15 October 2022
नागराज के सभी versions के बारे में जानकारी-पोस्ट संदीप अगरवाल की कलम से
जो भी मित्र राज कॉमिक्स से काफी लम्बे अंतराल के बाद जुड़े हैं वे अक्सर ग्रुप में नागराज के बारे में कई सवाल करते हैं। शायद नागराज के अलग अलग version होने के कारण आपको कहानियों को समझने में समस्या होती होगी। आप सब की सुविधा के लिए मैं यहाँ नागराज के सभी versions के बारे में जानकारी दे रहा हूँ।
अभी राज कॉमिक्स में मुख्यतः तीन अलग अलग नागराज हैं:
- विश्वरक्षक नागराज
- आतंकहर्ता नागराज
- नरक नाशक नागराज
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विश्वरक्षक नागराज और आतंकहर्ता नागराज
नागराज की शुरुवाती कॉमिक्स में हम पढ़ चुके हैं कि नागमणी से आज़ाद होने के बाद नागराज विश्व भ्रमण पर रहता था (पढ़ें नागराज की प्रथम कॉमिक्स “नागराज“ से लेकर "नागराज और पापराज")। राज कॉमिक्स द्वारा हाल ही में प्रकाशित की जा रही "नाग प्रलय" और "प्रलय का देवता" कॉमिक्स भी नागराज की इन्ही शुरुवाती कहानियों का हिस्सा है। इसे कई लोग क्लासिक नागराज भी कहते हैं।
इनके बाद आती है "विजेता नागराज" और "विसर्पी की शादी" की कहानी जहाँ नागराज और विसर्पी की शादी होते होते रह जाती है। लेकिन इसके साथ एक और घटना भी होती है। इस कहानी के बाद समयधारा दो टुकड़ों में बट जाती है।
एक समयधारा में नागराज अपने अतीत की तलाश करता है और फिर महानगर में बस जाता है। यह नागराज "विश्वरक्षक नागराज" के नाम से जाना जाता है।
इस विश्वरक्षक नागराज की कई कॉमिक्स हम 90s से पढ़ते आ रहें हैं - "क्राइम किंग" से लेकर "ड्रैगन किंग" तक। इन में कई फेमस मल्टीस्टारर कॉमिक्स भी शामिल हैं जैसे "प्रलय", "विनाश", "कोहराम", "जलजला" इत्यादि।
दूसरी समयधारा में नागराज आतंक के खात्मे के लिए अपना विश्वभ्रमण जारी रखता है। यह नागराज "आतंकहर्ता" नागराज के नाम से जाना गया। पाठकों की डिमांड पर इस नागराज को वर्ष 2007 में "हरी मौत" कॉमिक्स से री-इंट्रोड्यूस किया गया। आप यह मान सकते हैं की इस समयधारा में "विसर्पी की शादी" कॉमिक्स के बाद इस नागराज की अगली कॉमिक्स "हरी मौत" थी।
इसके बाद आतंकहर्ता नागराज की कई कॉमिक्स आ चुकी हैं (पूरी लिस्ट पोस्ट के अंत में दी गयी है।)
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समयधारा के दो टुकड़े क्यूँ हुए और दो अलग अलग नागराज क्यूँ बने - इस कहानी को समझने के लिए यह सीरीज पढ़ें:
नागराज इन जर्मनी (RCSG द्वारा हाल ही में रीप्रिंट की गयी है):
- ऑर्डर ऑफ बेबल
- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर
- वर्ल्ड वॉर
- वीरगती
क्षतिपूर्ति सीरीज:
- क्षतिपूर्ति
- मौत का बाज़ीगर
- विषपरस्त
- विषहर्ता (yet to be released)
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नरक नाशक नागराज
यह एक अलग आयाम का नागराज है जिसकी कहानी मुख्य नागराज से थोड़ी मिलती जुलती है लेकिन इस आयाम में कई किरदार और घटनाएँ काफी अलग हैं। उदाहरण के लिए - इस आयाम में सौडांगी, शीतनाग और नागु नहीं हैं। लेकिन नागराज का साथ देने के लिए तीन नागिन अग्निका, शीतिका और तक्षिका मौजूद हैं। साथ ही नागराज के पास सर्पट नाम का उड़ने वाला सर्प है जिसे वह सवारी के लिए भी काम में लेता है। साथ ही इस नागराज का लुक भी थोड़ा अलग है - यह जैकेट और पेंट पहनता है।
नरक नाशक नागराज के बारे में अधिक जानकारी के लिये निम्न कॉमिक्स पढ़ें जो हाल ही में RCSG द्वारा रीप्रिंट की गयी हैं (नरक नाशक नागराज के कॉमिक्स की पूरी लिस्ट पोस्ट के अंत में दी गयी है)।:
तक्षक सीरीज:
- मकबरा
- तक्षक
नरक नाशक नागराज उत्पत्ति सीरीज:
- नरक नाशक
- नरक दंश
- नरक नियती
- नरक आहुति
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आतंकहर्ता नागराज - कॉमिक्स की लिस्ट:
(लगभग सभी कॉमिक्स हाल ही में RCSG द्वारा रीप्रिंट की गयी हैं)
- हरी मौत (मेक्सिको)
- जहरीला बारूद (अमेरिका)
- माम्बर (स्पेन सीरीज)
- न्यूमेरो अनो (स्पेन सीरीज)
- ऑपरेशन सर्जरी (इंग्लैंड सीरीज)
- मिशन क्रिटिकल (इंग्लैंड सीरीज)
- तीन सिक्के (इटली सीरीज)
- जंग मौत तक (इटली सीरीज)
- नागराज अंडर अरेस्ट (इटली सीरीज)
- ओमर्टा (इटली सीरीज)
- आँख मिचौली (इटली सीरीज)
- पाँचवा शिकार (इटली सीरीज)
- 26-11 (नागराज और डोगा)
- रोनिन (जापान सीरीज)
- कामिकाजे (जापान सीरीज)
- टोमो (जापान सीरीज)
- शिकाता गा नई (जापान सीरीज)
- I SPY (नागराज और तिरंगा)
- ऑर्डर ऑफ बेबल (जर्मनी सीरीज)
- न्यू वर्ल्ड ऑर्डर (जर्मनी सीरीज)
- वर्ल्ड वॉर (जर्मनी सीरीज)
- वीरगती (जर्मनी सीरीज)
- क्षतिपूर्ति (क्षतिपूर्ति सीरीज)
- मौत का बाज़ीगर (क्षतिपूर्ति सीरीज)
- विषपरस्त (क्षतिपूर्ति सीरीज)
- विषहर्ता (क्षतिपूर्ति सीरीज - yet to be released)
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नरक नाशक नागराज - कॉमिक्स की लिस्ट:
(सभी कॉमिक्स हाल ही में RCSG द्वारा रीप्रिंट / प्रकाशित की गयी हैं)
- हल्ला बोल
- अभिशप्त
- आदमखोर
- इन्फेक्टेड (मृत्युजीवी सीरीज)
- मृत्युजीवी (मृत्युजीवी सीरीज)
- मकबरा (तक्षक सीरीज)
- तक्षक (तक्षक सीरीज)
- नरक नाशक (उत्पत्ति सीरीज)
- नरक दंश (उत्पत्ति सीरीज)
- नरक नियती (उत्पत्ति सीरीज)
- नरक आहुति (उत्पत्ति सीरीज)
- आदि पर्व (नागग्रंथ सीरीज – new comics – on pre order)
- नाग पर्व (नागग्रंथ सीरीज – upcoming)
Sunday, 2 October 2022
हिमांशु जोशी की कलम से
बाएं से दाएं कार्टूनिस्ट परिचय!
प्रथम पंक्ति:-
(1) स्व.श्री प्राण कुमार शर्मा जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- "कार्टूनिस्ट प्राण!"
चित्रित प्रमुख किरदार :- चाचा चौधरी, बिल्लु, पिंकी, रमन!
अन्य किरदार:- श्रीमती जी, पल्टू, दाबू, अंकुर, जाब़ व अन्य!
(2) स्व.श्री राम वाईरकर जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- राम वाईरकर!
प्रमुख किरदार :- सुपंडी, कालिया कौआ!
अन्य किरदार:- गंगाराम टल्ली, अन्य मनोज चित्रकथा, अमर चित्रकथा, तुलसी व अनेकों भारतीय चित्रकथाओं में अद्वितीय योगदान!
(3) नीरद जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- नीरद!
प्रमुख किरदार:- नटखट नीटू, मीकू!
अन्य किरदार:- डायमंड कॉमिक्स में, राजन इकबाल की आनेक किरदारों की अनेक चित्रकथाओं में चित्रांकन!
द्वितीय पंक्ति:-
बांए से दाएं
(1) हरविंद्र मांकड़ जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- हरविंद्र मांकड़!
मुख्य किरदार :- लोटपोट के लिए मोटु-पतलू, घसीटा व डॉ. झटका की अनेक चित्कथाओं की पटकथा व चित्रांकन इन्हीं के द्वारा किया गया!
अन्य किरदार:- जुडो़ क्वीन राधा व तुलसी, मनोज एवं अन्य कईं भारतीय कॉमिक्स जगत की कईं नामचीन चित्रकथाओं व पत्रिकाओं में अपनी पटकथा व चित्रांकन द्वारा एक अभूतपूर्व योगदान!
(2) स्व.श्री प्रदीप साठे जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- प्रदीप साठे!
मुख्य किरदार:- कालिया कौआ, अंगारा! व वन्य प्राणी व पशु-पक्षी के बेजोड़ चित्रांकन में माहिर!
अन्य किरदार:- गमराज की कुछ चित्रकथाओं के लिए चित्रांकन!
(3):- विनोद भाटिया जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- विनोद भाटिया!
मुख्य किरदार:- मोटु-छोटू (डायमंड कॉमिक्स) चैरी बॉबी व टफी! ( राज किड्स कॉमिक्स)!
अन्य किरदार :- राजन इकबाल की कई चित्रकथाओं में चित्रांकन! व अन्य कई नामचीन चित्रकथाओं व पत्रकाओं में अनेक चित्रकथाओं द्वारा अद्वितीय योगदान!
तृतीय पंक्ति:-
बाएं से दाएं, कार्टूनिस्ट परिचय!
(1):- आबिद सुरती जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- "सुरती"!
मुख्य किरदार:- ढब्बू जी(डायमंड कॉमिक्स)!
अन्य किरदार:- डायमंड कॉमिक्स व अन्य नमचीन पत्रकाओं में कईं रचनाएं!
(2) हरीश एम. सूदन जी!
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- हरिश एम. सूदन!
मुख्य किरदार :- डैडी जी! ( मधु मुस्कान), अंकल चार्ली (मनोज कॉमिक्स)!
अन्य किरदार:- मधु मुस्कान जैसी नामचीन पत्रिका में कईं रचनाए! व भूरी भैंस, यरकू यादव जैसे कईं गुदगुदाते किरदार के रचनाकार व "मर जावां कुक्कड़ खाकें व गोंद कतीरा लपेट के" आदि कईं गुदगदाते डॉयलॉग!
(3):- स्व.श्री कृपाशंकर भारद्वाज जी! (तस्वीर उपलब्ध नहीं हैं)
कॉमिक्स जगत में प्रचलित नाम:- भारद्वाज!
मुख्य किरदार :- मोटू-पतलू, डॉ़ झटका व घसीटाराम जैसे प्रसिद्ध भारतीय किरदार के रचनाकार व उनकी कईं कहानियों का चित्रांकन व उनके पटकथा लेखक!
अन्य किरदार:- सुखीराम-दुखीराम, पिद्दी पहलवान! व अनेक नामचीन प्रकाशन जैसे:- पवन, नूतन, पिटारा इत्यादि में अपने अनेक गुदगदाते किरदार व रचनाएं!
किसी मित्र के पास भारतीय कॉमिक्स जगत के इन निम्न कार्टूनिस्टों में से किन्हीं भी कार्टूनिस्टों का कोई, व्यक्ति विशेष लेख हो तो उसे इनबॉक्स या इसी ग्रुप में साझा करें!
फोटो के अतिरिक्त भी कईं महान कार्टूनिस्ट हैं जैसे:- सुखवंत कलसी जी, व शेहाब जी व अन्य कोई भी जो आपको याद हो उनके भी पात्र परिचय अगली पोस्ट में जरूऱ होगा!.....
इन भारतीय कॉमिक्स जगत के महान कार्टूनिस्टों का मैं फोटो कॉलेज में फोटो एड करना भूल गया या 9 कार्टूनिस्ट पूरे होने की वजह से उनको Photo Collage में Add नहीं कर पाया! उन में से भी किसी भी कार्टूनिस्ट का व्यक्ति विशेष लेख हो तो मुझे Inbox या ग्रुप में पोस्ट करें! धन्यवाद!💐
Thursday, 15 September 2022
बांकेलाल VS नागराज
बांकेलाल vs नागराज
1. बांकेलाल का जन्म देवों के देव महादेव के आशीर्वाद से हुआ। नागराज का जन्म एक छूटभैये देवता कालजयी के आशीर्वाद से हुआ।
2. दोनों की मां ईष्ट देव की बड़ी भक्तन थी।
3. दोनों को ईष्ट देव के क्रोध का भाजन बनना पड़ा जिसका प्रभाव बाद में कम कर दिया गया।
4. नागराज को स्वर्ग में कोई नहीं जानता था, नागराज तो छोड़ो कालजयी को भी देवता ठीक से नहीं जानते, न ही उन्हें कोई विभाग मिला है। बांकेलाल की मदद लेने के लिए देवऋषि खुद इन्द्र को सलाह देते हैं।
5. नागराज को राजा का पुत्र होने की वजह से खजाना मिला है, बांकेलाल पुरुषार्थ में यकीन करता है, कितनी ही बार खजाना मिला और दान कर दिया।
6. नागराज की लाइफ सेट है फिर भी गंभीर रहता है, बांकेलाल की किस्मत फूटी है फिर भी ही ही करता है।
7. दोनों के गैर परंपरागत विधि से पुत्र हुए हैं, जो अपनी मां के साथ ही रहते हैं।
8. थोड़ी सी अतिरिक्त शक्ति धारण करने के लिए नागराज 4 फ्रेम का ड्रामा करता है। बांकेलाल भगवान विष्णु की शक्तियां तक धारण कर चुका है।
मेरी जर्नी का शुरुआती चरण-3
अपनी पिछली पोस्ट मे मैने बताया था कि कामिक्सो से मेरा परिचय कैसे हुआ। इस पोस्ट मे बात करेंगे कामिक्सो के साथ मेरे सफर के शुरुआती दौर की।

Saturday, 2 July 2022
जितेश तलवानी की कलम से
समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ इस हफ्ते जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम!
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि COTW कॉमिक्स दुनिया का हंसी ठिठोली का फेवरिट अड्डा बन गया है। COTW से आप लोगों का प्यार इतना है कि उसमें प्रयोग की गई चीजों को लोग सामान्य बोलचाल में प्रयोग करने लगे हैं।
उदाहरण के तौर पर, जिस हफ्ते कॉमिक्स जगत के खेमों में बंटने की बात की गई, उस दिन के बाद खेमा शब्द सब लोगों का पसन्दीदा शब्द हो गया है और लोग आपसी बोलचाल में खुलकर सामने वाले को खेमेबाज कहने लगे हैं।
हालांकि कुछ लोगों को भले लगता हो कि COTW कोई नहीं पढ़ता, लेकिन अब ऐसे आलमे-वहम का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं था!
इसलिए हंसते खेलते रहिए, भसड़ करते रहिए और COTW को इसी तरह प्यार देते रहिए।
तो आइये, देखें क्या हुआ इस हफ्ते अलग-2 खेमों में:
1. अंततः RCMCG की तरफ से उनके द्वारा लिए गए प्री-ऑर्डर की अपडेट आयी जब उनके सर्वेसर्वा श्री मनीष गुप्ता जी ने बताया कि कॉमिक्स छपने में समय इसलिए लग रहा है क्यूंकि वो पुरानी कॉमिक्सों में हो चुकी गलतियां, जिनमें से कई कॉमिक्स के संपादक तो वो खुद ही थे उनकी रिलीज के वक़्त, सुधार रहे हैं और अपनी इस बात को संबल देने के लिए उन्होंने कुछ "बिफोर- आफ्टर" वाली तस्वीरें भी साझा कीं, जिन्हें देखकर कॉमिक्स जनता को लगा कि उनके साथ "ढूंढो तो जानें" वाला खेला हुआ है।
बड़ी मुश्किल से एक बदलाव समझ आया वो ये कि एक कॉमिक्स के हर फ्रेम में अदरक चाचा की चड्डी का रंग अब एक जैसा ही था, जबकि पहले वाली कॉमिक्स में उस चड्डी का रंग फ्रेम दर फ्रेम बदल रहा था!
हालांकि कुछ लोग खुश थे कि अब की बार वो कॉमिक्स पढ़ते हुए उन्हें उस चड्डी के रंग बदलने से होने वाली कुंठा नहीं होगी, लेकिन उन लोगों का क्या जिनको रीप्रिंट्स खरीदने ही इसलिए होते हैं क्यूंकि उन्हें सब कुछ पहले जैसा चाहिये होता है, भले वो अदरक चाचा की चड्डी का बदलता हुआ रंग ही क्यूँ ना हो?
2. COTW का प्रभाव ऐसा हो चुका है कि उसमें लिखे हुए को वो सब नोटिस करते हैं जिनके बारे में लिखा जाता है।
अब जैसे पिछले हफ्ते ही COTW में इस ओर इशारा किया गया था कि RCMCG में सारा काम का दबाव उनके सर्वेसर्वा श्री मनीष गुप्ता के कँधों पर ही आ गया है और उनकी एड्मिन टीम कुछ खास काम नहीं करती और अक्सर उनकी अपडेट्स गलत ही साबित होती हैं, जिसके फलस्वरूप कॉमिक्स जनता परेशान होती है और देखिए, इस हफ्ते मनीष जी ने RCMCG के फेसबुक ग्रुप से सभी निष्क्रिय एड्मिन को बाहर कर दिया है और नयी एड्मिन टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके लिए कॉमिक्स जनता से भी आवदेन मांगे गए हैं। आशा है कि पुराने रीप्रिंट्स के ऑर्डरों की डिलीवरी से पहले RCMCG की नयी सोशल मीडिया टीम का गठन हो जाएगा!
3. इस हफ्ते रिलीज हुई RCSG की दो नयी कॉमिक्स, नागप्रलोप और मृत्युरथी और जैसे ही कॉमिक्स दुनिया के बाशिंदों के पास मृत्युरथी पहुंची, चाहे हार्ड कॉपी या ई-कॉपी, उनका भोकाल की सालों बाद आयी नयी कॉमिक्स को लेकर जो उत्साह था, वो कॉमिक्स के आर्टवर्क को देखकर हो गया आलोप और सबने एक ही सुर में कहा, ई का बवासीर बना दिए हो?
खूब लानत-मलानत हुई आर्टिस्ट की, संपादक की, RCSG की और RCSG की गुणवत्ता के दावे की सरेआम धज्जियाँ उड़ गयीं और किसी मुद्दे पर इतनी एकता कॉमिक्स जगत में काफी वक़्त बाद दिखी थी!
लेकिन जब आलोचना करने वाले कुछ लोगों ने कॉमिक्स की आड़ में आर्टिस्ट और प्रकाशक पर अनर्गल व्यक्तिगत आक्षेप लगाने शुरू किए और आर्टिस्ट की व्यक्तिगत समस्या के बारे में बताए जाने के बावजूद यहॉं तक कह दिया कि जब बस का नहीं है तो फिर छोड़ दें आर्ट बनाना, तब कॉमिक्स जनता के कुछ लोगों को बहुत गलत लगा और कॉमिक्स जनता फिर से दो खेमों में बंट गयी और बात कॉमिक्स के खराब होने से हटकर कॉमिक्स जनता के बाशिंदों के बीच आपसी सर-फुटव्वल में तब्दील हो गई और लोगों ने एक दूसरे को भावुकता के आवेश में खूब सारी अशोभनीय बातें कहीं!
देश की सरकारें शुक्र मनायें कि इतने भावुक लोग अपना सारा आवेश कॉमिक्स दुनिया के मुद्दों में ही निकाल देते हैं वर्ना कहीं अगर ये लोग अपनी सरकारों के काम की समीक्षा इस तरह करना शुरू हो जायें तो क्या होगा उनका?
4. मृत्युरथी के आर्टवर्क पर मचे इस हंगामे के बाद RCSG के सर्वेसर्वा श्री संजय गुप्ता जी ने किया एक फ़ेसबुक लाइव और शुरू करते ही मुझे सबके सामने ये वादा किया कि वो मुझे अपने इस कॉलम के लिए कुछ मसाला देके जाएंगे लेकिन जैसे प्रलय का देवता 2 भाग में नहीं आयी, वैसे ही उनसे मसाला नहीं आ पाया!
उस फेसबुक लाइव में उन्होंने मृत्युरथी कॉमिक्स दिखाकर ये बताया कि वो उस सीरीज की आगे आने वाली कॉमिक्सें भी उसके आर्टिस्ट ललित जी से ही बनवाएंगे क्यूंकि उनके उनपर पूरा ऐतबार है और साथ ही साथ कॉमिक्स जनता को एक संदेश भी दे दिया कि ललित जी के आर्टवर्क वाली मृत्युरथी के अगले भाग लेने हैं तो लेना, वर्ना मत लेना!
हालांकि जो मृत्युरथी की कॉपी उन्होंने दिखाई उसके पन्ने निकल रहे थे और इससे पहले कि कॉमिक्स जनता "ऊंची दुकान, फीका पकवान" के नारे लगाना शुरू करती, संजय जी ने साफ कर दिया कि उनके पास वो डमी कॉपी थी, जिससे एक सवाल और उठ खड़ा हुआ.. क्या मृत्युरथी भी शक्तिरूपा की तर्ज पर RCSG से आउट ऑफ स्टॉक हो चुकी है?
5. इस हफ्ते घोषणा हुई सर्वनायक सीरीज के अगले भाग सर्वआयुध की RCMG की तरफ से जिसके बाद उन्हें सलाह दी गई कि इससे अच्छा नाम सर्व"आयुष" होता, हालांकि वो माने नहीं लेकिन क्या मालूम कि आगे आने वाले किसी भाग का नाम सच में सर्व"आयुष" ही हो?
खैर, जब RCMG ने सर्वआयुध लाने की घोषणा कर दी तो RCSG ने भी कर दी (पता नहीं कब खून खौलेगा रे तेरा RCMCG) और RCSG ने दिखाया सर्व आयुध का एक नया कवर डिजाइन, जिसे देखकर संपोले लहालोट हो उठे और कैडेट मंडली के सीने पर साँप लोट उठे क्यूंकि कवर पर हर तरफ सिर्फ नागराज की परछाई उसका सुपुत्र नागीश ही था और कहीं भी कुछ भी नीला पीला नजर नहीं आया!
लेकिन असली मार तब हुई जब कुछ छद्म कैडेटों ने ये अफवाह फैलाई कि वो कवर भी स्पाइडरमैन की किसी कॉमिक्स के कवर से चोरी किया गया है लेकिन फिर जब कैडेट्स को समझाया गया कि जिनके खुद के घर शीशे के हों, उन्हें हमेशा लाइट बंद करके कपड़े बदलने चाहिए, तब वो जाके थोड़ा शांत हुए!
लेकिन असली खामियाजा भुगतना पड़ा भाई Amit Kumar को, जिन्होंने इस मुद्दे को एक व्यंग्य के जरिए रखने की कोशिश की ब्रह्मांड के सबसे बड़े कॉमिक्स ग्रुप पर जिसके अनुसार RCSG ने सर्व आयुध के कवर के लिए मार्वल वालों से बाकायदा अनुमति ली है लेकिन क्यूंकि वहां के सेलेब्रिटी एड्मिन को व्यंग्य समझ नहीं आते( जो कि अच्छी बात ही है उनके नजरिए से) तो उन्होंने Amit Kumar जी को अल्टीमेटम दे दिया कि या तो वो RCSG और मार्वल वालों के बीच उस कवर डिजाइन को प्रयोग करने हेतु हुए अनुबन्ध की कॉपी लाएँ अन्यथा उनको निकाल दिया जाएगा.. अब क्यूंकि आज वहाँ Amit Kumar भाई नहीं हैं इसलिए अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि क्या हुआ होगा!
ये बातें देखकर बस यही लोकोक्ति याद आती है कि सीख ना दीजै बांदरा, घर बया को जाय।।
6. आप में से कई लोग इस बात को जानते होंगे कि भारत में कॉर्पोरेट सेक्टर में एक कार्यसंस्कृति काफी पायी जाती है, जिसमें कुछ कर्मचारी काम कम करते हैं लेकिन दिखावा ज़्यादा करते हैं और 2 घण्टे का काम भले 10 घण्टे में खत्म करेंगे, लेकिन ईमेल डालेंगे देर रात को, ताकि अपना प्रभाव दिखा सकें कि कितनी देर तक काम करते हैं!
लगभग वैसा ही कुछ कुछ किया इस हफ्ते RCMG ने, जब 4 महीने से अधिक अन्तराल गुजर जाने के बाद उन्होंने सर्व नायक के रीप्रिंट्स और कुछ और रुके हुए रीप्रिंट्स की डिलीवरी भेजना शुरू की और अपनी पीठ थपथपाई कि देखो हमने 50 से ज़्यादा कॉमिक्स इकट्ठी निकाल दीं, बिना ये सोचे कि प्री-ऑर्डर लगाने वाले लोग उन रीप्रिंट्स का कब से बेसब्री से इंतजार कर रहे थे!
RCMCG वाले तो चलो फिर भी रीप्रिंट्स वाली कॉमिक्सों में कच्छों का रंग बदल रहे हैं इस वजह से उनको देरी हो रही है लेकिन RCMG ने तो ये काम भी नहीं करना था, उनको इतनी देरी क्यूँ लग गई?
कॉमिक्स जनता में इस बात पर भी भारी आक्रोश है कि जिस प्रेमग्रंथ के वादे के नाम पर शक्तिरुपा जैसी आधी अधूरी कॉमिक्स उनको चिपकाई गई थी, आज आधा 2022 गुजरने के बाद भी उसका कुछ अता-पता नहीं है.. अरे कम से कम प्रेमग्रंथ का प्री-ऑर्डर ही लगा लेते, तो कैडेट समाज उम्मीद के सहारे ही जी लेता!
लेकिन प्रेमग्रंथ के लिए हल्ला काटने वालों से मेरा यही कहना है कि थोड़ा सब्र और करें क्यूंकि लेखक महोदय को अब RCMG खेमे वाली सर्वनायक भी पूरी करवानी है और इसके लिए उनको "बहुत कुछ पढ़ना" होगा , इसलिए थोड़ा सब्र रखें!
7. जैसा कि हम जानते हैं कि कॉमिक्स जगत की वीरान गली यानी हैलो बुक माइन के फेसबुक ग्रुप में कोई भी कॉमिक्स जगत का अनुभवी बाशिंदा जाकर राजी नहीं है क्यूंकि जिस सेलर के पास कोई कॉमिक्स ही नहीं है बेचने को, उस ग्रुप में कॉमिक्स प्रेमी जाकर लूडो खेलने के लिए थोड़े ना जुड़ेगा लेकिन इस हफ्ते इस ग्रुप में जुड़े एक नए सदस्य, जो कि कुछ समय पहले ही कॉमिक्स की दुनिया में वापसी आए हैं और जानकारी के लिए अलग-2 ग्रुप्स में जा रहे हैं, ने घुसने की कोशिश की हैलो बुक माइन के फेसबुक ग्रुप पर, तो उनको ये कहकर घुसने नहीं दिया गया कि उस ग्रुप में केवल पुरानी और असली ID से ही एंट्री मिलेगी!
अब यहां 2-3 सवाल हैं... कि ID पुरानी है या नहीं, ये किस आधार पर निर्धारित होगा? दूसरा, ये कॉमिक्स ग्रुप चला रहे हैं या मैरिज ब्यूरो? और तीसरा एवं सबसे महत्वपूर्ण सवाल, कौनसी गलतफहमी है इनको अपने बारे में जिसका इनको ऐसा दम्भ है?
क्या मतलब लोगों का पैसा अभी भी फँसाकर रखा हुआ है वॉलेट में?
8. इस हफ्ते एक बड़ी ही अजीब घोषणा हुई कॉमिक्स इंडिया वालों की तरफ से जब उन्होंने अपने आगामी सेट की कॉमिक्सों को समर्पित करने की घोषणा की महान स्वतंत्रता सेनानी श्री चंद्रशेखर 'आज़ाद' को।
अब सवाल ये उठे कि अचानक से ये करने का क्या था क्यूंकि जिन कॉमिक्सों के सेट को आज़ाद जी को समर्पित किया गया है, उनके नाम देखके ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि इनका किसी भी तरह से स्वाधीनता संग्राम से कोई लेना देना है।
जब कॉमिक्स इंडिया वालों से सवाल पूछा भी गया इस बाबत तो उन्होंने बड़ा ही गोलमाल सा जवाब देकर टरका दिया।
लेकिन अगर सूत्रों की मानें तो किसी ने कॉमिक्स इंडिया वालों को सलाह दी है कि जब देशभक्ति की आड़ में टाइलें और पान मसाला तक बेचा जा रहा है तो कॉमिक्सें क्यूँ नहीं बेची जा सकती.. और इसी रणनीति के तहत ये दांव खेला गया है!
देखते हैं क्या इस तरीके से कॉमिक्स की बिक्री बढ़ पाती है?
9. हंगामा है क्यूँ बरपा, शक़्ल ही तो ब्लर की है... बिना रंग के तो नहीं छापा, सीरीज भी आगे बढ़ी हैssss।।
जी हां, मैं बात कर रहा हूं सर्व नायक विस्तार सीरीज की नयी कॉमिक्स प्रकोष्ठ के कैदी की, जिसे रिलीज हुए तो कुछ वक़्त हो गया है लेकिन शायद ई-कॉपी अभी पहुंची है लोगों के पास, इसलिए उसके कुछ पैनलों पर हुए निम्न स्तर के आर्टवर्क पर कॉमिक्स जनता बेहद भड़क उठी है।
कुछ में चेहरे गायब हैं, कुछ में डिटेल गायब लेकिन असली गुस्सा आया है लोगों को महामानव के चित्रण पर जिसको देखकर ऐसा लग रहा है जैसे किसी नाई ने किसी के लंबे बाल रख दिए लेकिन कटोरा कट के बाद!
मतलब महामानव को देखकर कई लोगों ने पूछा कि छोटी बच्ची है क्या? लोगों ने चौतरफा बुराई की है प्रकोष्ठ के कैदी के आर्टवर्क की। बस कुछ लोगों को समस्या इस बात से थी कि ये कॉमिक्स दोनों प्रकाशकों ने क्यूँ निकाली है क्यूंकि आलोचना करने का असली मज़ा तो तब आता जब एक प्रकाशक ही निकालता ये कॉमिक्स..
सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें...
मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!
Thursday, 30 June 2022
साजन चूहान की कलम से
यहाँ उन कॉमिक्स के नाम दिए जा रहे है जिन कॉमिक्स के नाम सर्वनायक में आय है तथा पृष्ठ संख्या जिस पृष्ठ पर ये नाम आये है।
नोट:- अभी मैंने सर्वग्रहण नही पड़ी है और ना ही प्रकोष्ठ के कैदी तो उन कॉमिक्स में जिन कॉमिक्स के नाम आए है बह नाम इस लिस्ट में नही मीलेंग
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
सर्वनायक सम्बन्धित कॉमिक्स श्रृंखला
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अंगारे------सर्वंसंहार----पृष्ठ संख्या 45
रक्तबीज----सर्वमंथन----पृष्ठ संख्या 4
'बहुरूपा, 'भेड़ाक्ष,---सर्वसंधि--पृष्ठ संख्या 9
लघुघाती----सर्वसंधि---पृष्ठ 56
ड्रैकुला का अंत---सर्वसंधि---पृष्ठ 64
खतरनाक व महारानी---सर्वक्रान्ति--पृष्ठ संख्या 56
निशाचर----सर्वशक्ति----पृष्ठ संख्या 3
कोबी और भेड़िया---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या 48
बलिकुठार,वनरक्षक,शापितरक्षक,आहूति---सर्वशक्ति------पृष्ठ संख्या 51
वर्तमान----सर्वशक्ति-----पृष्ठ संख्या 59
विध्वंश,परकाले---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या 66
क्राइम किंग,काल चक्र---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या 88
तिलंगे,मैं हूँ भेड़िया,किंग लूना,रक्तबीज---सर्वशक्ति---पृष्ठ संख्या 89
माया का जादू,दिग्गज---सर्वआगमन--पृष्ठ संख्या13
कुंडली,एलान-ए-जंग---सर्वआगमन--पृष्ठ संख्या85
शापित रक्षक----सर्वव्यूह---पृष्ठ संख्या 56
घोंघा-----सर्वप्रलय---पृष्ठ संख्या 7
केकड़ा-----सर्वप्रलय---पृष्ठ संख्या 19
कलियुग----सर्वप्रलय---पृष्ठ संख्या 66
प्रथम भोकाल श्रृंखला
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प्रथम भोकाल
परी जन्म
देव युद्ध
भोकाल जन्म
महागुरु भोकाल
अंतर्द्वंद श्रृंखला
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धिक्कार
अंतर्द्वंद
आरम्भ श्रृंखला
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आरम्भ
शुर्यान्श
श्रष्टि
स्वर्गपात्र
सर्वनायक श्रृंखला
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युगांधर
सर्वयुगम
सर्वदमन
सर्वसंग्राम
सर्वसंहार
सर्वमंथन
सर्वसंधि
सर्वक्रांति
सर्वशक्ति
सर्वआगमन
सर्वव्यूह
सर्वप्रलय
सर्वरण
सर्वग्रहण
इसी के साथ चलती है सर्वनायक विस्तार श्रृंखला जिससे सम्बन्धित कॉमिक्स है•••
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योद्धा,आक्रमण,बलवा,नरभक्षी,बिजली---मौत का मैराथन----पृष्ठ संख्या। 7
कैंशर-----मौत का मैराथन ----पृष्ठ संख्या 17
संपूर्ण महारावण--मौत का मैराथन---पृष्ठ संख्या 27
बम, आतिशबाज,बारूद का ख़िलाड़ी, हर घर बारूद---मौत का मैराथन----पृष्ठ संख्या। 29
चीख डोगा चीख,लोमड़ी---मौत का मैराथन---पृष्ठ संख्या 33
रात की रानी-----मौत का मैराथन---पृष्ठ संख्या 34
अदृश्य हत्यारा--- मौत का मैराथन---- पृष्ठ संख्या 35
काली विधवा ,खराब कानून और आई लव यू---- मौत का मैराथन----- पृष्ठ संख्या 39
चारमीनार----- मौत का मैराथन---- पृष्ठ संख्या40
नागराज के बाद, फ्यूल, विनोम--- विषपुत्रो का आगमन---- पृष्ठ संख्या 2
सम्मोहन ,सम्राट ,सोडांगी---विषपुत्रो का आगमन---पृष्ठ संख्या 6
विष अमृत---विषपुत्रो का आगमन---पृष्ठ संख्या 7
विध्वंस,परकाले---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या 9
कलियुग,निशाचर, आतंक,दुश्मन नागराज,किरीगीका कहर ,चंडकाल की वापसी,हत्यारा कौन,परकाले,काल श्रृंखला---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या 10
आया चुम्बा,चुम्बा सम्राट---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या। 11
युगांधर---स्वर्ण नगरी की तबाही---पृष्ठ संख्या 45
सर्वनायक विस्तार
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मौत का मैराथन
विषपुत्रो का आगमन
विष क्षेत्र संरक्षणम
स्वर्ण नगरी की तबाही
प्रकोष्ठ के केदी
आने वाले भाग सर्वनायक के
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सर्वआयुध
सर्वसमर
सर्वप्रहार
आने वाले भाग सर्वनायक विस्तार के
रैत का शहनशाह
Friday, 17 June 2022
सुजीत शर्मा की कलम से
भारतवर्ष के कुछ बेहतरीन कॉमिक आर्टिस्ट्स ( मेरी जानकारी के अनुसार ) जिसने हमारे जीवन को अपने सुंदर आर्ट से ख़ुशियों से भर दिया. सभी आर्टिस्ट आदरणीय है ! सभी का एक अपना स्टाइल होता है. हर आर्टिस्ट अपना बेस्ट देने का प्रयास करते है. आर्ट एक ऐसा फ़ील्ड है जहां सुधार की गुंजाइश हमेशा होती है.
1 . स्वर्गीय प्रताप मुलिक- बचपन में मुलिक़ सर का आर्ट मेरा फ़ेवरेट था. आज भी वो मेरे जैसे अनेक आर्टिस्ट के प्रेरणा स्रोत है. नागराज एक सुपर हीरो जो आज भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय सुपर हीरो है, उसको जीवन देने वाले मुलिक़ सर ही थे. उनका आर्ट में यूनिवर्सल अपील थी. सच कहूँ तो उनका आर्ट हर सुपर हीरो पर फ़िट लगता था. करेक्ट एंड बहुत ही इफ़ेक्टिव. उनके बनाए कवर आर्ट एकदम मूवी पोस्टर की तरह लगता था. ख़ूनी खोज, नागराज और बेम-बेम बेग़िलो, मिस्टर 420, कोबरा घाटी, बच्चों के दुश्मन आदि सब के कवर एक से बढ़कर एक थे. नागराज की मोहिनी सूरत और बलिष्ठ शरीर का सृजन उनके ही बस की बात थी. जब मैं नागराज की कॉमिक्स को बचपन में देखता था तो घंटो निहारता ही रह जाता था. ऐसा लगता था की नागराज जीवंत-सा,बोलता-सा, अभी पेज से बाहर निकल आएगा. अगर आपको याद हो तो नागराज की हर कॉमिक्स में मुलिक सर का एक चित्र दिख़ जाता था. बचपन में सोचता था की जब बड़ा होऊँगा तो मुलिक सर से ज़रूर मिलूँगा और पूछूँगा की आपके चित्र इतना जीवंत कैसे लगते है ! उनसे आर्ट सीखूँगा ! लेकिन यह सपना मन में ही रह गया. मैंने उनके नागराज को देखकर नागराज की ख़ूब सारी पेंटिंग्स बनाया करता था.
2. मनु - मनु मेरे दूसरे सबसे फ़ेवरेट आर्टिस्ट रहे है. उनके बनाए डोगा के कॉमिक्स बेहद शानदार रहे है. उनकी आर्ट एकदम स्पस्ट होती है. उनके बनाए चेहरे एक दूसरे से अलग और आसानी से पहचान लिए जाने वाले होते है.
3. दिलीप कदम - अमर चित्र कथा और भोकल के लोकप्रियता में इनके बनाये चित्रों का भी बहुत बड़ा योगदान है. इनका आर्ट सबसे हटकर होता है. पुराने राजा-रानी की कहानियों पर इनके चित्र ख़ूब सुंदर लगते है
4. अनुपम सिन्हा - शुरुआत में इनकी आर्ट मुझे पसंद नहीं आती थी. चेहरा बड़ा और शरीर छोटा लगता था. इनके आर्ट में हर कोई मस्क्युलर ही दिखता था. पर समय के साथ इनके आर्ट में कमाल का सुधार हुआ. सुपर कमांडों ध्रुव की लोकप्रियता में इनके बनाए चित्रों का ही योगदान है.
5. स्वर्गीय धीरज वर्मा - भेड़िया आज सबका चहेता सुपर हीरो है तो उसका श्रेय धीरज सर को है. भेड़िया की ख़ूँख़ारता और जंगल के ख़ूबसूरत दृश्य को धीरज सर बखूबी बनाते थे. उनकी बनायी काइगुला, मौत मेरे अंदर, कोबी और भेड़िया, जंगलिस्तान, आधे इंसान आदि की आर्ट कभी नहीं भूली जा सकती है.
6. हेमंत कुमार - वर्तमान में हेमंत सर मेरे सबसे फ़ेवरेट है. हेमंत सर की आर्ट मुझे बहुत ज्यादा पसंद है क्योंकि
- वो एकदम डायनामिक और पेस से भागती कहानी के अनुसार चित्रांकन करते है.
- बॉडी का प्रोपोर्शनल एकदम परफेक्ट रहता है. ख़ासकर मकबरा कॉमिक्स
के बाद तो वो एक के बाद एक कॉमिक्स में अपनी आर्ट में सुधार करते जा रहे है.
- पिछले कुछ कॉमिक्स से वो फेस बहुत खूबसूरत बना रहे है.
- उनके आर्ट में हर किसी को मस्कुलर नही दिखाया जाता बल्कि करैक्टर के हिसाब से बॉडी होती है.
- मुझे लगता है कि नितिन सर की जबरदस्त कहानियों के साथ हेमंत सर गज़ब का न्याय करते है जो शायद ही कोई दूसरा कर पाये.
- हेमंत सर की आर्ट पुराने जैसे फ्लैट ना होकर 3D फील देती है.
7. दिलदीप सिंह - इनका आर्ट दिन ब दिन बेहद खूबसूरत होता जा रहा है. मनु सर के बाद डोगा को दिलदीप सर ने ही जीवन दिया है.
8. आदिल खान - अनुपम सर की तरह आदिल सर भी चेहरा बहुत ख़ूबसूरत बनाते है. प्रलय का देवता सिरीज़ से इनका आर्ट एक अलग ही लेवल पर है !
9. ललित शर्मा - आतंक़हर्ता सिरीज़ में नागराज का खूबसूरत ऐक्शन पोज़ और कमाल के फ़ाइट सीक्वन्स देखते ही बनते है. उम्मीद है आगे ललित सर का और भी काम देखने को मिलें.
10. ललित सिंह - इनका काम मैंने गुरु भोकल में देखा था. इनका आर्ट तो एकदम सजीव लगता है. बहुत ख़ुशी है कि एक लम्बे अंतराल के बाद वो अपनी कला की छँटा बिखेरने ‘मृत्युरथी’ से वापसी कर रहे है.
Friday, 22 April 2022
हैप्पी बर्थडे ध्रुव
ध्रुव के जन्मदिन पर विशेष
सुपर कमांडो ध्रुव हमेशा से एक ऐसा किरदार रहा है जो लोगों को प्रेरित करता है। एक ऐसा किरदार जिसमें न कोई दैवीय शक्तियाँ हैं न विज्ञान प्रदत क्षमताएं। वह हमेशा से अपनी सूझबूझ, साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति से आने वाले खतरों का मुक़ाबला करता है। एक ऐसा हीरो जो अपने पास किसी तरह का हथियार नहीं रखता। जो आसपास की उपलब्ध चीजों को ही हथियार की तरह इस्तेमाल कर लेता है। इसके बावजूद भी वह कभी किसी अपराधी की जान नहीं लेता।
ध्रुव की यही विशेषताएँ एक आम पाठक को उसकी ओर आकर्षित करता है। पाठक उससे जुड़ाव महसूस करता है और सोचता है कि अगर ध्रुव ये कर सकता है तो वो भी कर सकता है। ध्रुव की इन्हीं विशेषताओं ने मुझे भी उसकी ओर आकर्षित किया है।
वैसे तो ध्रुव की हर गाथा उसका हर कारनामा प्रेरणा का स्त्रोत ही है। परंतु मुझे जो ध्रुव की कहानियों में सबसे ज्यादा आकर्षित करता है वह है उसकी कमांडो फोर्स का गठन।
आमतौर पर एक सुपरहीरो या क्राइम फाइटर अपनी लड़ाई अकेला लड़ना पसंद करता है। या फिर उसके कुछ खास दोस्त या सहयोगी होते हैं जो अपराध के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनका साथ देते हैं। पर ध्रुव इस मामले में उन सबसे अलग है।
हर हीरो की तरह ध्रुव के अपराध उन्मूलन अभियान में उसके कुछ खास दोस्त और सहयोगी भी होते हैं पर ध्रुव की असली ताकत है आम नागरिकों को अपने अभियान का हिस्सा बनाना। और ये वो करता है अपनी कमांडो फोर्स की मदद से। जिसके दरवाजे हर उस नागरिक के लिए खुले हैं जिसके अंदर अपने शहर अपने समाज की सुरक्षा करने का जज्बा है।
हीरो सिर्फ वही नहीं होता है जो अपराधियों को रोके। हीरो वह भी होता है जो अपने समाज को अपराधियों के सामने डट कर खड़ा रहना सिखा दे। और यही ये चीज ध्रुव को बाकी हीरो से अलग करती है।
आप सबकी इस बारे में क्या राय है ये जरूर बताएं। और हाँ
हैप्पी बर्थडे ध्रुव
Friday, 8 April 2022
जितेश तलवानी की कलम से
#Controversies_of_the_week
समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ इस हफ्ते जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम!
आधा हफ्ता लगभग गुजर चुका था और ऐसा कुछ हो ही नहीं रहा था जिसको बवाल का नाम दिया जा सके....अब मैं कोई भारतीय मीडिया भी नहीं जो बिना बात का बवाल पैदा करवा सकूँ! मैं सोच सोच कर हलकान हो रहा था कि इस हफ्ते लिखूंगा क्या इस पोस्ट पर?
लेकिन फिर आया भगवान की दुनिया में शैतान का आदमी और फिर जो हुआ, आइए देखते हैं:
1. घोषणा करे एक तो रीप्रिंट दूसरा करता है.. भाई भाई में अक्सर ये होता है! जी हाँ, इस बार ये कांड किया गया RCSG द्वारा जब उन्होंने RCMCG द्वारा पहले से ही अनाउंस की हुई डोगा की "हे राम" सीरीज सीधे ऑर्डर करने के लिए जारी कर दी एकदम चुपके से.. बिल्कुल नो घोषणा, नो प्री-ऑर्डर, खरीदो ऑन दि स्पॉट वाला मामला!
इस "तेजी" को देखते हुए कई तरसते ग्राहकों ने नाम ना लेने की शर्त पर ये तक कह दिया कि इस लिहाज से तो RCMCG को नागपर्व और प्रलय का देवता भी लाने की घोषणा कर ही देनी चाहिए!
2. RCMG ने इस हफ्ते फिर से काठ की हांडी चढ़ाने की कोशिश की और अपने बचे हुए फाइटर टोड्स के कॉमिक्स गत्ता लगाकर बेचने के लिए CE की घोषणा की, लेकिन दाम देखते ही कॉमिक्स जनता की रीढ़ की हड्डी कंपकंपा गयी(spine chilling) ...हालांकि जो उद्घोषणा का पोस्टर जारी हुआ, उसमें Jumbooo surprise भी लिखा हुआ था, जिसके चलते कुछ भोले-भाले मगर गजब के जनूनी पंखों को लगा कि इस CE में जम्बू और फाइटर टोड्स का क्रॉसओवर भी होगा, लेकिन जल्दी ही ये साफ हो गया कि ये निरी कपोल कल्पना है, जस्ट लाइक ऑल कॉमिक्स!
3. अमरीकी प्रिंटर के आ जाने से जनूनी समाज में एक नया जोश आ चुका था.. सूत्रों की मानें तो कई लोगों ने अमरीकी प्रिंटर की फोटू प्रिंट करवाकर अपने बटुऐ में अपने बसपन के प्यार की फोटू के साथ रख ली है कि जैसे उसपर किया हुआ भरोसा काम आया, वैसे ही बसपन का प्यार भी वापसी आएगा ..रही सही कसर RCMCG की धड़ाधड़ आती अपडेट्स ने पूरी कर दी थी! माहौल ऐसा गर्म हो गया था कि लोगों को लगने लगा अमरीकी प्रिंटर एक दिन उनके लिए नोट भी प्रिंट करेगा और इस चक्कर में दूसरे खेमों में डर का माहौल है.. लेकिन पिछले एक हफ्ते से काफी ठंडा है मामला.. अटकलों का बाजार गर्म है.. कौनसी आएगी अगली कॉमिक्स? घोषणा क्यूँ नहीं हो रही? कहीं अमरीकी प्रिंटर भारत आकर आलसी और कामचोर तो नहीं हो गया? सवाल कई हैं, जवाब एक भी नहीं... देखते हैं कि आने वाला हफ्ता क्या नया गुल खिलाता है!
4. सस्ती कॉमिक्स अभियान को इस हफ्ते एक ex-बड़े कॉमिक्स सेलर के FB ग्रुप का समर्थन मिला.. जी हां, मैं बात कर रहा हूं उस कॉमिक्स सेलर के FB ग्रुप की, जिसके पास कोई कॉमिक्स बेचने को है ही नहीं! पढ़ने में बड़ा विरोधाभासी लग रहा होगा लेकिन जानने वाले जानते हैं कि यहां हैलो किताब खान की बात हो रही है! हालांकि जब वहाँ के मेंबरान से पूछा गया कि जब तुमने और कहीं से किताब खरीदनी ही नहीं है तो सस्ती आए या महँगी, तुमको क्या ही लेना देना तो कइयों ने दबी आवाज में बोला कि भैया इनकी हाँ में हाँ नहीं मिलाएंगे तो कहीं हमारे वॉलेट का पैसा ना जब्त हो जाए.. ये बोलकर वो लोग हैलो किताब खान से खरीदना है मेरा जनून का नारा लगाकर आगे चले गए!
5. जैसे फिल्मी दुनिया में एक मुकाम हासिल कर लेने का पैमाना है कि कलाकार को कॉफी विद करन में जाने का मौका मिल जाए उसी तरह कॉमिक्स जगत में एक मुकाम हासिल करने का पैमाना है जब भारतीय कॉमिक्स जगत का सबसे चर्चित जू-ट्यूबर किसी पर वीडियो बनाये! इस हफ्ते ये सौभाग्य प्राप्त हुआ मैं हूँ डोगा गाने के वीडियो को( यू मेड इट Rajat Mishra).. जब से वो वीडियो आया है तब से रजत मिश्रा 4 चाचा ढूंढ रहे हैं जो उनको सारी युद्धकला सिखाएँ जिसके बाद वो जू-ट्यूबर को मार सकें! वैसे तो जिसने भी उस जू-ट्यूबर का कोई भी वीडियो देखा है, उसको पता है कि वो कुछ भी बोल सकता है और आप उसके लॉजिक से बहस नहीं कर सकते क्यूंकि लॉजिक होता ही नहीं है, लेकिन इस बार उसने एक ऐसा ब्रह्मज्ञान दिया है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नज़ीर बनेगा क्यूंकि बकौल जू-ट्यूबर वीडियो पहले बनाना फिर डालना बेवकूफी है और लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए! मुझे नहीं लगता कि मैं जिंदगी में ये मुकाम कभी हासिल कर पाउंगा जहां मैं कुछ लिखने से पहले पोस्ट कर पाऊँ..
और वीडियो के अंत में उसने गाने की चंद लाइन "गाकर" भी सुनाई हैं हालांकि मेंढक के गले में कांच का टुकड़ा फंस जाए और जो आवाज निकले, उसे गाना गाना कहा जाएगा, इस बात को मानने के लिए कोई राजी नहीं हो रहा, लेकिन जब जू-ट्यूबर "गाता" है: गन्दगी में हूं पला मैं, गन्दगी से मैं नहीं डरता... तो लगा ये पंक्तियाँ किसी और के लिए हो ही नहीं सकती थीं! खैर, अब देखने वाली बात ये है कि अब जू-ट्यूबर की कृपादृष्टि किस पर पड़ेगी!
6. इस हफ्ते "बड़े वाले" कॉमिक्स ग्रुप पर एक कॉमिक्स की घटिया प्रिंटिंग क्वालिटी की निंदा करती हुई एक पोस्ट आयी, जो वैसे तो कोई बड़ी बात नहीं थी और ऐसी पोस्ट ना आए तो वहां कई लोगों का हाजमा खराब हो जाए लेकिन इस हफ्ते इतिहास कुछ ऐसे दोहराया गया कि इतिहास ही बदल दिया गया! एक मुगल आक्रान्ता ने उस पोस्ट पर वस्तुपरकता का ऐसा धावा बोला कि पहले तो वो पोस्ट डिलीट की गयी क्यूंकि वो पोस्ट एक ऐसी कॉमिक्स के संदर्भ में की गयी थी जो अभी रिलीज ही नहीं हुई थी.. हालांकि अपुष्ट सूत्रों से ये भी पता चला है कि पोस्ट करने वाले एड्मिन के पास पहले से ही फ्री कॉपी पहुँच जाती है जिसका वो बाद में "वो कहते हैं" लिखकर रिव्यू कर देते हैं लेकिन इस बार टाइमिंग थोड़ी गड़बड़ा गयी। मामला थोड़ा शांत होता उससे पहले ही एक और ऐसी पोस्ट हुई लेकिन वो मुगल आक्रान्ता तो जैसे घात लगाकर आघात करने के लिए तैयार बैठा था और उसने फटाफट उस ग्रुप के बाबा आदम के जमाने के Rull का हवाला देकर ही उस पोस्ट का भी भाजी पाला कर डाला! फिर उस ग्रुप के एक परम विशारद सर्वज्ञानी विद्वान ने ऐसी घटना की पुनरावृत्ति होने से रोकने के लिए ग्रुप के rull कुछ इस तरह जल्दबाजी में बदल डाले जैसे क्रिकेट में बॉल विकेटकीपर और दूसरी स्लिप के बीच में से निकल जाने के बाद फटाफट फर्स्ट स्लिप लगा ली जाती है! लेकिन इतने से भी मुग़ल आक्रान्ता के कलेजे को ठंडक नहीं पड़ी और उसने उस Rull चेंज वाली पोस्ट का भी तिया-पांचा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और ये कहना अतिश्योक्ति ना होगी कि इस पूरे प्रकरण में "बड़े वाले" ग्रुप को चलाने वाले कुछ लोग वाकई में "बड़े वाले" सिद्ध हुए!
7. मुगल आक्रान्ता के आक्रमण का प्रभाव कुछ ऐसा हुआ कि काफी अर्से के बाद, जो लोग काफी समय से कॉमिक्स के कागजों पर रखकर दाल-मोठ खाते दिखते रहे हैं, वो तक इस हफ्ते "मैं भी पाठक" की तख्ती लगाए देखे गए.. देखते हैं ये नया रूप कब तक दिखेगा!
8. भारत एक चूनामयी सॉरी चुनावमयी देश है और इसी तरह यहां का कॉमिक्स जगत भी चुनावमयी है.. कॉमिक्स जनता को मज़ा आता है चुनाव में और इस हफ्ते उसको चुनने का मौका मिला अपनी पहचान कि वो आखिर किस धड़े के हैं! चूंकि पोल "बड़े वाले" कॉमिक्स ग्रुप में हो रहा था इसलिए वहाँ के एड्मिनाती को लगा कि आज वो दिखा देंगे कि आखिर क्यूँ हैं वो सबसे बड़े वाले जब कॉमिक्स जनता के बाशिंदे निर्विवाद रूप से अपनी पहचान उनसे बताएंगे और उनको ही जितवाएंगे.. लेकिन जैसे जैसे वोटिंग होती गयी वैसे वैसे दिल के अरमां आंसुओं में बहने लगे.. पोल में कॉमिक्स जनता ने बिल्कुल एकतरफ़ा फैसला सुनाया कि उनकी पहचान किसी कॉमिक्स ग्रुप की मोहताज नहीं है और कॉमिक्स ग्रुप उनसे है ना कि वो कॉमिक्स ग्रुप से.. कुछ कुछ मैं हूँ तो तू है वाला मामला! ये नतीजे आते ही एक विद्वान आगबबूला हो उठा और अपुष्ट सूत्रों के अनुसार कॉमिक्स जनता को गद्दार और खाते इधर का, गाते खुद का जैसे अलंकरणों से नवाजते सुना गया! हद तो तब हुई जब बाकायदा पोस्ट करके मेंबरान पर गाज गिराने जैसी बातें कही गयीं.. खैर, उस पोस्ट पर काफी "हाहा" रिएक्ट आए तो मतलब ये तो पक्का है कॉमिक्स जनता ने बात सुनी तो है, लेकिन क्या उस दर्दीली भावना को समझा, जिसके तहत वो पोस्ट की गयी? मुझे तो ऐसा नहीं लगा, बाकी ज्ञानी जन कमेन्ट सेक्शन में बताएं।
सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें...
मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!
Tuesday, 29 March 2022
जितेश तलवानी की कलम से
#Controversies_of_the_week
समय बिताने के लिए करना है कुछ काम, आओ शुरू करें गिनना, हुआ जो कॉमिक्स की दुनिया में भसड़े-आम।
तो दोस्तों आइए देखें कैसा बीता ये हफ्ता कॉमिक्स जनता का:
1. RCMG द्वारा सुपर कमांडो ध्रुव की ब्रांड-न्यू 3 पार्ट 1 शॉट कॉमिक्स शक्तिरुपा रिलीज की गयी। हालांकि नयी कॉमिक्स के इस अकाल काल में ऐसी कॉमिक्स का रिलीज होना अपने आप में किसी उत्सव की तैयारी करने वाली खबर से कम नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन शक्तिरुपा की खबर आते ही विवादों में ऐसे घिरी जैसे दमपिशाचों के बीच में हैरी पॉटर... क्यूंकि पूरी होते हुए भी शक्तिरूपा अधूरी है। इसके बावजूद हर्षोल्लास से शक्तिरूपा का स्वागत हुआ और भोली जनता में उम्मीद फिर से जगी कि शायद इसी तरह बाकी की रुकी हुई सीरीज़ पूरी हो सकें हालांकि जानकारों की मानें तो अब मुद्दा और उलझेगा।
2. इस हफ्ते का दूसरा बड़ा बवाल भी शक्तिरूपा की वजह से ही हुआ। प्रचार हुआ कि शक्तिरूपा की बिक्री ने कॉमिक्स जगत में सबसे तेजी से OOS होके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और नटराज फिर चैम्पियन! कैडेट मण्डली भी ऐसे बौराई और उछलना शुरू हुई जैसे कॉमिक्स की बिक्री का कुछ हिस्सा इनको भी जा रहा हो.. लेकिन कॉमिक्स जगत में जब भी कुछ ऐसा होता है तो एक आवाज़ आती है: रुको ज़रा, सबर करो! और इस बार भी ऐसा ही हुआ क्यूंकि बार बार पूछे जाने पर भी RCMG वालों ने ये नहीं बताया कि उन्होंने असल में छापी कितनी कॉपियां थीं और इस जानकारी के अभाव में उनका ये दावा संदिग्ध हो गया! रही सही कसर तब पूरी हो गयी जब RCMG वालों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शक्तिरूपा की सबसे तेज गति से OOS हो जाने वाली कॉमिक्स की एंट्री नहीं भेजी। खैर, देखते हैं भविष्य में इस पर क्या नई जानकारी आती है!
3. RCMG द्वारा शक्तिरूपा रिलीज किए जाने का अगर सबसे बड़ा धक्का अगर किसी को लगा तो वो लगा RCSG को... उनको तो ऐसा लगा कि उनके साथ थारा भाई जोगिंदर वाला प्रैंक हुआ है... यो जोगिंदर, थारा भाई जोगिंदर, ऐसे यथारूप वाली कॉमिक्स निकाल देगा, किसी ने सोच्ची ना होगी... और इसी मलाल में RCSG की तरफ से खूब व्यंग्य के बाण चले और कॉमिक्स जनता, जो कि महँगी कॉमिक्स से त्रस्त है, ने इस फ्री शो के खूब मजे लिए। कई लोगों ने नाम ना बताने की शर्त पर ये तक कह दिया कि ऐसा उच्च स्तरीय मनोरंजन उन कॉमिक्स में क्यूँ नहीं देते दोनों भाई, जो लोग इतने महंगे दाम देके खरीद रहे हैं!
4. कॉमिक्स जगत में एक बहुत बड़ा मुद्दा ये रहा है कि आर्टिस्टों को उनके किए हुए काम का यथोचित क्रेडिट और सम्मान नहीं मिलता और शक्तिरूपा में भी ऐसा ही हुआ, जब कलरिस्टों के नाम की जगह राज कॉमिक्स टीम लिखा गया, जिस पर कई लोगों को आपत्ति हुई लेकिन उन लोगों को इतना समझना चाहिए कि जब RC के पुराने काम को ही अपना बता दिया गया तो कलरिस्टों के नाम ना लिखना कौन सी बड़ी बात हो गई!
5. नागायण CE के लॉन्चोत्सव से शुरू हुआ बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है और हर दिन कुछ नया निकल आ रहा है। इस बार भी RCSG वालों की तरफ से तो पहले ऐसे रुझान दिए गए कि यूनीक नंबर सिर्फ पहले 200 CE तक दिया जाएगा और जब इस बात पर लानत मलानत हुई ये कहकर कि कोई सेन्स है इस बात की?.. तब खंडन किया गया लेकिन जिन बवालियों ने ना पहले लेनी थी, ना अब.. उनको इस स्पष्टीकरण से भला क्या लेना-देना!
6. नागपर्व का एनीमेटेड ट्रेलर बहुत ही लम्बे इंतजार के बाद RCSG द्वारा रिलीज किया गया। हालांकि आम कोमिक्स जनता को काफी पसन्द आयाऔर लगभग सबने अपने चहेते सुपरहीरोज के नए नवेले लुक को सराहा लेकिन एक सुपरहीरो के तथाकथित पंखे एकदम कबीर सिंह मूड बनाकर बोले: किसने ध्रुव के लुक को चेंज किया मदरबोर्ड हालांकि ऐसा करते हुए वो शादी-पार्टी में मुँह फुलाए घूमते मौसा-फूफा ज़्यादा लगे... चीखते ही रहे वो मासूम!
7. और आखिर में, इस हफ्ते दो नयी कॉमिक्सों की घोषणा हुई जो वैसे तो बहुत ही खुशी की बात है क्यूंकि उसमें से एक है सर्पसत्र सीरीज का तीसरा भाग सर्पयज्ञ.. लेकिन जैसे ही डिटेल्स आयीं, कॉमिक्स जनता का दिमाग वैसे ही घूम गया जैसे सर्पद्वंद पढ़कर किसी पाठक का घूम जाता है क्यूंकि कॉमिक्स की बढ़ी कीमतों और लम्बी खिंचती हुई सीरीज के माहौल में, जिन जनूनियों ने RCMG के नाम की जीने मरने की कसमें खा ली थीं, उसी ने नयी कॉमिक्स के पेज 48 से घटाकर 32 किए (33% गिरावट) लेकिन कीमत 200 से घटाकर केवल 180 किया(10% घटोतरी)!
जनूनियों ने सोचा था कि RCMG से करेंगे नयी सस्ती कॉमिक्स की आस, पर वहां भी उनका भाजी-पाला निकला...
जनूनियों की समझ में नहीं आ रहा कि अब वो प्रति पेज कॉस्ट कैसे निकालें... 180/32 वाले फॉर्मूले से या 20/16 वाले!
रही सही कसर कॉमिक्स इंडिया वालों ने 100/32 का नया फार्मूला देकर पूरी कर दी!
जनूनी बी लाईक: आखिर हम करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या?
सदस्यगण कृपया बताएं कि वो इन मुद्दों के बारे में क्या सोचते हैं और अगर कोई मुद्दा रह गया हो तो उसकी जानकारी भी दें...
मिलते हैं अगले हफ्ते कुछ नई मौजों के साथ!
Friday, 18 March 2022
जितेश तलवानी की कलम से
साल:2022
समय: रात के करीब 8 बज रहे हैं
स्थान: दिल्ली एयरपोर्ट
एक आदमी अपनी इंग्लैंड जाने वाली फ्लाइट के लिए चेक-इन और इमिग्रेशन आदि की औपचारिकताओं से फारिग हो चुका है और उसके पास लगभग 20-25 मिनट का समय है फ़्लाइट बोर्ड करने के लिए...
वो सोचता है कि सफ़र के लिए कोई किताब ले ली जाए और वो एयरपोर्ट के बुक स्टोर में चला जाता है। वहां उसको भिन्न-2 प्रकार की किताबें दिखती हैं लेकिन उसका मन किसी भी किताब को लेने के लिए बन नहीं पा रहा। वक़्त गुज़रता जा रहा है, सफ़र लम्बा है और उसको अब एक किताब बहुत ही जल्द चुननी ही होगी, अगर पूरे रास्ते बोर नहीं होना। वो सोच ही रहा था कि अचानक उसकी नजर एक शेल्फ पर पड़ी.. पहले तो उसको अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ लेकिन जब उसने करीब जाके देखा तो उसका दिल कुलांचे मार उठा! ये... ये तो कॉमिक्स है.. अरे वाह.. वही कॉमिक्स जिसे पढ़कर उसका बचपन गुज़रा.. बचपन में जिसे खरीदे बिना वो ट्रेन में नहीं चढ़ता था और पूरे सफ़र में उस एक कॉमिक्स को ना जाने कितनी बार पढ़ता था जब तक वो सारे चित्र उसकी आँखों के जरिए दिल तक ना उतर जायें... चाचा चौधरी, नागराज, ध्रुव, बिल्लू, पिंकी, राम रहीम... इन सब की कई पढ़ी हुई कॉमिक्स की याद अब तक उसके ज़हन में थी।
उसने देखा कि उस कॉमिक्स का नाम था शक्तिरुपा, सुपर कमांडो ध्रुव की थी वो कॉमिक्स... उस आदमी ने कुछ पन्ने पलटे और ऐसा लगा कि जैसे गुज़रा वक़्त वापिस आ गया है क्यूंकि स्कूल के बाद कॉमिक्स से उसका नाता टूट गया था और उसको तो यही लगता था कि शायद अब कॉमिक्स आना ही बंद हो गयी क्यूंकि अब वो दिखती नहीं थी उसको कहीं... लेकिन आज ये कॉमिक्स हाथ में लेकर उसकी खुशी का ठिकाना ना था। उसने इस नयी कॉमिक्स को ही खरीदने का निश्चय किया, पेज भी अच्छे खासे थे तो उसका सफ़र आराम से कट जाता। कॉमिक्स लेकर जब वो बिलिंग काउन्टर पर पहुंचा तो कॉमिक्स की कीमत सुनकर ही उसको एक जोर का झटका लगा... 1100 रुपयों की कॉमिक्स? इतनी महँगी? उसको तो कोहराम कॉमिक्स की कीमत याद थी 40 रुपये, जिनको इकट्ठा करने के लिए उसने एक हफ्ता स्कूल में कुछ नहीं खाया था और अपना पेट काटकर उन बचाए हुए पैसों से वो कॉमिक्स खरीदी थी और जब घर पर पता चला कि 40 रुपये की कॉमिक्स खरीदी है तो खूब डांट भी पड़ी थी.. ये शक्तिरूपा कॉमिक्स उससे दुगनी मोटी लग रही थी, लेकिन कीमत में कई गुना ज़्यादा थी!
खैर, अब ज़िन्दगी में एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया था कि कुछ खरीदते हुए कम से कम रुपये-पैसे की तो दिक्कत नहीं थी, इसलिए उस आदमी ने शक्तिरूपा खरीद ली और अपने बैग में डाल ली और फ्लाइट बोर्ड करने चल दिया।
बोर्डिंग समयानुसार हुई और उड़ान भी समय पर थी... फ्लाइट टेक ऑफ हुई और विमान हवा में उड़ चला हीथ्रो एयरपोर्ट की तरफ...
आदमी ने कमर की पेटी खोली और बड़े ही इत्मिनान से अपने बैग से कॉमिक्स निकालकर पढ़ना शुरू कर दिया। उसको बहुत मज़ा आ रहा था, हालांकि उसको ये भी लग रहा था कि कई चीजें हैं कहानी में, जो उन कॉमिक्सों से सम्बन्धित हैं, जो उसको पता भी नहीं थी कि आयी हैं... फ्लाइट और कहानी काफी तेजी से बढ़ रहे थे हालांकि उस आदमी को हिन्दी पढ़ने में थोड़ी असुविधा हो रही थी क्यूंकि कई सालों से उसने हिन्दी में कुछ भी नहीं पढ़ा था लेकिन वो एक चीज़ समझ पा रहा था कि इस कॉमिक्स की हिन्दी का स्तर उतना उच्च नहीं था जितना उसके बचपन में पढ़ी हुई कॉमिक्स में होता था।
खैर, उसने देखा कि कहानी पार्ट्स में है और वो एक पार्ट खत्म करके दूसरा पार्ट पढ़ रहा था... अब जैसे ही उसने दूसरा पार्ट खत्म करके तीसरा पार्ट शुरू करने के लिए पन्ना पलटा, उसको समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है.. किधर गए रंग? उसको लगा शायद इस पेज में कोई तकनीकी दिक्कत हुई होगी तो रंग नहीं भरा गया होगा, इसलिए उसने आगे के पन्ने पलटे.. लेकिन वो आगे के पन्ने भी बेरंग निकले... वो आदमी एकदम हैरान परेशान हक्का-बक्का सा रह गया... उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि कहानी के तीसरे हिस्से में रंग क्यूँ नहीं हैं? कहीं उसके हिस्से में डिफेक्टिव कॉमिक्स तो नहीं आ गयी? ऐसा कैसे हो सकता है..? अचानक उसके दिमाग में ख्याल आया, कहीं ये तीसरा पार्ट 3-D कॉमिक्स तो नहीं है, जिसको 3-D चश्मा लगाकर पढ़ना पड़ता हो, जैसे उसने बचपन में जंगल की रानी नाम की कॉमिक्स पढ़ी थी?शायद तभी कॉमिक्स इतनी महँगी थी, लेकिन फिर बुक स्टोर वाले ने उसको वो 3-D चश्मा दिया क्यूँ नहीं? उसने कॉमिक्स के कवर को ध्यान से देखा कि शायद कहीं 3-D चश्मे के बारे में लिखा हो लेकिन ऐसा भी नहीं था!
सवाल कई थे, लेकिन जवाब एक भी नहीं.. और फ्लाइट में उसके पास इसके बारे में पता लगाने का कोई साधन भी नहीं था....
लन्दन करीब आ रहा था, लेकिन कॉमिक्स की कहानी अब कहीं पीछे छूट चुकी थी और अब दिमाग में थे तो बस सवाल.....
#ShaktiRoopa
#KuchBhi